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जगदीश कैंथला

उपसर्ग,प्रत्यय #बात

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Anuj Ray

घनेरी ज़ुल्फ़ बिखराए,..

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lनित्य स्वागत में ,खड़ी रहती है संध्या ,
खोल कर बाँहें ,घनेरी ज़ुल्फ़ बिखराये
वो भी ब्याकुल, भाल बसुधा चूमने को ,
लालसा मन में ,मिलन के पंख लहराए ... घनेरी ज़ुल्फ़ बिखराए,..

Manjul

घेरा है ।।।

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जला हु  लेकिन अभी तक राख नही हुआ ...
खवाइश ने अभी तक घेरा हुआ है मुझे ।। #NojotoQuote घेरा है ।।।

जगदीश कैंथला

उपसर्ग व प्रत्यय #बात

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तुषार"आदित्य"

मन में तेरी यादों ने लगा रखा पहरा है। गवाह आँखों में पड़ा ये काला घेरा है। #मन #तेरी #यादों #पहरा #गवाह #आँखों #काला #घेरा

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मन में तेरी यादों ने लगा रखा पहरा है।
गवाह आँखों में पड़ा ये काला घेरा है। मन में तेरी यादों ने लगा रखा पहरा है।
गवाह आँखों में पड़ा ये काला घेरा है।
#मन #तेरी #यादों #पहरा
#गवाह #आँखों #काला #घेरा

ashish gupta

#Flower होठों में तबस्सुम दिल में दर्द घेरा है इश्क में जालिम अजब बेबसी ने घेरा है खुदा के वास्ते थोड़ा चांद साथ रहने दो गहरे अंधेरे की

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Parasram Arora

उदासी का घेरा........

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ये  उदासी  का  घेरा
तुम्हारे  चेहरे  पर  तुम्हारी
मुस्करहटों को प्रतिबंधित कर  सकता है
क्या इस  घेरे को  तोड़ देना  तुम्हारे
आधिपत्य मे  नहीं  है,?
आखिर  कौनसी  उधेड़बुन  तुम्हे  उदासी का 
घेरा  वृहद  करने  क़े लिए  विवश कररही  है l
मुझे  कितनी  पीड़ा  हो रही है  ये  देख कर.
क़ि मेरी मुस्कराहट  और  खिलखिलाहट  भीतुम्हे 
संक्रमित  नहीं  कर  पा  रही  
जबकि  तुम्हे  जरूरत है इस  वक़्त  एक 
खुला  हुआ  अवसाद हीन. अट्हास 
ताकि  तुम अपने . चेहरे को
जीवंतता  दे  सको

©Parasram Arora उदासी  का  घेरा........

Gauhar Ayub Etawi

जुल्फ घनेरी काली कमली। #शायरी

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Sunita Sharma

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Parasram Arora

ब्रह्माण्ड का गोले घेरा......

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अब मै थक चुका  हूँ  बार  बार  मर क़र भी.
क्या उगेगा कभी  कोई ऐसा दिन
मेरी जिंदगी मे   जिसमे मरने का कोई
उपक्रम ही न हो .  केवल जीना ही जीना हो
काश ऐसा सम्भव हो   पाता  कि मेरे जीवन मे न
जन्म होता न मरण  होता
और मै अपनी रूह की  निराकार  खोल मे.
युगों युगों क़े लिए. इस ब्रह्माण्ड  क़े
गोल  घेरे मे  किसी  उपग्रह की भाँती
चककर  लगा  रहा  होता

©Parasram Arora ब्रह्माण्ड  का  गोले  घेरा......
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