पवित्र आत्मा पिता की आशीष। हम इन बातों के गवाह हैं और वैसे ही पवित्र आत्मा भी , जिसे परमेश्वर ने उन्हें दिया है। जो उसकी आज्ञा मानते है । ( प्रेरितो के काम ५;३२ ) । लूका ११;१३, उन बहुत से वचनो में है, जिनको पवित्र आत्मा ग्रहण करने के विषय में गलत समझा; और इस्तेमाल किया गया है । वहाँ यीशु ने कहा , जब तुम बुरे होकर, अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो , तो स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा ? किंतु तब वह मसीहो से बात
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Gaurav Christ
यीशु मसीह के द्वारा शासन करते हुए। क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया , तो जो लोग अनुग्रह और सत्यनिष्ठा का वरदान बहुतायत से ग्रहण करते हैं वे एक मनुष्य के , अर्थात् यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्त जीवन में राज्य करेंगे ( रोमियो ५:१७ ) । रेखाकिंत शब्द " द्वारा ” वह ग्रीक में “ डिया " है ; हमे जीवन में यीशु मसीह के द्वारा राज्य करना है । हजार साल के युग में , हम उसके द्वारा राज्य नही करेंगे , किंतु उसके साथ राज्य करेंगे । हम उसके साथ नए स्वर्ग और नई प
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हर एक वस्तु, जिसकी आपको तलाश है। और हर एक आशीष, जो अपने जीवन में आप चाहते हैं । वह मसीह में हमें पहले ही दे दी गई है। आइए इसे आज के टॉपिक में समझते हैं । उसकी सारी आशीषे पहले ही पूरी हो चुकी है। क्योंकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएँ हैं , वे सब मसीह में, और मसीह के द्वारा, एक बड़ी हाँ के साथ पूरी हो चुकी हैं । इसलिये उसके द्वारा आमीन भी हुई कि; हमारे द्वारा परमेश्वर की महिमा हो ।( २ कुरिंथियो १;२० ) । आपके लिए परमेश्वर का वचन, केवल वाचाएं नही है ; वे सच्चाई के कथन है । मसीह म
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क्या आपको पता है, आप जो भी कुछ सोचते हो; वह हमारे भौतिक जीवन में प्रकट होता जाता है। शायद आप किसी बुरी परिस्थिति, कर्ज या बीमारी के विषय में चिंतित हो; यह आपके जीवन में उस चीज को बढ़ा देगी, जिस का चित्र आप अपने दिमाग में; चिंता के द्वारा परिकल्पना करते हो। आइए आज इसे हम परमेश्वर के वचन से समझते हैं , आज का विषय है ..! किसी भी बात की चिंता मत करो ।
इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएँगे , या क्या पीएँगे , या क्या पहिनेंगे ? क्योंकि अन्यज
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औऱ तुम उसी में, भरपूर हो गए हो, जो सारी प्रधानता; और अधिकार का शिरोमणि है । जब आप परमेश्वर के इस वचन पर, मनन करना शुरू कर देते है; तो आप वही बन जाते हैं, जो वचन कहता है । जब हम ईशु को ग्रहण करते हैं, तो हम परमेश्वर की परिपूर्णता को ग्रहण करते हैं। आइए इसे आज के टॉपिक, "आप में उसकी परिपूर्णता" मैं समझते हैं।. क्योंकि उसकी परिपूर्णता में से हम सब ने प्राप्त किया। अर्थात् अनुग्रह पर अनुग्रह। ( यूहन्ना १;१६ ) । यीशु के आने से पहले पवित्र आत्मा, मनुष्यों के ऊप
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आप चाहे कुछ भी प्राप्त क्यों ना कर ले, आपके सपने भी आपको कुछ समय के लिए ही, संतुष्ट कर सकते हैं। यदि आप कुछ समय के लिए यह परिकल्पना करें: कि आपके पास वो सब है, जो आपको चाहिए। फिर भी यह आपको तृप्त नहीं कर पाएगा; क्योंकि इस जीवन में, सबसे महत्वपूर्ण वस्तु; जो आप को तृप्त कर सकता हैं, और आप को परिपूर्णता की अनुभूति दे सकता हैं: वह पवित्र आत्मा है। आइए हम इसे आज का टॉपिक, "आत्मा की सहभागिता " में समझते है। प्रभु यीशु मसी #nojotovideo
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सालों पहले, यह कहानी प्रसिद्ध थी। की एक शेर का बच्चा; भटक कर भेड़ियों के झुंड में चला गया। और भेड़ियों ने उसे दूध पिलाया और पाला। वह तब तक भेड़ियों की तरह जिया; जबतक उसनें शेर की सच्चाई को देख न लिया। उसने अपनी पहचान पूरी तरह से खो दी थी। आज भी हमारे साथ ऐसा ही है। और पवित्र शास्त्र बाइबल हमें बताती है, कि हम एक चुना हुआ वंश, और परमेश्वर की निज प्रजा है। हम अंधकार से छूटकर, परमेश्वर के प्रिय पुत्र के राज्य में लाए गए हैं। आज का हमारा विषय है।। आप प्रकाश में है। #nojotovideo
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क्या आपको पता है, परमेश्वर ने सारी सृष्टि को कैसे बनाया ? परमेश्वर ने अपने शब्द कहे, और ब्रह्मांड और इसमें कि सारी वस्तुएं, उत्पन्न हो गई। सारा ब्रह्मांड आज भी परमेश्वर और उसके पुत्र ईशु के; अधीन है। यही कारण है, कि यीशु के वचनों द्वारा, कई बीमार चंगे हो गए। और कई चिन्ह और चमत्कार आज भी उसके वचनों से, विश्व के कई भागों में हो रहे हैं।। आज का हमारा विषय है। "हर वस्तु मसीह के अधीन है। वह बोल ही रहा था; कि देखो , एक उजले बादल ने उन्हें ढक लिया , और देखो , उ #nojotovideo
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ईशु परमेश्वर का आज्ञाकारी था, इसलिए उसने हमारे सारे पापों और श्रापों को; अपने ऊपर ले लिया, और क्रूस को स्विकारा। ताकि उसकी आज्ञाकारीता द्वारा; हम परमेश्वर के ग्रहण योग्य हो सके, और आपकी आशीषे; किसी भले कार्यों के कारण नहीं; बल्कि मसीह में आपकी विरासत है। आइए इसे आज के टॉपिक; "उसके आज्ञाकारीता के फल" में समझते हैं।
इसलिये जैसा एक अपराध; सब मनुष्यों के लिये, दण्ड की आज्ञा का कारण हुआ , वैसे ही एक सत्यनिष्ठा का काम भी; सब मनुष्यों के लिये , जीवन और सत्यनिष्ठ ठहराए जाने का कारण ह #अनुभव#nojotovideo
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हम में से बहुत ऐसे हैं, जो आज की स्थितियों के लिए; अपने अतीत को जिम्मेदार ठहराया है, वे अपने जीवन में; कह रहे होते हैं; कि यदि उन्हें सही समय पर यह बातें पता होती। तो आज वे बहुत बड़े मुकाम पर होते। और शायद उन्हें यह पता नहीं, जैसे ही आप येशु को अपना प्रभु स्वीकार करते हैं। उसी समय, पवित्र आत्मा आप के भीतर रहने आ गया है। और यदि हम उसे अपना नियंत्रण देते हैं; और उसके निर्देशों पर चलते हैं। तो हमारा जीवन सुंदर और आनंदित हो जाता है। आज का हमारा विषय है ।। "उसके #अनुभव#nojotovideo