Nojoto: Largest Storytelling Platform
shivamsingh9628
  • 27Stories
  • 46Followers
  • 130Love
    0Views

shivam singh

  • Popular
  • Latest
  • Video
e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

हम बदनाम सही ,बेकार नहीं
बर्बाद सही, बेईमान नहीं

अहल-ए-वफ़ा है इसीलिए सुन लेते है
वरना अगर हम बेवफा 
तो तुम भी बड़े वफादार नहीं

©shivam singh #AkelaMann
e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

#FourLinePoetry तुमने दिल तोड़ा है
इसकी नुमाइश ना कोई महफ़िल,
ना कोई फसाना करेगा

हम तो शांत ही रहेंगे
बदनाम हमे पूरा जमाना करेगा

©shivam singh dard-e-dil

#fourlinepoetry

dard-e-dil #fourlinepoetry

e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

बदनाम शायरी का दीवान हूं
मै एक बेहके कलम की आवाज़ हूं।

पढने वाले मुझे जरा ध्यान से 
हर पन्ना पलटना इत्मीनान से 

मै हर पन्ने में कुछ खास हूं।

©shivam singh
  #दीवान_ए_बदनाम
#कलाकार_ए_गुरूर
e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

इस मतलबी दुनिया में 
एक वहीं है जो मेरा पागलपन झेलता है 

कैसे ना दू तवाज्जुम उसे अपने खुदा जैसा  
एक वहीं तो है जिसके साथ सुकून से मेरा दिल धड़कता है    
😘
e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

तेरे मेरे रिश्ते के लिए ही
थोड़ी दूरी बनाई है 

इसे ताउम्र मत समझना 

बस कुछ दिनों की बात है 

बेशक मै तुझे बहुत याद करूं 

लेकिन कुछ दिन तू मुझे याद मत करना 😟
e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

 illahi
e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

इल्म की कलम
तालीम बताती है.....

        दिल दर्द सेहता है 
और नज़रे गवाह बनती है 

चलो आज थोड़ी देर साथ बैठो 
इल्म का एक नज़राना पेश करूं मैं 

थोड़ी सुकून भारू मै 

अब यह जिंदगी फना करू मै
e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

Today's Evening in 7 Words अस्तागफिरुल्लह 2019 
अलहम्दुलिल्लाह 2020

हो जाओ साथ सब 
खत्म हो गए शब्द सात अब

e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

दूसरे जाम का पहला घूंट
दिन था मुलाकात का 
हाथ छूटा साथ का दिल का 


दिल तो अब गवा बैठे थे 
हाथ में था बस उनका हाथ 
तीसरा जाम जो खोला उन्होंने
सांसे चलने लगी साथ में उनके

अब इतनी बेकरारी कोई कैसे जिएं भला 
चाहिए था कुछ  जो बनाए करार का सिलसिला


पूछा उनसे कुछ तो दो सिला 

कहा उन्होंने:- अब जो राह चुना है साथ में मेरे 

दिल ने कहा :- मंज़िल ऐ खुदा है दर पे तेरे
e0d4b37868b8611d132e7536689677e9

shivam singh

intezaar kaafi derr kiya tha 
isiliye gussa itna gehra aaya 


phir bhi tere pyaar ke saamne is gusse ki koi haisiyat nahi

dukh toh iska hai ki 
teri nazro me mere intezaar ki koi 
एहमियत nahi
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile