बुरे हालात में होकर भी जताना छोड़ दिया
तकलीफ में होकर भी बताना छोड़ दिया
और अब बड़े हो गए हैं जनाब
बचपना बाकी कहाँ हम में
इसलिए माँ के आँचल में आँशु
बहाना छोड़ दिया
@mukhauta_ #Shayari
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Mukhauta_
मेरी मौत पे तमाशों की महफ़िल ना सजाना
कर के आंखों को नम
मातम न मनाना
अकेले खामोशी से लेने देना मौत का मजा
तुम फिर से मेरे आंगन
झूठों की भीड़ न बुलाना
@mukhauta_ #Shayari
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Mukhauta_
जख्मों की अब आह समेटे
कष्ट में हर एक लम्हा है
हर शाम तन्हा तन्हा है
हर शाम तन्हा तन्हा है
@mukhauta #Shayari
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Mukhauta_
हर रोज धरासाई हो जाती हैं यहाँ नई इमारतें भी
किस ज़ाहिल ने घर की उम्र 100 साल बताई
@mukhauta_ #Shayari