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Manoj chainpura
उलझन इस बात की है कि इन बीस सालों में आम आदमी ने मशीनों का उपयोग करना शुरू किया है, और मैं कहता हूं आपसे जल्द ही आपको वापस लौटना होगा। । जीवन मे मशीनों से व्यवस्था लाई जा सकती हैं, मगर शांति लगभग खो जाएगी। । ©ManojbalbirCp मशीनों का हिस्सा #AdhureVakya
Manoj chainpura
#IndiaFightsCorona ग़म ये नहीं है कि मशीनों के आ जाने से हमारी पुरानी चीजें खो गई, बल्कि दर्द उन बीमारियों से हैं जो मशीनें अपने साथ ले आई। । ©ManojbalbirCp मशीनों के लिए #IndiaFightsCorona
RAVINANDAN Tiwari
#Pehlealfaaz मशीनों के मध्य रहता जन सतर्क क्षणिक असावधानी करता बेड़ा गर्क कार्य के गुणवत्ता में आ जाता है फर्क जानलेवा दुर्घटना बना देता जीवन नर्क बना लेता अपने जैसा कर संग संघर्ष सतत लगन से प्रवीणता बनाता सामर्थ्य मशीन सिखाते आदत करने का कर्म समरूप व्यवहार चाहे कोई हो धर्म अंतराल पर मरम्मत वरना होता गर्म सिखाता पारिश्रमिक माँगते क्या शर्म # मशीन दोस्त कच्ची सड़क मशीनों से पाठ
Ek villain
उसका मन भी मनुष्य का ना होकर मशीनों जैसा होता जा रहा है कोई विशेष अवसर आया तो माता-पिता तक को मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए शुभकामनाएं एवं बधाई का मैसेज कर मान लिया जाता है उससे अपना कर्तव्य पूरा कर लिया भौतिक ताकि इस आंधी में परिवारिक स्नेह प्रेम की डोरी कहां उड़ गई यह पता ही नहीं पहले जो घर हुआ करते थे वह घर ना होकर अब केवल मकान रह गए हैं मकान का अर्थ इन पत्रों का ढांचा समझना चाहिए एक ही मकान में परिवार के लोग तो जरूर है लेकिन सब अपने ही दुनिया में खोए हैं ©Ek villain #Winters रोजमर्रा की जिंदगी में मशीनों ने हमें घेर लिया है
Dilip Bhavsar
हमेशा जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए दो लोग लोग देते हैं जो कामयाबी से जलते हैं जो आगे नहीं आने देते हैं उनके थे बस कुछ फायदा नहीं है हम कुछ करना चाहते हैं लोग करने नहीं देते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है अपने मन से सन और अपने दिमाग से करो #Society हमेशा आगे बढ़ने की सोचो लोगों की मशीनों अपनी सुनो
Anurag Verma
मशीनों की घर्र घर्र को संगीत समझ लेता हूं लोगों का कोलाहल गीत समझ लेता हूं.... गर्मीयों के मौसम में उफ्फ ये दोपहरी पसीने बहते हैं उसे मैं शीत समझ लेता हूं ..... मशीनों की घर्र घर्र को संगीत समझ लेता हूं लोगों का कोलाहल गीत समझ लेता हूं.... गर्मीयों के मौसम में उफ्फ ये दोपहरी पसीने बहते हैं उसे मैं
Ravendra
Ravendra
Vedantika
अक़्स बनकर तैयार कर दिया उसने अपने कौशल से। बुर्ज खराद का विशेष योगदान है हमारे जीवन में आज का जीवन यांत्रिक ऊर्जा पर इतना निर्भर हो चुका है कि हम इसके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। इस मशीनी जीवन मे हमारी दिनचर्या पर जिस