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Parasram Arora
लहर नहीं है सागर का श्रंगार सागर की विकलता है कूक कोयल की नहीं है गुहार उसकी विकलता है ©Parasram Arora विकलता
Kavitri mantasha sultanpuri
इन झरोखों में कुछ स्मृतियाँ ठहरी है जो सरिता संग घुलती भीतर आती है मन रुदन ज्यों समेटे ज्यों याँद आती है कितनी विकलता स्मृतियों के द्वार रहती ©Kavitri mantasha sultanpuri #विकलता #KavitriMantashaSultanpuri
Nova Changmai
दर क्या है??? एक लंबा हट्टा कट्टा आदमी उसी आवाज से बात कर रही है, और तुम सुनकर डर रही हो, उसको को दर नहीं बोलता है। जो बीते हुए कल है उससे शिक्षा लो, और जो आज करने वाले हो उसे किया नया क्या कुछ कर सकते हो उसके बारे में सोचो ,और डरो उस समय के लिए जो भविष्य में तुम्हारे जीवन को सुनहरी अक्षर में लिखकर जीवन को बदल सकता है। #सीखना #शायरी#कविता#रोमांस#मीनिंग #Motivational #Good #evening
uv_shree
एक दिन पाने की विकलता और न पाने का दुख दोनों अर्थहीन हो जाते हैं। ~ एक दिन पाने की विकलता और न पाने का दुख दोनों अर्थहीन हो जाते हैं। ~ श्रीकांत वर्मा
prashant Singh rajput
Call Drop मीनिंग इन हिंदी क्या है कॉल ड्रॉप जानिये हिंदी मे ? पूरा पढ़े नीचे दिए गए लिंक पर तुरंत क्लीक करें 👇👇👇👇👇👇👇 https://techadvicesps0
Bharat Bhushan pathak
विकलता है,हृदय का प्रेम नयन की प्यास है इसमें। मुहब्बत नाम है जिसका,लिखी गाथा,कई इसपे।। प्रतीक्षा है किसी की ये,किसी की चाह दिखती है। बनाई है,कवि कितने,इसी की धूम दिखती है।। ©Bharat Bhushan pathak #essenceoftime विकलता है,हृदय का प्रेम नयन की प्यास है इसमें। मुहब्बत नाम है जिसका,लिखी गाथा,कई इसपे।। प्रतीक्षा है किसी की ये,किसी की चाह
lalitha sai
एक कथा.. जिस कथा में हो एक ऐसा अर्थ सबके सोच के परे हो... कुछ लघुकथा ऐसे दिल चुरा लेते है.. कोई सोच भी नहीं सकता.. अंत में एक सुकून के एहसास को.. दिल और दिमाग़ में छा जाते है.. बहुत पहले से ही मैं शॉर्टफ़िल्म के शौकीन हूँ.. कुछ कुछ शॉर्टफिल्म्स ऐसे होते है.. जिसे title कुछ अलग होता है.. देखने के बाद पता चले.. कितना म
हिमांचल मिश्रा (बादल)
तुम्हारे घर की गलियों का ये अंदाज था जब भी गुजरता था मैं, भीतर विकलता का एहसास था भाव हो मेरे मन का तुम और भावना थी तुम जिंदगी हो तुम मेरी और जिंदगानी थी तुम तुम्हारा न चाहना तो बस काफी नहीं तुम्हारे न चाहने की कोई वजह तो मिले मुझको कहने को तो हैं बहुत कुछ बाकी अभी तुमसे बात करने की मुझको कोई जगह तो मिले तुम्हारा रूठना था पराजय मेरा हर घड़ी उसको न निभा पाऊंगा मेरा जीवन तो हैं मंचन के जैसा प्रिय बिन तुम्हारे मैं अभिनय न कर पाऊंगा एक तुम ही हो आराध्य और मेरी आराधना हो तुम भाग्य हो तुम मेरी और भाग्यदाता हो तुम तुम्हारे घर की गलियों का ये अंदाज था जब भी गुजरता था मैं, भीतर विकलता का एहसास था भाव हो मेरे मन का तुम और भावना थी तुम जिंदगी हो तुम मेरी
Divyanshu Pathak
!! वैदेही वनवास !! जनक-नन्दिनी ने दृग में आते ऑंसू को रोक कहा। प्राणनाथ सब तो सह लूँगी क्यों जाएगा विरह सहा॥ सदा आपका चन्द्रानन अवलोके ही मैं जीती हूँ। रूप-माधुरी-सुधा तृषित बन चकोरिका सम पीती हूँ॥22॥ बदन विलोके बिना बावले युगल-नयन बन जाएँगे। तार बाँध बहते ऑंसू का बार-बार घबराएँगे॥ मुँह जोहते बीतते बासर रातें सेवा में कटतीं। हित-वृत्तियाँ सजग रह पल-पल कभी न थीं पीछे हटतीं॥23॥ :💕👨 Good evening ji ☕☕☕☕☕☕🍉🍉🍉🍫🍫🐒🐒🐒🐒🐒 : आज की चाय के साथ "सीता जी के वनवास"पर चर्चा करेंगे जिसका प्रेरण मुझे #shweta mishra जी #deepika praja