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Shiv Sharma

तुमने कहा के में आउंगी ना तुम आई ना तुम्हारी याद आई वो तो अच्छा था माचीस थी मेरे पास रात भर जाग के रात बिताई  (बिजली )

©Shiv Sharma गावो का हाल

#ujala

गावो का हाल #ujala #ज़िन्दगी

6 Love

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Deepak Sharma

गावो के हालात 

#WritersMotive

गावो के हालात #WritersMotive #समाज

57 Views

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Dileep Bhope


घडवायच्या दंगली, पेरायचे पैसै
बोलायचे खोटे, मिळवायची मते 
गावोगाव सारे कसे, खरे चाललेले!

वाकडी कधी तिरपी, चाल बेरकी
बेरीज फायद्याची, वजा माणुसकी
सौद्यावर सौदे, तसे बरे चाललेले!

कुणी भाजले जळाले, कोण पळाले
कोणास पाळले,  कोण गळाले
पर्वा नाही, पण बरे चाललेले!

रोज चढाई बढाई, एकमेकास बधाई
स्वस्तात लढाई, सांगा कुठे महागाई?
रात्रंदिन गात अंगाई,  बाळ झोपलेले!

उचला याला त्याला, बंदी घाला
माणसांचा खुला सोपा व्यापार झाला
लाचार थोडे, बाकी बरे चाललेले!

गावोगाव सारे कसे खरे चाललेले!
३०/३/२३

©Dileep Bhope
  #गावोगाव सारे कसे खरे चाललेले!

#गावोगाव सारे कसे खरे चाललेले! #मराठीकविता

1,083 Views

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Chetan




जिंदगी के इस मकान में बस कुछ जर्जर सी दिवारे हैं ,
आखों ने कुछ सपने देखे थे अब तो बस वही हमारे हैं !

मन में ये दूरियां कैसी ,जैसे समंदर के दो किनारे हैं 
कभी जो दुख लगते थे पराए , अब तो बस वही सहारे हैं !

कुछ खुशियां रह गई धुंधली सी ,जैसे बस गमों की बहारे हैं 
थम सा गया हो वक्त जैसे , रह गए कुछ बंजर से नजारे हैं !

शहर में खो से गए हैं अपने , बस बीते लम्हों की कतारे हैं ,
आखों ने कुछ सपने देखे थे ,अब तो बस वही हमारे हैं !! 
                                                     
                                                        (C. J. )

©Chetan
  गावों में राह तकती कुछ धुंधली सी नजरे...

गावों में राह तकती कुछ धुंधली सी नजरे... #कविता

57 Views

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Danish Hardoi

मेरा गावो मेरी जिम्मेदारी

#NoMoreCorona #हम #Love #thought #Motivation #Ha

मेरा गावो मेरी जिम्मेदारी #NoMoreCorona #हम #Love #thought #Motivation #Ha

412 Views

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ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)

छोडो चोली ओढो चोला गावो याराँ रंग बसंती,,,, ओम भक्त मोहन

छोडो चोली ओढो चोला गावो याराँ रंग बसंती,,,, ओम भक्त मोहन

808 Views

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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS

तुम्हे कर गया ना इश्क बर्बाद,🤣
और गीत गावो मोहब्बत के।

©Ankur Raaz तुम्हे कर गया ना इश्क बर्बाद,🤣
और गीत गावो मोहब्बत के।

तुम्हे कर गया ना इश्क बर्बाद,🤣 और गीत गावो मोहब्बत के। #Quotes

10 Love

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Indian Farmers/motivation

#farmerslife 
जीवन जीने का मजा तो गावों में ही आता है।/A To Z amazing videos

#FarmersLife जीवन जीने का मजा तो गावों में ही आता है।/A To Z amazing videos #समाज

20,249 Views

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Dr Om Saa

यहां खूबसूरती तो हर एक चेहरे पर है
पर चप्पल नही है पावों में,
साहब...छोड़कर शहरों की मजबूरियां
कभी घूमने आओ हमारे गावों में..!!
  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Singh Saab
पधारो कभी हमारे गावों में...🙏

#yqbaba #yqdidi #hindiquotes #village #city 
#hindiwriters #

#YourQuoteAndMine Collaborating with Singh Saab पधारो कभी हमारे गावों में...🙏 #yqbaba #yqdidi #hindiquotes #village #City #hindiwriters # #kalwasaab

0 Love

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ओमेन्द्र ठाकुर

 आजकल गावों में नीम के पेड़ कम हो गए हैं । 
इसलिए घरों  में कड़वाहट बढ़ती जा रही  हैं ॥ 
जुबान में मिठास कम हो रही हैं । 
लेकिन शरीर में शुगर बढ़

आजकल गावों में नीम के पेड़ कम हो गए हैं । इसलिए घरों में कड़वाहट बढ़ती जा रही हैं ॥ जुबान में मिठास कम हो रही हैं । लेकिन शरीर में शुगर बढ़ #nojotophoto

4 Love

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साहस

कोई तो जानता है,कोई मानता भले नहीं।
जिस गाय से शहर की गलियां दूध से नहाई,
उस गाय को गांवों में छूटने के बाद कोई पालता नहीं।। हर कोई जानता है मगर मानता नहीं
जिस गाय ने गावों को शहर में बदल दिया
उस गाय को शहरों में कोई पालता नहीं।।

और सुबह उठते ही दूध भावे बेटों ने

हर कोई जानता है मगर मानता नहीं जिस गाय ने गावों को शहर में बदल दिया उस गाय को शहरों में कोई पालता नहीं।। और सुबह उठते ही दूध भावे बेटों ने #YourQuoteAndMine #देशी_छोरो #deshilifestyle

0 Love

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Kiran Bala

घर -घर बाजत , बधैया सखि
वो शुभ दिन आज आयो है
मनमोहन  मोहन प्यारे ,को सखि
सुन जन्म-दिवस,आज आयो है
गावो रि मिल, मंगल गीत सखि
वो आज, दरस दिखावन आयो है
 लीलाधारी   लीला  से , सखि
हिय के कष्ट मिटावन आयो है

 #gif घर -घर बाजत , बधैया सखि
वो शुभ दिन, आज आयो है
मनमोहन मोहन प्यारे ,को सखि
सुन जन्म-दिवस,आज आयो है
गावो रि मिल, मंगल गीत सखि
वो आज, दरस दिखावन

घर -घर बाजत , बधैया सखि वो शुभ दिन, आज आयो है मनमोहन मोहन प्यारे ,को सखि सुन जन्म-दिवस,आज आयो है गावो रि मिल, मंगल गीत सखि वो आज, दरस दिखावन #Poetry #Gif #Krishna #Feeling #kavishala #nojotohindi #kalakaksh #hindinama #TST #kiranbala #janmastmi

38 Love

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अवधराम गुरु

 जब देवलोक से  सुख की  देवी-
नर्तन करने पृथ्वी पर आ जाएगी, 
जब आसमान के सूने मस्तक पर-
उल्लासों की लाली सी छा जाएगी!

जब  ढोलक  की  थापों  की

जब देवलोक से सुख की देवी- नर्तन करने पृथ्वी पर आ जाएगी, जब आसमान के सूने मस्तक पर- उल्लासों की लाली सी छा जाएगी! जब ढोलक की थापों की #कविता #nojotophoto

4 Love

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Rakesh frnds4ever

दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है
गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,,
कभी कन्द्राओ से कभी रेगिस्तानों से,,
पर्वत  पठारों से, घाटी मैदानों से 
शहर ओर गावों से , सभी जगहों से 
गुजरती हुई जब सरपट दौड़ती है
तो ,,
एक मधुर संगीत में कानों को 
घर के एहसास का सुकून देती जाति है,,.....

©Rakesh frnds4ever
  #Train 
#दूर  दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है
#गंतव्य  पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,,
कभी #कन्द्राओ से कभी #रेगिस्तानों से,,
#पर्

#Train #दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है #गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,, कभी #कन्द्राओ से कभी #रेगिस्तानों से,, पर् #ज़िन्दगी #एहसास #घाटी #संगीत #पर्वत #मैदानों

88 Views

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

सार छन्द :-

तख्ती दवात खडिय़ो में कल, बचपन था मुस्काता ।
गावों के टेड़ी गलियों से, है अपना भी नाता ।।
तख्ती दवात खडिय़ो में कल....

जो मुझमे थे सदा समाहित, वो संस्कार हमारे ।
लेकिन इस युग में है देखा , होते वारे न्यारे ।।
अब कहाँ ज्ञान दादा-दादी से , पोता वो ले पाता ।
तख्ती दवात खड़िय़ो में कल ....

ट्रेड ट्रेड में बदल गई है , देखो दुनिया सारी ।
अब तो सब ही माँग रहे हैं , पुस्तक हो व्यापारी ।।
काल खण्ड़ की वो बातें अब , कौन यहाँ सुन पाता ।
तख्ती दवात खड़िय़ो में कल ....

हानि-लाभ की बातें करते, देखो छोटे बच्चे ।
इसी आयु में हम आप कभी , थे तो दिल के सच्चे ।।
लेकिन दुनिया बदल रही है , गौर न तू कर पाता ।
तख्ती दवात खड़िय़ो में ....

आज पुनः जीवित हो जाये , वो संस्कार हमारे ।
उठना सोना खाना पीना , वो व्यवहार हमारे ।।
जिसे देख जीवन मेरा यह ,धन्य पुनः हो जाता ।
तख्ती दवात खड़िय़ो में कल ...।

तख्ती दवात खडिय़ो में कल, बचपन था मुस्काता ।
गावों के टेड़ी गलियों से, है अपना भी नाता ।।

२७/०१/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सार छन्द :-


तख्ती दवात खडिय़ो में कल, बचपन था मुस्काता ।

गावों के टेड़ी गलियों से, है अपना भी नाता ।।

तख्ती दवात खडिय़ो में कल....

सार छन्द :- तख्ती दवात खडिय़ो में कल, बचपन था मुस्काता । गावों के टेड़ी गलियों से, है अपना भी नाता ।। तख्ती दवात खडिय़ो में कल.... #कविता

15 Love

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Jitendra Raipure

 बांध अश्रुंचा फुटला 

कधी नव्हे इतका मोठा 
पाऊस जोरात बरसला,
नदी नाले भरून आले 
पूर घरादारात घुसला .

चोहीकडे पाणी पाणी

बांध अश्रुंचा फुटला कधी नव्हे इतका मोठा पाऊस जोरात बरसला, नदी नाले भरून आले पूर घरादारात घुसला . चोहीकडे पाणी पाणी #poem #nojotophoto

4 Love

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lalitha sai

चारमीनार सुनते ही याद आता है..
रंग भी रंग चूड़ियाँ..
और असली खास मोतिया..!

चारमीनार सुनते ही याद आता है..
ईद की खरीदारी..
और बहुत सारा ख़ुशी की मोहोल! #goodwalimorning
#lalithasai
#myworld
ईद और चारमीनार.
बहुत खूबसूरत...लगता था...
राष्ट्र के कहीं शहरों से गावों से..
यहाँ सिर्फ  ईद की खरीदार

#goodwalimorning #lalithasai #myworld ईद और चारमीनार. बहुत खूबसूरत...लगता था... राष्ट्र के कहीं शहरों से गावों से.. यहाँ सिर्फ ईद की खरीदार

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दि कु पां

करणं मधुरं तरणं मधुरं
हरणं मधुरं रमणं मधुरम् ।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 5 ॥

गुञ्जा मधुरा माला मधुरा
यमुना मधुरा वीची मधुरा ।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 6 ॥

गोपी मधुरा लीला मधुरा
युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम् ।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 7 ॥

गोपा मधुरा गावो मधुरा
यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 8 ॥ अधरं मधुरं वदनं मधुरं
नयनं मधुरं हसितं मधुरम् ।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 1 ॥

वचनं मधुरं चरितं मधुरं
वसनं मधुरं वलितं

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् । हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 1 ॥ वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं

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Kavi Pawan Kumar Sharma kautliya

पानी रे पानी 
बांध भर गए सारे , अतिवृष्ठि के मारे 
पहाड़ खिसके , पुल टूटे , रोड खुदे सारे 
बारिश से परेशान है आधा हिदुस्थान 
नदियों का विकराल रूप देख डरा इंसान 
सभी शहर , गावों,कस्बों आदमी परेशान 
पहाड़ों पर बादल फटने से आया तूफान 
जलमग्न हो गए घर , अस्पताल , खेत खलिहान
प्रकृति में मानव के हस्तक्षेप का है परिणाम 
करो प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण ,  
बनाओ प्रदूषण मुक्त वातावरण
तब ही हम सभी सुखी रह पाएंगे 
वरना कही अतिवृष्टि, कही अनावृष्ठि , तो कही पहाड़ खिसकने, कही तूफान की भेट चढ़ जायेंगे ।
हे इन्द्रदेव ,हो रही बारिश को कम करवाओ 
सारी आबादी परेशान है 
इन्हे बचाओ इन्हे बचाओ 
कवि कौटिल्य

©Kavi Pawan Kumar Sharma kautliya बांध भर गए सारे , अतिवृष्ठि के मारे 
पहाड़ खिसके , पुल टूटे , रोड खुदे सारे 
बारिश से परेशान है आधा हिदुस्थान 
नदियों का विकराल रूप देख डरा

बांध भर गए सारे , अतिवृष्ठि के मारे पहाड़ खिसके , पुल टूटे , रोड खुदे सारे बारिश से परेशान है आधा हिदुस्थान नदियों का विकराल रूप देख डरा #कविता #rainfall

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Shiwalika_SSS

🇮🇳महफ़ूज़ रहो🇮🇳
ऐ मेरे पहरेदार-ए-वतन,महफूज़ रहो,
महफूज़ है तुमसे वतन,महफूज़ रहो।
तुमसे महकता है चमन,महफूज़ रहो,
तुमसे है चैन-ओ-अमन,महफूज़ रहो।
ऐ मेरे पहरेदार-ए-वतन,महफूज़ रहो।।
read The Caption... तुम बर्फ की चादर ओढ़े सोते हो,
              तो घरों में अलाव जलते हैं।
तुम सुलगती मरूओं पर चलते हो,
             तो गावों में आँगन सिंचते है

तुम बर्फ की चादर ओढ़े सोते हो, तो घरों में अलाव जलते हैं। तुम सुलगती मरूओं पर चलते हो, तो गावों में आँगन सिंचते है #सैनिक #soldiers #कविता #गणतंत्रदिवस #नमन #nozotohindi #सेना #जयहिंद #जयभारत #NozotoNews #महफूज़

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S. Bhaskar

गांव ही है

मेरे खेत अब मुझे खाने लगे थे,
फसलें इंच इंच अन्दर जाने लगे थे,
कर्जों ने बंदी बना के छोड़ दिया,
गावों ने तो मुझसे ही मुंह मोड़ लिया।

खेत बिसरा और घर सुना कर दिया,
मैंने अपने घर गांव को अनसुना कर दिया,
पैसे की थी चाह तो कदम शहरी कर दिया,
भाड़े के मकान से कर्ज सारे बरी कर दिया,

मजदूरी जिंदा फुटपाथ पे बिखरी जिंदगी थी,
सड़कों की ओट लेके सांसे बंदी थी,
जैसे तैसे कट जाते थे दिन रातें अभी जिंदा थी,
पेट तो पल जाता था पर जिंदगी शर्मिंदा थी।

ये कैसा रोग है कि जान बचाना आफत है,
रोग से बचने के लिए भूखे मरना शराफत है,
घर से बाहर निकलने पर पुलिस तैनात है,
कष्ट खत्म नहीं होता कैसी ये काली रात है।

चल पड़े है कदमों से गाँव की ओर,
ना मंजिल दिखी ना रास्ते का छोर,
शहर सदमे में है गांव तो ममता की छांव में ही है,
जिंदगी शहर में है पर जान तो बस गाओं ही है। गांव ही है

मेरे खेत अब मुझे खाने लगे थे,
फसलें इंच इंच अन्दर जाने लगे थे,
कर्जों ने बंदी बना के छोड़ दिया,
गावों ने तो मुझसे ही मुंह मोड़ ल

गांव ही है मेरे खेत अब मुझे खाने लगे थे, फसलें इंच इंच अन्दर जाने लगे थे, कर्जों ने बंदी बना के छोड़ दिया, गावों ने तो मुझसे ही मुंह मोड़ ल #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqdada #yqhindi #yqquotes #yqdidiquotes #yqbhaskar

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ , देखो अपने गाँव रे।
फिर बैठ मुसाफिर सुस्ताये , बरगद की उन छाँव रे ।।
मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ .....

फिर बचपन वाले आये दिन , हम जब जाये गाँव रे ।
माँ के आँचल में बैठे हम , लेने शीतल छाँव रे ।।
लेकिन बच्चे अनभिज्ञ हुए , पूछे क्या है गाँव में ।
मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ ,...।

बदलो यह परिधान हमारे , लौटा दो संस्कार वह ।
बच्चा-बच्चा माँग रहा है , करके देख पुकार यह ।।
आज धरा की इस मिट्टी से , कर दो मेरा शृंगार रे ।
मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ ......

हो गंगा यमुना तहजीबे , मन में सदा मिठास हो ।
जैसे घट का शीलत पानी , शांति कराता प्यास हो ।।
ऐसे इंसानों का मेरे , गावो में हो वास रे ।
मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ .....

बरदगद पीपल महुआ से ही , सभी दिशा छाया घनी ।
वहीं फूस के एक तरह के , प्रेम भरी बस्ती बनी ।।
चूँ चूँ करती चिड़िया का फिर , प्रति दिन हो रसगान रे ।
मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ ...

मधुर संत की सुंदर वाणी , राम सिया का जाप हो ।
कल-कल बहती गंगा में नित , देखो पश्चाताप हो ।।
पापो से मुक्त रहे नगरी , जग यह ऐसी ठाँव रे ।
मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ .....

मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ , देखो अपने गाँव रे ।
फिर बैठ मुसाफिर सुस्ताये , बरगद की उन छाँव रे ..।।

३०/०५/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ , देखो अपने गाँव रे।
फिर बैठ मुसाफिर सुस्ताये , बरगद की उन छाँव रे ।।
मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ .....

फिर बचपन वाले

मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ , देखो अपने गाँव रे। फिर बैठ मुसाफिर सुस्ताये , बरगद की उन छाँव रे ।। मैं परिवर्तन चाह रहा हूँ ..... फिर बचपन वाले #कविता

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Ravendra

वीएचएसएनडी सत्र पर अनुमन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएं: डीएम 

बहराइच ।शनिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति की बैठक के दौरा

वीएचएसएनडी सत्र पर अनुमन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएं: डीएम बहराइच ।शनिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति की बैठक के दौरा #न्यूज़

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Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े🙏🙏आजकल तो बहुत सी बाजार में मिठाई आती हैं। पर उस ज़माने में शादी में लें जानें के लिए गांव के लोग जलेबी यां पतासे ही लेकर जात

कैप्शन में पढ़े🙏🙏आजकल तो बहुत सी बाजार में मिठाई आती हैं। पर उस ज़माने में शादी में लें जानें के लिए गांव के लोग जलेबी यां पतासे ही लेकर जात #समाज #storyofheart

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नशीली कलम

जब बारिश होने पर भी
मिट्टी की खुशबू नही आई 
तब मुझे गावँ की बहुत याद आई
।।
 baldev pandey गावँ

गावँ

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Farzi writes

अपना गावँ

अपना गावँ #Shayari

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viraj gosavi

गावचो दहीकाला

गावचो दहीकाला #मराठीसस्पेन्स

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गोरक्ष अशोक उंबरकर

माझं गावं सोडून
अजिबात करमत नाही राव..
कधी मधी बंद असली मेस 
तर चांगला वाटतो वडापाव...

घरच्या भाकरीची चव आठवून
पोटात सारखी होते काव काव..
पगार झाला तरी खिशाला
 नाही परवडत हॉटेलाचा भाव... 

सुखसोयी भोगुनही शहरात
मनाला पडतो आहे घाव...
माहित नाही किती दिवस
खेळावा लागेल हा लपंडाव..

या मोठमोठ्या शहारा मध्ये
माझं कुठच सापडत नाही नाव..
रात्री झोपताना मनी प्रश्न पडतो
माझं गावंच बरं होत राव
माझं गावंच बर होत राव..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर
  माझं गावं

माझं गावं #मराठीकविता

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