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Parasram Arora
मानव और मानवता को कच्चा चबा जाने वाला अगर शुद्ध शाकाहारी भोजन की आदत वाला प्राणी है तो उसे भी मांसाहारीयो मे क्यों नहीं गिनना चाहिए और अगर एक मांसाहारी व्यक्ति जिसका आचरण और व्यवहार स्नेहसिक्त है ... और जो हर वक़्त दूसरों की भलाई क़े लिए समर्पित है ऐसे व्यक्ति को शुद्ध शाकाहारियों की अग्रिम पंक्ति मे.. बैठने क़े लिए अधिकृत कर दिया जाय तो इसमें क्या बुराई है ©Parasram Arora # शाकाहरी बनाम मांसाहारी
✍️ रोहित
मांसाहारी दरिन्दों को समर्पित.... मूक जीवों को मार-मार के खाने वालो, अपनी जिह्वा का उनको स्वाद बनाने वालो। कभी भूना तो कभी तल के तुमने खाया है, मानकर भोज्य उनके रक्त को बहाया है। कभी जीवित चबा गये निरीह जीवों को, दिया था दर्द बेहिसाब उन गरीबों को। काटकर उनके अंग-अंग मुस्कुराते हो, बोटियाँ उनकी बड़े स्वाद से खा जाते हो। आज जब अपनी जान जा रही क्यों रोते हो, वही उगता है जो कि आप स्वयं बोते हो।। --रोहित #मांसाहारी #दरिन्दे #शैतान #नरगिद्ध
Parasram Arora
असल मे मरघट और महल का फासला उनके लीए ही है जिनके मन मे महल की आकांशा है मरघट और महल मे कोई फासला नही है फासला हमारी आकांक्षाओं मे है हम महल चाहते हैँ... मरघट हम नही चाहते इसीलिए फासला है. जहा महल खड़े हैँ वहा मरघट बहुत बार बन चुके जहाँ.मरघट बने हैँ वहा बहुतपहले महल बन कर गिर चुके हैँ और सब महल अंततः मरघट बन जाते है और सब मरघटोपर महल खडे हौ जाते हैँ फर्क क्या है? फासला क्या है? ©Parasram Arora फर्क क्या है? फासला क्या है?
Deepak Namdev
बस देखते जाओ..... क्या - क्या होता है | #gif क्या क्या होता है
Mr.Duke
गुलाब, ख़्वाब, दवा, जहर,जाम,क्या~क्या है। मैं आ गया हूं महफ़िल में,बस बता ©Mr.Duck~AK Shayar क्या क्या है????? #ShahRukhKhan
Deepak Pandit
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है ©Deepak Pandit मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है
Vickram
काफी लम्बे अरसे से खुद को समझाते आया हुं मैं । कल जो समझ जाता था आज वो मानता ही नहीं । कौन सा राज है जो मुझे मे ही समझ नहीं आ सका । लगता है कि मैं खुद को कभी समझ पाया ही नहीं । ©Vickram बात क्या है,,, और दुनिया क्या है,,,
Sen Sahab Manish ji
वैसे तो रोज होती है नई सुबह उसमे नया क्या... वहीं रंगत है वहीं संगत है...... उसमें नया क्या है... गोधूलि भी वहीं है और सवेरा भी वहीं उसमे नया क्या है... पर....😏 रोज जिंदगी जीते आंसुओ को भी पीते है हटकर और उठकर जो जिया है एक एक पल वही तो असली जीवन है और जीवन का उद्घार करो फिर भी कुछ अच्छा न हो तो... उसमे नया क्या है... नया क्या है.. शुरुआत है भी नया क्या है...