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ajaykumarmishra5522
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डॉ.अजय कुमार मिश्र

असिस्टेंट-प्रोफेसर । उत्तर-प्रदेश (डेस्क प्रभारी) क्रेडिट न्यूज़-मासिक न्यूज़ पत्रिका। सँयुक्त-मंत्री(सिद्धार्थ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ) वास्तु-सलाहकार(वास्तु-सदन) नई दिल्ली। मंडल-प्रभारी(गोरखपुर-बस्ती मंडल) केसरिया हिंदुस्थान निर्माण संघ।

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

जलते हुए चिराग़ का जलना, कुछ शेष अभी बाकी है।

सफर भी शेष है,लेकिन अंधेरा बहुत काफी है।

चिराग़ बुझ भी जाए तो क्या?,
हौसले का चिराग़ जलना अभी बाकी है।

अंधेरा चाहे जितना हो;तो क्या,?
अभी तो अरमानों का चिराग़  लना बाकी है।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र चिराग़

चिराग़ #कविता

12 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

उसने जीवन गुजार दिया तालाब में ठहरा हुआ पानी बनकर।
काश वह पुष्कर का जनक बन गया होता तलहटी में कीचड़ बनकर।
ना वह वाष्प बन कर धरा को सींच पाया गगन का मेघ  बनकर।
ना वह पराग ही बन पाया,कमल के पंखुड़ियों का रूह  बनकर।
उत्पल की टूटी पत्तियों को भी न सहेज सका मधुकर बनकर।
वो आज भी जिंदा है वहीं का वहीं कुछ मछलियों का चहेता बनकर।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र पानी

पानी #कविता

11 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

शीतलता के तरुवर से गिरती तुषार की बुदों से।
भीग रही है धारा आज बिन प्राची दिशी की किरणों से ।।
नभचर,थलचर के कलरव बिन सुने सुने हैं दिग दिगंत।
जैसे तुषार के वृष्टि विरह का होना नही है शीघ्र अंत।।
है कांप रहा है समर वीर,भूधर की शिखर शिखाओं पर।
मानों तुषार हो बज्र बना हिमखंडों के प्राणों पर।।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र तुषार

तुषार #कविता

13 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

हमें इस बात का दर्द नहीं कि आप मेरे दर्द को दर्द नही समझ रहें हैं।

हमें दर्द इस बात का है कि आप खुद के दर्द को दूसरों का दर्द समझ रहें हैं।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र दर्द

दर्द #विचार

15 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा।
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता,
जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र विचार

विचार

1 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

जिस दिन मैं पूरे मनोयोग के साथ अपनी ड्यूटी करते करते थक जाता हूं,और घर आकर अपने बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर देता हूं;तब मेरी थकान भी मिट जाती है और मेरे मन को अपार खुशी भी मिल जाती है।

         कभी आप भी यह प्रयोग करें,थकान मिटाने और आत्मीय खुशी के लिए🙏

©डॉ.अजय कुमार मिश्र विचार

#IFPWriting

विचार #IFPWriting

1 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

आप सभी को 
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

©डॉ.अजय कुमार मिश्र शुभकामनाएं
#janmaashtami

शुभकामनाएं #janmaashtami #विचार

2 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

कहो शांत हों सर्व शांत हों सचराचर अविराम,
क्षति न उन्हें हो मुझसे मैं ही सब भूतों का ग्राम
ऊँच नीच द्यौ मर्त्य विहारी, सबका आत्माराम!
त्याज्य लोक परलोक मुझे जीवन तृष्णा, भवबंध
स्वर्ग मही पाताल सभी आशा भय, सुखदुख द्वन्द्व!
इस प्रकार काटो बंधन सन्यासी रहो अबंध,

©डॉ.अजय कुमार मिश्र शांत

शांत #कविता

1 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

तेरे दीदार की नौकरी में,
      अश्कों की पगार मिलती है,
      खर्च हो जाते हैं आंसू,
     रहमत कहां उधार मिलती है,।

क्या मार सकेगी मौत उसे,
औरों के लिए जो जीता है,
 मिलता है सभी का प्यार उसे,
    औरों के जो आंसू पीता है,।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र दीदार

#Saffron

दीदार #Saffron #कविता

1 Love

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

“ जो   तुम   आ   जाते   एक   बार

कितनी   करूणा   कितने   संदेश   पथ   में   बिछ   जाते   बन   पराग ,

गाता   प्राणो   का   तार - तार   अनुराग   भरा   उन्माद   राग ,

छा   जाता   जीवन   में   बसन्त   लुट   जाता   चिर   संचित   विराग ,

©डॉ.अजय कुमार मिश्र आ जाते।
#holdmyhand

आ जाते। #holdmyhand #कविता

2 Love

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