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biharantale8415
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साक्षी

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साक्षी

किसी ने मेहताब देखा है,
 किसी ने किताब देखा है। 
दोनों ने हीं रात-रात भर जग,
 कितने ख्वाब देखा है।

©साक्षी किसी ने मेहताब देखा है,
किसी ने किताब देखा है। 
दोनों ने हीं रात-रात भर जग,
कितने ख्वाब देखा है। 

मेहताब के आशिक है कई, 
मंजिल के भी मुसाफिर कई। 
कोई लूटने को तैयार बैठा है,

किसी ने मेहताब देखा है, किसी ने किताब देखा है। दोनों ने हीं रात-रात भर जग, कितने ख्वाब देखा है। मेहताब के आशिक है कई, मंजिल के भी मुसाफिर कई। कोई लूटने को तैयार बैठा है, #Books #Poetry #मोहब्बत

14 Love

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साक्षी

किसी कथाकार की सर्वश्रेष्ठ रचना उसके व्यथित हृदय का प्रतिविम्ब होता है, ये रचना पीड़ा, करुणा अथवा प्रेम से विचलित मन की प्रबल आँच पर तैयार होती है तथा भावों की प्रबलता शब्दों के चुनाव द्वारा प्रदर्शित होती है।।

©Sakshi #रचना
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साक्षी

माँ- बाप की इज़्ज़त बेटे के निहारने से नहीं 
बेटी के निहारे जाने से जाती है।

©Sakshi

13 Love

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साक्षी

कमरे की खिड़की बंद शीशे से पर्दा खिसकता है बाहर आसमान में गगन चूमते पंछी और उसी असमान के नीचे खेलते बच्चे दिखते है, सड़क पर टहलती लड़कियों की टोली जिसे निहारते कुछ आवारा लड़के। 

   ये आवारा लड़के अपनी टिप्पणीयों से लड़कियों को घर के भीतर जाने पर मजबूर कर देते है, इन लड़कियों को भय नहीं इनका, लड़कियों को भय है माँ-बाप की इज्जत का। माँ- बाप की इज़्ज़त बेटे के निहारने से नहीं बेटी के निहारे जाने से जाती है। 
     गाँव के बेरोजगार मर्दो की नजर लड़कियों के संस्कारों पर जाती है और एक आवाज कौंधता है,"बेहया!"

 लड़कियाँ सहम कर अपने अपने घर चली जाती है। बच्चे अंधेरा होने तक खेलते रहेंगे। खिड़की के शीशे पर पर्दा चढ़ जाता है और रसोई से चाय की खुशबु आने लगती है।

©Sakshi गाँव।।

गाँव।। #Society

12 Love

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साक्षी

सबसे खूबसूरत आँखें उस औरत की है, 
जिसमें उसके आत्मनिर्भर होने की चमक है।। 

दुनिया की सारी खूबसूरती उस महिला के आगे 
फीकी है जो किसी पर आर्थिक रूप से निर्भर नहीं है।। 

सबसे खूबसूरत महिला उसे कहना उचित है
जो अपनी रोटी स्वंय कमा रही है।।

©Sakshi नारी सशक्तिकरण 👸
#think

नारी सशक्तिकरण 👸 #think #Thoughts

10 Love

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साक्षी

💖

सिंदूरी महक कमरे में फैली है खिड़की 
से बाहर गिरती बारिश की बुँदे पहले से 
अधिक खूबसूरत लग रही है, शाम होने
 पर भी चाय की कोई तलब नहीं, कई 
दिनों से ढंग से ना सोई आँखों मे  नींद 
की एक झलक तक नहीं, उस एक शख़्स 
की बाहें कितनी सुकून भरी है।।

©Sakshi वो

वो #Love

10 Love

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साक्षी

बाल्यावस्था में कान्हा के स्वरूप समझे जाने वाले बच्चे, 
किशोरावस्था में कृष्णा में देखते है प्रेमी तथा प्रोध होने 
पर समझते है स्वंय को अर्जुन एवम् वशुदेव को सारथी। 

मनुष्य स्वार्थ अनुरूप ईश्वर के प्रति नजरिया बदल लेता
है तो स्वार्थ वश मनुष्यों का बदलना तो नियति है।।

©Sakshi

10 Love

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साक्षी

फर्क नहीं पड़ता कि तुम कौन हो, नहीं फर्क पड़ता कि तुम कहाँ हो, फर्क सिर्फ इस बात से पड़ता है कि तुम क्यों हो??? तुम्हारे होने की वजह क्या है?? ईश्वर की कोई भी रचना बेवजह नहीं हो सकती।।

©Sakshi #अस्तित्व #ईश्वर
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साक्षी

उलझनों में उलझा
भावनाओं से व्याकुल
उदासी में डूबा मन
ढूंढता है एक मूक श्रोता 
जो सुन सके उसकी व्यथा 
बिना किसी किन्तु-परन्तु के.. 

उस क्षण कलम का साथ.. 
सफेद पृष्ठ पर नीले स्याही 
से उतरता जाता है मन और
इस प्रकार निर्माण होता है
किसी कवि, किसी लेखक 
अथवा किसी शायर का ।

©Sakshi Quotes

#jail

Quotes #jail

17 Love

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साक्षी

कविता का एक पात्र भुखमरी से त्याग बैठा है प्राण
और कवि को मिल गई है अपनी अत्यंत मार्मिक 
कविता की पृष्ठभूमि॥
~साक्षी 🍁

©Radhe Krishna सैकड़ों किताबों से भरी अलमारी
दिवारों पर प्राचीन कला के टुकड़े
वीणावादिनी माँ का विशाल चित्र
आधुनिक वस्तुओं से सुसज्जित आलीशान कमरा

उस कवि का है, जो अकिंचनों पर लिखा करते है मार्मिक कविताएँ
आज उन्हीं कविताओं का एक पात्र भुखमरी से त्याग बैठा है प्राण
और कवि को मिल गई है अपनी अत्यंत मार्मिक कविता की पृष्ठभूमि॥

सैकड़ों किताबों से भरी अलमारी दिवारों पर प्राचीन कला के टुकड़े वीणावादिनी माँ का विशाल चित्र आधुनिक वस्तुओं से सुसज्जित आलीशान कमरा उस कवि का है, जो अकिंचनों पर लिखा करते है मार्मिक कविताएँ आज उन्हीं कविताओं का एक पात्र भुखमरी से त्याग बैठा है प्राण और कवि को मिल गई है अपनी अत्यंत मार्मिक कविता की पृष्ठभूमि॥

19 Love

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