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SumitGaurav2005
देवी जीवनदायिनी ध्यान रखती है, कष्टों को हर के कल्याण करती है, करता है प्रार्थना जो सच्चे हृदय से माँ उसका मनोरथ पूर्ण करती है। सभी को नवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 माँ की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे। ©Kavi Sumit Mandhana 'Gaurav ' #नवरात्रा #नवरात्रि #navratri2020
SumitGaurav2005
मेरे विचारों में नवरात्रि की परिभाषा नौ दिन मां की आराधना करना । नारी संरक्षण की कामना करना।। ©Kavi Sumit Mandhana 'Gaurav ' #नवरात्रा #नवरात्रि #navratri #navratrispecial #navratri2020
Amit Sir KUMAR
नवरात्रि के नवरात्रों में अंदर के तिमिर को हटाओ , भक्ति के ज्ञान से प्रकाशित होकर, माता के महिमा के गुण गाओ,करो जगदम्बा के रूपो कि वंदना,मन में भक्ति के रस को जगाओ। ©Amit Sir KUMAR #navratri नवरात्रि के नवरात्रो में.....
Aryan Bohane
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। कैलाश पर्वत के ध्यानी की अर्धांगिनी मां सती पार्वती को ही शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री आदि नामों से जाना जाता है। इसके अलावा भी मां के अनेक नाम हैं जैसे दुर्गा, जगदम्बा, अम्बे, शेरांवाली आदि, लेकिन सबमें सुंदर नाम तो 'मां' ही है। माता की कथा आदि सतयुग के राजा दक्ष की पुत्री पार्वती माता को शक्ति कहा जाता है। यह शक्ति शब्द बिगड़कर 'सती' हो गया। पार्वती नाम इसलिए पड़ा की वह पर्वतराज अर्थात् पर्वतों के राजा की पुत्र थी। राजकुमारी थी। लेकिन वह भस्म रमाने वाले योगी शिव के प्रेम में पड़ गई। शिव के कारण ही उनका नाम शक्ति हो गया। पिता की अनिच्छा से उन्होंने हिमालय के इलाके में ही रहने वाले योगी शिव से विवाह कर लिया। आगे की कथा पढ़ें अगले पेज पर... एक यज्ञ में जब दक्ष ने पार्वती (शक्ति) और शिव को न्यौता नहीं दिया, फिर भी पार्वती शिव के मना करने के बावजूद अपने पिता के यज्ञ में पहुंच गई, लेकिन दक्ष ने शिव के विषय में सती के सामने ही अपमानजनक बातें कही। पार्वती को यह सब बरदाश्त नहीं हुआ और वहीं यज्ञ कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। यह खबर सुनते ही शिव ने अपने सेनापति वीरभद्र को भेजा, जिसने दक्ष का सिर काट दिया। इसके बाद दुखी होकर सती के शरीर को अपने सिर पर धारण कर शिव क्रोधित हो धरती पर घूमते रहे। इस दौरान जहां-जहां सती के शरीर के अंग या आभूषण गिरे वहां बाद में शक्तिपीठ निर्मित किए गए। जहां पर जो अंग या आभूषण गिरा उस शक्तिपीठ का नाम वह हो गया। इसका यह मतलब नहीं कि अनेक माताएं हो गई। माता पर्वती ने ही शुंभ-निशुंभ, महिषासुर आदि राक्षसों का वध किया था। ©Aryan Bohane #navratri नवरात्रि पर अवश्य पढ़ें, मां दुर्गा की पावन कहानी
work hard dream big
दुर्गा रूप निरंजनी तुम हमारी कल्याणी हो वैश्विक महामारी में भी तुम हमारी रक्षा करने वाली हो राग वैभव और वर मुद्रा धारी हो अलौकिक नेत्र विश्व की महारानी हो जय मां ♥️🙏 #stay_home_stay_safe #नवरात्र #नवरात्रा #चेत्र शुक्ला
Lokesh Mishra
शाम की अजीब सी कहानी है। कुछ देर में ही सुबह हो जानी है। जीने के लिए,बस यू वक्त ने ठानी है। यही फसाने जिंदगानी है। शाम की अजीब सी कहानी है।#शुभ रात्रि।।
Adv.Sanjay singh Bhadouria
सफर तो मुश्किल है। मैया मगर आप साथ मत छोड़ना सारी उम्मीद आप ही से है। शेरावालिए मां बस आप हाथ ना छोड़ना ©sanjay singh Bhadouria #नवरात्रि की सुभकामनाए