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संभालते, रखते
पकड़ते, जकड़ते
वो रिश्ता कब फिसल गया
पता नहीं चला।

 #संभालते, #जकड़ते
#पकड़ते, #रिश्ता

Radhe Krishna

#titliyan #हमारी प्राथमिकता जोड़ने की हो* ना की तोड़ने की# #Thoughts

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krishna

माँ बाप का हाथ पकड़कर रखिये, लोगों के पांव पकड़ने की जरूरत नही पड़ेगी #nojotophoto

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 माँ बाप का हाथ पकड़कर रखिये,
लोगों के पांव पकड़ने की जरूरत नही पड़ेगी

Abhishek vyas

समाज का हाथ पकड़कर चलोगे, तो किसी के पैर पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी #nojotophoto #विचार

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 समाज का हाथ पकड़कर चलोगे,
तो किसी के पैर पकड़ने की 
जरूरत नहीं पड़ेगी

Abhishek vyas

समाज का हाथ पकड़कर चलोगे, तो किसी के पैर पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी #nojotophoto #विचार

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 समाज का हाथ पकड़कर चलोगे,
तो किसी के पैर पकड़ने की 
जरूरत नहीं पड़ेगी

santosh bhatt sonu

इश्क की बोलियां

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कहीं इश्क बदनाम हुआ
कहीं दीवानो की टोलिया
जिंदगी के इन रांहों मे
हर नजर को टटोल लिया
देखते हर कोई प्यार से मगर
मन ही मन चलाते गोलिया
एक बार इश्क मे डूब जाओगे तो
करके अपना मतलब पूरा नीलाम कर देंगे 
रूह को भी, जिस्म को भी सजाकर 
बाजार बनाकर मोहब्बत की दुकान खोलेंगे
बिकेंगे क्योँ नहीं , बहुत डिमांड है  आजकल
हर कोई लगा रहा खूबसूरती पर बोलियां
कहीं इश्क बदनाम हुआ
कहीं दीवानो की टोलिया इश्क की बोलियां

Dr. Bhagwan Sahay Meena

गेहूं की बालियां #darbaredil

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Rahul Khan

गालियां इश्क़ की

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एक कप चाय और
 चार दोस्त परदेस में कुछ यूं
 शाम गुजार देते हैं, 
हर शख्स के नसीब में कहां होती है 
गलियां इश्क की। गालियां इश्क़ की

Sweta Siddhrat

कान की बालियां

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 कान की बालियां

Kranti Thakur

#कानों की बालियां #कविता

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तुम्हें पता है!
वक़्त से पीछे कहीँ किसी मोड़ पर
तुम्हारी लहराती हुई जुल्फों में
वो हवाएं अब भी गुम है

गुम है तुम्हारे कानो की बालियाँ
और हाथों से लटकता हुआ वो छल्ला
जिससे लटकता रहता था एक छोटा सा दिल

कुछ ऐसे ही लटकती रहती है आजकल यादें
हर शाम वक़्त की साख पर

रास्ता मंज़िल फुरकत एहसास सब एक से हो जाते हैं
वक़्त गुज़र जाता है करवटें लेते हुए
पेशानी पर कुछ सिलवटों के निशान छोड़कर

जो ना मिटता ना गुज़रता है
वो यादेँ हैं
वक़्त से कहीँ पीछे किसी साख से लटके हुए
किसी राह में ठिठके हुए किसी मोड़ पर ठहरे हुए

- क्रांति #कानों की बालियां
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