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Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

भारते की बेटियों के लिए रिकॉर्ड करें अपने ख़्याल #SportsWomen के साथ VideoPrompt #विचार #Nojotovideoprompt

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Ankit Kumar Rath

शायराना अपनी बस की बात नहीं हम तो यू ही लिखते रहते हैं... आज कल खाली पन्नो की किमत नहीं होती इसलिए अपने अल्फाज़ों से भारते रहते हैं... . Th #yqbaba #Collab #yqdidi #yqquotes #yqaestheticthoughts

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शायराना अपनी बस की बात नहीं
हम तो यू ही लिखते रहते हैं...
आज कल खाली पन्नो की किमत नहीं होती 
इसलिए अपने अल्फाज़ों से भरते रहते हैं...

कोन कहता है? हर वक्त
कोई आपका साथ देगा...
मुश्किल आए एक बार
भरोसेमंद ही आपको धोखा देगा...

दर्द का एक पहाड़ गिरे या
हो एक तूफ़ान से भिड़े हम...
हसाने का अपना ही एक अंदाज है
चाहे जितने भी गम में दुबे रहे हम... शायराना अपनी बस की बात नहीं
हम तो यू ही लिखते रहते हैं...
आज कल खाली पन्नो की किमत नहीं होती 
इसलिए अपने अल्फाज़ों से भारते रहते हैं...
.
Th

Vikas Sharma Shivaaya'

'दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।' कठिन कार्यों की सफलता के लिए। ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्र #समाज

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'दुर्गम काज जगत के जेते
 सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।' 
कठिन कार्यों की सफलता के लिए।
 
ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात

रूठे सुजन मनाइए-जो रूठे सौ बार
रहिमन फिरि फिरि पोइए- टूटे मुक्ता हार.

रहीम कहते हैं की यदि आपका प्रिय सौ बार भी रूठे -तो भी रूठे हुए प्रिय को मनाना चाहिए,क्योंकि यदि मोतियों की माला टूट जाए तो उन मोतियों को बार बार धागे में पिरो लेना चाहिए...

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 'दुर्गम काज जगत के जेते
 सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।' 
कठिन कार्यों की सफलता के लिए।
 
ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्र

Vikas Sharma Shivaaya'

शनिदेव तंत्रोक्त मंत्र -ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात ॐ हं हनुमते नम:।' वाद-विवाद, न्यायालय आदि के लिए प्रय #समाज

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शनिदेव तंत्रोक्त मंत्र -ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात

ॐ हं हनुमते नम:।' 
वाद-विवाद, न्यायालय आदि के लिए प्रयोग किया जा सकता है। 

True meaning of Navratri (the festival of 9 nights) - cleansing oneself 

01 - *Prathama:  I will control Anger*

02 - *Dwitiya:   I will stop Judging People.*

03 - *Tritiya: I will leave all Grudges.*

04 - *Chaturthi: I will forgive everyone*

05 - *Panchami:  I will Accept every one as they are*

06 - *Shashti: I will love everyone unconditionally*

07 - *Saptami: I will abstain from Jealousy & Guilt*

08 - *Ashtami: I will leave all my Fears*

09 - *Navami: I offer Gratitude for all the things I have and all which I will get.*

10 - *Vijayadashami: There is abundance in the universe for all 
Happy Festival season to all  friends 🎊

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' शनिदेव तंत्रोक्त मंत्र -ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात

ॐ हं हनुमते नम:।' 
वाद-विवाद, न्यायालय आदि के लिए प्रय

Vikas Sharma Shivaaya'

शुक्र प्रेम का ग्रह माना जाता है-शुक्र देव की पूजा करने से प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल होती है-प्रेम का पूरा मामला शुक्र ग्रह पर र्निभर क #समाज

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शुक्र प्रेम का ग्रह माना जाता है-शुक्र देव की पूजा करने से प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल होती है-प्रेम का पूरा मामला शुक्र ग्रह पर र्निभर करता है, शुक्र मजबूत है तो रिश्ते बनेंगे। 

वैसे बहुत कुछ बाकी ग्रहों के शुक्र से मिलन पर भी निर्भर करता है- जीवन में मुख्य रूप से शुक्र ग्रह प्रेम की भावनाओं को प्रदर्शित करता है।

शुक्र देव सामान्य मन्त्र: " ॐ शुं शुक्राय नमः "

शुक्र देव बीज मन्त्र: " ॐ द्राम द्रीम द्रौम सः शुक्राय नमः "

शुक्र  गायत्री मन्त्र: " ॐ शुक्राय विद्महे , शुक्लाम्बर - धरः , धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोदयात "

शुक्र देव वैदिक मन्त्र: " ॐ अन्नात्परिश्रुतो रसं ब्रह्म्न्नाव्य पिबत् - क्षत्रम्पयः सोमम्प्रजापति ! ऋतेन सत्यमिन्द्रिय्वीपानं-गुं -शुक्र्मन्धस्य - इन्द्रस्य - इन्द्रियम - इदं पयो - अमृतं मधु !!"

शुक्र देव पौराणिक मन्त्र: " ॐ हिमकुंद - मृनालाभं दैत्यानां परमं गुरुं ! सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रन्माम्य्हम !!"

शुक्र देव ध्यान मन्त्र : " दैत्यानां गुरु : तद्वत श्वेत - वर्णः चतुर्भुजः ! दंडी च वरदः कार्यः साक्ष - सूत्र - कमंड - लु: !!

विष्‍णु सहस्‍त्रनामम्(एक हजार नाम) आज 89 से 99 नाम 

89	प्रजाभवः	वह जिससे सभी प्रजा आती है
90	अहः	वह जो समय का स्वरूप है
91	संवत्सरः	वह जिससे समय की अवधारणा आती है
92	व्यालः	नास्तिकों को सर्प (वलय)
93	प्रत्ययः	वह जिसका स्वभाव ज्ञान है
94	सर्वदर्शनः	सब देख रहे है
95	अजः	वर्तमान
96	सर्वेश्वरः	सभी का नियंत्रक
97	सिद्धः	सबसे प्रसिद्ध
98	सिद्धिः	वह जो मोक्ष देता हो
99	सर्वादिः	सभी की शुरुआ

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' शुक्र प्रेम का ग्रह माना जाता है-शुक्र देव की पूजा करने से प्रेम विवाह की संभावनाएं प्रबल होती है-प्रेम का पूरा मामला शुक्र ग्रह पर र्निभर क

Anuj Jain

तीसरा दिन था आज की मिनती परेशान हो गयी थी। उसकी हालत पागलों की तरह हो गयी थी कि कहीं भूत प्रेत का साया या कोई जादू टोटका तो नही था। पिछले दो #YourQuoteAndMine #तीसरादिन #yostowrimo

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तीसरा दिन था आज की मिनती परेशान हो गयी थी।
उसकी हालत पागलों की तरह हो गयी थी कि कहीं भूत प्रेत का साया या कोई जादू टोटका तो नही था।
पिछले दो दिनों से ठीक सुबह के दस बजे , दोपहर के 2 बजे और शाम के 6 बजे उसके घर में घंटी बजती थी।

पूरी कहानी अनुशीर्षक में

Anuj Jain तीसरा दिन था आज की मिनती परेशान हो गयी थी।
उसकी हालत पागलों की तरह हो गयी थी कि कहीं भूत प्रेत का साया या कोई जादू टोटका तो नही था।
पिछले दो

Vikas Sharma Shivaaya'

सूर्य गायत्री मंत्र: सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है #समाज

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सूर्य गायत्री मंत्र:
सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है.

-ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात |

-ओम भास्कराय विधमहे दिवा कराया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |

-ओम आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |
समस्त प्रकार के रोगों से मुक्ति प्रदान करने की शक्ति इस मंत्र में हैं. 

 भैरव गायत्री मंत्र:
-ऊँ शिवगणाय विद्महे। गौरीसुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।।

विष्णु सहस्रनाम:(एक हजार नाम) आज 23 से 44 नाम 
23 केशवः जिसके केश सुन्दर हों
24 पुरुषोत्तमः पुरुषों में उत्तम
25 सर्वः सर्वदा सब कुछ जानने वाला
26 शर्वः विनाशकारी या पवित्र
27 शिवः सदा शुद्ध
28 स्थाणुः स्थिर सत्य
29 भूतादिः पंच तत्वों के आधार
30 निधिरव्ययः अविनाशी निधि
31 सम्भवः अपनी इच्छा से उत्पन्न होने वाले
32 भावनः समस्त भोक्ताओं के फलों को उत्पन्न करने वाले
33 भर्ता समस्त संसार का पालन करने वाले
34 प्रभवः पंच महाभूतों को उत्पन्न करने वाले
35 प्रभुः सर्वशक्तिमान भगवान्
36 ईश्वरः जो बिना किसी के सहायता के कुछ भी कर पाए
37 स्वयम्भूः जो सबके ऊपर है और स्वयं होते हैं
38 शम्भुः भक्तों के लिए सुख की भावना की उत्पत्ति करने वाले हैं
39 आदित्यः अदिति के पुत्र (वामन)
40 पुष्कराक्षः जिनके नेत्र पुष्कर (कमल) समान हैं
41 महास्वनः अति महान स्वर या घोष वाले
42 अनादि-निधनः जिनका आदि और निधन दोनों ही नहीं हैं
43 धाता शेषनाग के रूप में विश्व को धारण करने वाले
44 विधाता कर्म और उसके फलों की रचना करने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य गायत्री मंत्र:
सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है
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