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Swapnil Bambole

गर्जना

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ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)

गर्जना

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आवाज,,,,मानव निहित ऊर्जो है जिसके उत्सर्जन से उसके व्यक्तित्व का अंदाजा हो जाता है गर्जना

DR. LAVKESH GANDHI

गर्जना $ गर्जना कोरोना के खिलाफ # yqthoughts yqchallenge #

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गर्जना 

कोरोना के खिलाफ
कोरोना कर्मियों की गर्जना 
कोरोना के खिलाफ 
भारतीयों की एकजुटता 
कारगार हो रही है 
हम अब तक हैं सफल
और होंगे भी सफल  #गर्जना $
#गर्जना कोरोना के खिलाफ #
#yqthoughts #yqchallenge #

Raone

नारी गर्जना #कविता

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नारी गर्जना 

गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।

क्यूँ अग्नि परीक्षा दे तू अब, जब राम हीं रहा नहीं ।।

ना द्रौपदी बने कोई, जब कृष्ण अब रहा नहीं ।

कर गर्जना तू सिंह की, निरलज्ज इस समाज पर ।।

 देख धरा भी काँप गयी, तेरी मात्र इक दहाड़ पर ।

गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।।

भय को आग झोंक के, उठा ले अब शस्त्र तू ।

द्रौपदी तू कृष्ण तू, खुद को खुद बचा ले तू ।।

खुद अधर्मियों का नाश कर, कि कृष्ण अब रहा नहीं ।

उठा के खड्ग हाथ ले, क्रोध की इक हुंकार ले ।।

सिर को धड़ से चीर कर पापियो का नाश कर।

 तू है नयी अवतार अब, तू है नयी मशाल अब ।।

गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।

गरज चुकी तू अब बरस,  ला दे जल प्रलय तू अब ।।

राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी 

(भाग-1 का शेष) नारी गर्जना

Raone

नारी गर्जना #कविता

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नारी गर्जना 

गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।

लौह की बेड़ियों को तोड़, बना ले उसको शस्त्र अब ।।

अंगार पर चली है तू आग में तपी है तू ।

पापियों के घात से ।।

जला इन्हें अब भस्म कर, विजय तिलक लगा तू अब ।

पापियों के राख से ।।

गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।

प्रश्न उठे थे तब भी जब, तू सोयी कोख में थी तब ।।

क्या नारी का चरित्र है ? क्यूँ नारी दंश झेलती है अब ।

तू किसलिए डरी है अब, चरित्र जब पवित्र है ।।

पापियों के सिर को तू, त्रिशूल से उखाड़ फेंक।

गरज चुकी तू अब बरस, ला दे जल प्रलय तू अब ।।

आग है धधक उठी, तू लौ की अब मशाल ले ।

चुनर तेरा इक शस्त्र सा, मन से तू ये मान ले ।।

चुनर से अपनी ध्वज बना, भर दे एक हूंकार तू ।

पापियों को इस चुनर से, झूला इन्हें अब फाँस तू ।।

राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी 

(भाग-1 ) नारी गर्जना

Aditi Anand

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