Find the Latest Status about जा रही है क्या from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जा रही है क्या.
jitendra sharma
Hemant Sinsinwar
तुझ से दूर रहकर…. मोहब्बत बढती जा रही है... क्या कहूँ… कैसे कहूँ… ये दूरी तुझे और करीब ला रही है... HD-दिल से #NojotoQuote तुझ से दूर रहकर…. मोहब्बत बढती जा रही है... क्या कहूँ… कैसे कहूँ… ये दुरी तुझे और करीब ला रही है... HD-दिल से
ck bable
राजा महराजाओं से हमने संपत्ति छीना उसके राज्य को मिलाया, लोकतंत्र लाया ये क्या ! फिर से वही होना शुरू हो गया है, देश की संपत्ति नीजि हाथों में सौपी जा रही है, क्या फिर से राजतंत्रवादी व्यवस्था का आभास नहीं होगा ? ं ©ck bable राजा महराजाओं से हमने संपत्ति छीना उसके राज्य को मिलाया, लोकतंत्र लाया ये क्या ! फिर से वही होना शुरू हो गया है, देश की संपत्ति नीजि हाथों
Hum
जीवन का सबसे अनमोल रतन खोया, दुनिया के भीड़ में अपने आप को अकेला पाया, उनकी शिक्षा और आसीर्बाद हमेशा रहगा साथ, आसमान से ही रहेगा मेरे सर पर उनका हाथ। खोना पाना एक रीत है, जीवन तो चलते जाना है हमे जीना और जीने देना है। जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जार
ManiSh ChandEL
पिछला साल 'बातों' में बीत गया.. दुआ करो... आने वाला साल "मुलाकातों" में बीते.. 😍 जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जार
Gumnaam
बस इतना सीखा है, कि तारीख बदलने से तकदीर नहीं बदलती। जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जार
Darshan Blon
कुछ अपनों में पराये पाए कुछ परायो में अपनों को पाया, कुछ कुछ हमने ज़िन्दगी से सीखा कुछ कुछ हमने ज़िन्दगी को सिखाया, और ये प्रक्रिया अगले साल भी ज़ारी रहेगा!!! जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जार
sanjana Bhardwaj
तुझे "चाह" कर खता कर दी... जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जार
KRUNAL JADAV
कितनी खुशियां पाई है; पर सब कुछ प्राप्त नहीं हुआ, ज़िंदगी कुछ निराशा भी लाई है। हस कर कैसे बीते ज़िंदगी, जब पानी हो सिर्फ खुशिया; ज़िंदगी भी पूछती रही, आख़िर तुमने क्या है दिया; बस पाने की चाह में, जीवन ही नहीं है जिया। पर हारे नहीं अभी, बस बिता एक और साल है; अगर ख़ुशिया बाटने लगे, तो ये जीवन भी बेमिसाल है। जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जार
Umang Parmar
उसे जाते देखा, जो वापस न आने की, जिद्द पे था अड़ा।। जैसे-जैसे नया साल नज़दीक आ रहा है। स्मृतियों की छाया गहन होती जा रही है। क्या किया और क्या किया न गया मन में एक साथ ख़ुशी और अफ़सोस का भाव जार