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SK Poetic
writing quotes in hindi पेशवा नारायणराव की पुत्री सुनंदा ने अपनी बुआ रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती देकर निर्भीकता का परिचय दिया। सुनंदा को अंग्रेजों ने त्रिचनापल्ली की जेल में बंद कर दिया ।वहाँ से मुक होते ही वे एकांत में भक्ति-साधना करने नैमिषारण्य जा पहुँचीं। वहाँ वे परम विरक्त संत गौरीशंकरजी के संपर्क में आईं। संतजी सत्संग के लिए आने वालों को स्वदेशी व स्वधर्म प्रेम के लिए प्रेरित करते थे। सुनंदा उनकी शिष्या बन गईं। साध्वी सुनंदा ने साधु-संतों से संपर्क कर उन्हें स्वदेशी व स्वधर्म के लिए जन-जागरण करने के लिए तैयार किया। नैमिषारण्य में लोग ‘साध्वी तपस्विनी’ के नाम से उन्हें पुकारने लगे। वे साधुओं की टोली के साथ गाँवों में पहुँचतीं और ग्रामीणों को विदेशी सत्ता के विरुद्ध विद्रोह की प्रेरणा देतीं। अंग्रेजों को जब साधु-संतों के इस अभियान का पता चला, तो सीतापुर के आस-पास के अनेक साधुओं को गोलियों से उड़ा दिया गया । तपस्विनी सुनंदा चुपचाप नेपाल जा पहुँचीं। वहाँ से गुप्त रूप से पुणे पहुँचकर उन्होंने लोकमान्य तिलक से आशीर्वाद लिया। वे स्वामी विवेकानंदजी से भी बहुत प्रभावित थीं। उन्होंने कलकत्ता में महाकाली कन्या विद्यालय की स्थापना की ।सुनंदा ने बंग-भंग के विरोध में हुए आंदोलन में भाग लिया। 16 अगस्त, 1906 को कोलकाता में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में हुंकार भरते हुए उन्होंने कहा, ‘यदि हम रक्षाबंधन के पवित्र दिन विदेशी वस्तुओं के पूर्ण बहिष्कार का संकल्प ले लें, तो अंग्रेजी सत्ता की जड़ें हिल जाएँगी।’ अगले ही वर्ष 1907 में राष्ट्रभक्त तपस्विनी ने कोलकाता में स्वदेशी का प्रचार करते हुए अंतिम सांस ली । ©S Talks with Shubham Kumar तपस्विनी की स्वदेश निष्ठा
Akanksha Nandan
ओजस्विनी हाव भाव स्पष्ट हो हीन भाव नष्ट हो ओज गुण को तुम जरा निखार दो आवाज में दहाड़ हो पथ में जो पहाड़ हो शौर्य से उसे तुम मिटा सको शूर हम बनें यहीं क्रूर से डरे नहीं बाजुओं से शत्रु को पछाड़ दो विघ्न से डरे नहीं यत्न हम करें सभी सबका यहां हृदय शक्तिमान हो स्वयं पर अभिमान हो जब जंग का ऐलान हो वीरता का तुम यहां प्रमाण दो शत्रुओं की हार में सबके बलिदान में ध्वज ये तिरंगा आज यहां गाड़ दो।। आकांक्षा नन्दन #ओजस्विनी
Death_Lover
मृगनयनी-सी चंचल है वो और कोई चल नटखटी चलती है, जैसे अधर में हो जान कोई, वो नित्य तेजस्विनी बन गगन में जलती है॥ तेजस्विनी..!!!
Archana Deshpande-Pol
मातृत्वाचे लेणे तीला.. वात्सल्याची कास तीला.. देवत्वाचा भास तीला.. परंपरांचा जाच तीला.. क्षितीजाची आस तीला.. पूर्णत्वाचा ध्यास तीला.. पुर्णत्व साकारताना.. वादळांचा त्रास तीला.. नभांगणाचे स्वप्न तीचे.. घरट्याचेही भान तीला.. स्वप्न उरी जगताना.. बंधनांचा शाप तीला.. कर्तृत्वाची मशाल घेता.. चाकोरीची आच तीला.. ध्येयासक्त नजर तीची.. सक्तीची काच तीला.. वर्तुळातच बंधीत ती.. लक्ष्मणरेषेचा बांध तीला.. 2सौंदर्याचे लेणे तीचे.. भोगदासी नाव तीला.. वासनांची शिकार ती.. शीलत्वाचा फास तीला.. विटंबनेचे हार घालूनी.. व्याभिचारीत्व बहाल तीला.. उमलणारी मुग्ध कळी ती.. वेदनांचा भार तीला.. गर्भातच मरण्याचा.. आजही शाप तीला.. तेजोमय पणती ती.. प्रकाशाचा ध्यास तीला.. प्रेरणेची दीपमाळ ती .. वंदनीय स्थान तीला.. वंशवेल वाढवण्याचे.. स्रीत्वाचे वरदान तीला.. प्रसववेणा साहून ती.. कृतकृत्य करी मातृत्वाला.. ©अर्चना देशपांडे पोळ. ती.. तेजस्विनी..
Tejaswini
कुछ दिखावे के आशिक बेसुध घूम रहे हैं, ज़रा संभलना वो नया शिकार ढूंढ रहे हैं हां बाते तुम्हारे मन की सी करेंगे, पर झांसे में मत आना, वो तुम्हे कमजोर समझ लेंगे, हां ऐसे आशिक, हर किसी की बहन पर नजरें गड़ाए मिलेंगे, सतर्क रहना, वो दिखावे के आशिक काफी हद तक गिरेंगे। स्वरचित ❤️ मेरी कलम से 🖋️ तेजस्विनी ❣️ #दिखावा #Ashik #dafa तेजस्विनी ❣️
S K Sachin उर्फ sachit
कर्म भी एक तपस्या है और तपस्या के लिए तपस्वी होना ही पड़ता है 🌹🙏🌹 ©S K Sachin उर्फ sachit #NojotoRamleela #तपस्वी #विचार
official...shayar
प्यार तो एक खेल है जिसमे मुझे अन्सॉल्ड कर दिया गया ....?😔💯💔 ©Paras Kumar मेरी फिल्लिंग को कोई नही समझ ता.. 💔💯😔 #@