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Tara Chandra

मैं अंधकार से आया, बन चक्षुहीन क्या पाया,
थी, दम्भ लबालब यौवन, ज्वाला में जला दी काया।
दुर्भिक्ष निशाचर मन ने, कर दिया अनाथ समझ को,
आचार्य के श्री चरणों में, जा मिला पीयूष निराला। 

हो जाये अविचल जीवन, आशय पा वीर धनन्जय,
वरना अरण्य अपराजय, अनुचर है भविष्य तेरा,
मन! आधिपत्य में लेकर, स्वीकृति ना देगा श्रेष्ठ कर्म,
सुखनिता, सदा से आयीं, अपकर्ष के पथ ले जाने,
हो जाये मलिन जो साधक, हो जाये तिरोहित दृग से।। 

कर जतन ना टपके दृगजल झंझावत में ना पड़ना,
ले शीघ्र बुहार मन प्रांगण, तारापथ दृष्टि रखना,
सहकार तेरी चेतनता, आह्लाद बने आभूषण,
हो सर्वव्याप्त की वांछा, प्रतिमान बने तू सबका,
उस प्रथम! का तू प्रतिरूपक, बन जा अवलंब सभी का।। 

जीवन विहार साधक का, बरताव प्रधान धनाधिप,
सुरपति साम्राज्य भी फीका, है दर्शन राम मनोरथ,
उस दीनबन्धु का गौरव, जब लें संभाल उपवन को,
उपहार निष्कपटता से, उत्कर्ष प्रवर पद हेतु,
अनुकम्म्पा की कस्तूरी, कुमकुम सुगंधमय घटिका,
श्री गुरुवर ने दिखलाई।। 

कर योग साधना, कल्पतरु, हो दिव्य स्वभाव उजागर,
हो निरोध चित्त-वृत्ति, पल - पल हो मांगल्य पूरित।।

©Tara Chandra #सद्गुरुदेव

gokul

महादेव शिव एक ऐसे देव हैं जिनका वर्णन - एक महायोगी, गृहस्थ, तपस्वी, अघोरी, नर्तक और कई अन्य अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। क्यों इतने सारे विविध रूप धारण किये थे भगवान शिव ने?

अगर किसी एक व्यक्ति में इस सृष्टि की सारी विशेषताओं का जटिल मिश्रण मिलता है तो वह शिव हैं। अगर आपने शिव को स्वीकार कर लिया तो आप जीवन से परे जा सकते हैं। #सद्गुरु

नित्यानंद गुप्ता

 #सद्गुरु

Abhimanyu Dwivedi

सद्गुरु #विचार

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ॐ **सद्गुरु** ॐ 

स= सत्य,सम्पूर्णता,सार,सागर
द = दानी ,दाता ,दृष्टा, दिनकर
        गु = गुणसागर,गुणातीत,गुरनिधी,गूढ़
    र = रस ,रमणीय ,रासनिधि,रहस्य
                ऊ = ऊर्जा, ऊर्ध्व,ऊधवातीत,ऊर्मिकातीत  

**अर्थात सद्गुरु शाश्वतसत्य का वह गहन बोधिरमयम महासागर है जो परम् पूज्य महादानी एवम परम् दृष्टा तथा अनंतसूर्यो की दिव्य चैतन्य आभा का विराट पुंज हैं
गुण की खान हैं ,सम्पूर्ण गुणों में होते हुए उनसे पार हैं,एवं गूढ़ रहस्यनिधी हैं 
तथा सम्पूर्ण रहस्यों में रमन करने वाली वह परम महाविराट उर्ध्वगमी, उर्ध्वरेचा, उर्मिका (तरंग लहर) के पार की परम चैतन्य ऊर्जा है जो जीव में बोध के विराट अस्तित्व का सृजनात्कम आधार है**

🙏 **अभिमन्यु (मोक्षारिहंत)**🙏

©Abhimanyu Dwivedi सद्गुरु

"जय" - कवि

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Rajkumar Gupta

सद्गुरु भजन #म्यूज़िक

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