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नीतिका सक्सेना

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नीतिका सक्सेना

  #Poetry #nojoto #hindi #love #feel #touch
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नीतिका सक्सेना

ज़िन्दगी तू...

खुशियों ने मुँह मोड़ लिए।
अपनो ने हाथ छोड़ दिए।
उम्मीदें अब टूट सी रही है।
ज़िन्दगी क्यों तू रूठ सी रही है?

साहिलों पर पहुँच कर भी,मंज़िले दूर है।
छाव में भी अब चुभती धूप है।
हौसलो की डोर अब छूट सी रही है।
ज़िन्दगी क्यों तू रूठ सी रही है?

सपनो की अब सिर्फ लाशें बची है।
ख्वाबो की अर्थी दरवाज़े खड़ी है।
दर्दो से यारी अब हो ही चुकी है।
ज़िन्दगी अब तो तू रूठ ही चुकी है।

आँसुओं से रोज़ भीग रही हूँ।
जीने की चाह अब छोड़ रही हूँ।
मौत सी हर पल जीते जी आ रही है।
ज़िन्दगी तू क्यों अब तक साथ निभा रही है?

सुबहो की रोशिनी अब चुभती है।
सुकून तो केवल अंधेरी रातें देती है।
नींद अब आने सी लगी है।
ज़िन्दगी तू अब जाने सी लगी है। ज़िन्दगी तू...

खुशियों ने मुँह मोड़ लिए।
अपनो ने हाथ छोड़ दिए।
उम्मीदें अब टूट सी रही है।
ज़िन्दगी क्यों तू रूठ सी रही है?

साहिलों पर पहुँच कर भी,मंज़िले दूर है।

ज़िन्दगी तू... खुशियों ने मुँह मोड़ लिए। अपनो ने हाथ छोड़ दिए। उम्मीदें अब टूट सी रही है। ज़िन्दगी क्यों तू रूठ सी रही है? साहिलों पर पहुँच कर भी,मंज़िले दूर है।

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नीतिका सक्सेना

ऐ रात....

कही किसी को अकेलेपन में सिराहना भिगोते,
तो किसी के झूठ के मुखौटे उतरते देखे होंगे।
ऐ रात, तूने तो कितनो के असली रूप देखे होंगे।

कितनो को सुकून की नींद सुलाया होगा।
और कितनो को रात भर जगाया होगा।
ऐ रात, तूने तो कितनी आँखों मे एक ख्वाब सजाया होगा।

एक माँ को चिंता अपने बच्चे के लिए,
और उसी बच्चे को बेफिक्री की नींद दी होगी।
ऐ रात, तूने तो कितनो को जीने की उम्मीद दी होगी।

जवानी के दौर में ही टूटे ख्वाब,
या फिर ज़िम्मेदारियों से झुके कंधे पिता के देखे होंगे।
ऐ रात, तूने तो कई प्रकार के थके चेहरे देखे होंगे।

भटको को सफर में रास्ता दिखाया होगा,
और अंधेरी गलियों को चमकाया होगा।
ऐ रात, तूने तो अपनी चाँदनी से जहां खूबसूरत बनाया होगा।

ना जाने कितने लेखको को प्रेरणा,
और कितनो को लिखने की वजह दी होगी।
ऐ रात, तूने तो कितनो के हाथ मे कलम थमाई होगी।

काफी दिलो में अरमान जगाए होंगे,
और काफी मन भी बहकाए होंगे।
ऐ रात, तूने भी तो अपनी खुमारी के लुत्फ उठाए होंगे। ऐ रात....

कही किसी को अकेलेपन में सिराहना भिगोते,
तो किसी के झूठ के मुखौटे उतरते देखे होंगे।
ऐ रात, तूने तो कितनो के असली रूप देखे होंगे।

कितनो को सुकून की नींद सुलाया होगा।
और कितनो को रात भर जगाया होगा।

ऐ रात.... कही किसी को अकेलेपन में सिराहना भिगोते, तो किसी के झूठ के मुखौटे उतरते देखे होंगे। ऐ रात, तूने तो कितनो के असली रूप देखे होंगे। कितनो को सुकून की नींद सुलाया होगा। और कितनो को रात भर जगाया होगा। #Poetry #Hindi #poem #nojotohindi

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नीतिका सक्सेना

 #nojoto #hindi #love #twoliner #nojotohindi
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नीतिका सक्सेना

खड़ी मैं चौराहे पर पूर्ण बदन वस्त्रो में,
फिर भी तुम्हारी नज़रो ने मुझे निर्वस्त्र कर दिया।
क्या इसी को तुम अपनी मर्दांगी कहते हो?

बीवी को अपनी अपशब्द बोलते हो।
मर्ज़ी हो उसकी या नही, तुम अपनी भूख मिटाते हो।
क्या इसी को तुम अपनी मर्दांगी कहते हो?

स्त्री के आगे बढ़ने पर, सभ्यता का हवाला देते हो।
पर खुद असभ्यता की मूरत हो।
क्या इसी को तुम मर्दांगी कहते हो?

अपनो के साथ गलत हो तो सहम जाते हो,
लेकिन औरो की माँ बहनो को तुम रौंद जाते हो।
क्या  इसी को तुम मर्दांगी कहते हो?

क्या सच मे तुम मर्दांगी इसी को कहते हो? #nojoto #hindi #poetry
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नीतिका सक्सेना

बात - बात पर झगड़ कर तुमसे,
मैं रूठ जाया करूँगी।
तुम प्यार से मेरा हाथ पकड़ना ,
मैं मान भी जाया करूँगी।
चलो ना करते ऐसी मासूमियत वाली मोहब्बत।
भूल कर के सारे शिकवे गिले,
चलो करते है एक बार फिर मोहब्बत।

तड़पा करूँगी तुम्हे गले लगाने को,
और तुम्हे देखने को बेचैन रहा करूँगी।
आकर के तुम्हारी बाहों में,
मैं तुम में घुल जाया करूँगी।
चलो ना करते ऐसी जुनूनीयत वाली मोहब्बत।
भूल कर के सारे शिकवे गिले,
चलो करते है एक बार फिर मोहब्बत।

तुम आना थक करके काम से,
मैं तुम्हारे लिए चाय बनाया करूँगी।
बैठ कर के तुम्हारे बगल,
तुम्हारी शिकायतें सुना करूँगी।
चलो ना करते ऐसी सादगी वाली मोहब्बत।
भूल कर के सारे शिकवे गिले,
चलो करते है एक बार फिर मोहब्बत।

दम तेरी गोद मे निकले मेरा,
और साँसें भी साथ ही टूटे हमारी।
सारी ज़िन्दगी भी संग गुज़ार कर,
हमे ज़िन्दगी काम पड़ जाए हमारी।
चलो ना करते है ऐसी रूहानियत वाली मोहब्बत।
भूल कर के सारे शिकवे गिले,
चलो कर ही लेते है एक बार फिर मोहब्बत। फिर मोहब्बत

बात - बात पर झगड़ कर तुमसे,
मैं रूठ जाया करूँगी।
तुम प्यार से मेरा हाथ पकड़ना ,
मैं मान भी जाया करूँगी।
चलो ना करते ऐसी मासूमियत वाली मोहब्बत।
भूल कर के सारे शिकवे गिले,

फिर मोहब्बत बात - बात पर झगड़ कर तुमसे, मैं रूठ जाया करूँगी। तुम प्यार से मेरा हाथ पकड़ना , मैं मान भी जाया करूँगी। चलो ना करते ऐसी मासूमियत वाली मोहब्बत। भूल कर के सारे शिकवे गिले, #Poetry #Love #writer #loveforwords

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नीतिका सक्सेना

 बिछड़ती मोहब्बत

आज जो तुम मुझसे नफरत करने लगे हो,
तो क्या मैं तुमसे कुछ बातें कर सकती हूँ?
रख कर तुम्हारे कंधे पर सिर, 
तुम्हारे लिए लिखी ये कविता पढ़ सकती हूँ?

याद तो होंगी ही तुम्हे वो हसीन राते,

बिछड़ती मोहब्बत आज जो तुम मुझसे नफरत करने लगे हो, तो क्या मैं तुमसे कुछ बातें कर सकती हूँ? रख कर तुम्हारे कंधे पर सिर, तुम्हारे लिए लिखी ये कविता पढ़ सकती हूँ? याद तो होंगी ही तुम्हे वो हसीन राते, #Poetry #Hindi #poem

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नीतिका सक्सेना

ये शोर-गुल अब चुभने लगा है मेरे कानो को।
ऐ मौत आ, अब ज़िन्दगी में सन्नाटा करने को।

नही रास आती अब मुझे ये चका-चौंध।
आ जा अब इन आँखों मे अंधेरा करने को।।

बहुत खा लिए पीठ में छुरे मैंने अपनो से।
आ अब इन ज़ख्मो पर मरहम लगाने को।।

काफी रातें जग कर मैं  गुज़ार चुकी हूँ।
ऐ मौत आ, अब हमेशा के लिए मुझे सुलाने को।। #nojoto #poetry #death #life
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नीतिका सक्सेना

बारिश उसे एकदम पसंद नही, फिर भी मेरे संग वो भीग लेता है। हाँ वो ऐसा ही है। और मुझे ऐसा ही वो भाता है। अक्सर मुझसे गुस्सा रहता है, पर जो मैं रूठो तो टूट जाता है। हाँ वो ऐसा ही है। #Poetry #Love #poem

बारिश उसे एकदम पसंद नही, फिर भी मेरे संग वो भीग लेता है। हाँ वो ऐसा ही है। और मुझे ऐसा ही वो भाता है। अक्सर मुझसे गुस्सा रहता है, पर जो मैं रूठो तो टूट जाता है। हाँ वो ऐसा ही है। #Poetry #Love #poem

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नीतिका सक्सेना

वैसे तो इस इश्क़ की परिभाषएँ कई है,
फिर भी इश्क़ को कोई समझा नही।
मैंने पूछा भी कुछ आशिको से।
तो एक शायर ने बताया कि,
इश्क़ कविता है।
और बैठी जो मयखाने में,
तो शराबी बोला इश्क़ एक नशा है।
दीवानों ने कहा इश्क़ में मज़ा है,
और जिन्हें थी एक तरफा चाहत 
उनके लिए तो इश्क़ सज़ा है।
पर मेरी समझ से तो इश्क़,
बस इश्क़ है।
अंदाज़ अपना चुन लो,
परिभाषा अपनी बुन लो।
अरे इश्क़ की कोई परीक्षा थोड़ी,
जो समझ कर ही करो।
नासमझी से करो,
तो भी वो इश्क़ ही है।
इश्क़ बस इश्क़ ही है।
सादगी से भरा,
दुनिया से अनजान,
बस इश्क़, और सिर्फ इश्क़। वैसे तो इस इश्क़ की परिभाषएँ कई है,
फिर भी इश्क़ को कोई समझा नही।
मैंने पूछा भी कुछ आशिको से।
तो एक शायर ने बताया कि,
इश्क़ कविता है।
और बैठी जो मयखाने में,
तो शराबी बोला इश्क़ एक नशा है।
दीवानों ने कहा इश्क़ में मज़ा है,

वैसे तो इस इश्क़ की परिभाषएँ कई है, फिर भी इश्क़ को कोई समझा नही। मैंने पूछा भी कुछ आशिको से। तो एक शायर ने बताया कि, इश्क़ कविता है। और बैठी जो मयखाने में, तो शराबी बोला इश्क़ एक नशा है। दीवानों ने कहा इश्क़ में मज़ा है, #Poetry #Love #Hindi #poem #ishq

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