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Uttam Bajpai

लव की स्पेलिंग #कॉमेडी

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Sambhav jain

आज भी शहरों में रहने के लिए लोग घर खोजते हैं लेकिन जनाब अब यहां अधिक मात्रा में मकान रूपी अपार्टमेंट हुआ करते हैं। #गरीब #खुशनसीब #घर #मकान #nojotohindi #महफूज़_जनाब

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इस मजबूत सी जिन्दगी में लाखों इम्तेहान हैं
जैसे शहरों वाले पूछते? 
क्या आसपास कोई खाली मकान है।
उस गरीब का तो घर था जो शायद इन बस्तियों में आ गया
लेकिन अब है सुंदरता की चमक
जो दिखाती उसे रंग ढंग उसके ही समान है। आज भी शहरों में रहने के लिए लोग घर खोजते हैं लेकिन जनाब अब यहां अधिक मात्रा में मकान रूपी अपार्टमेंट हुआ करते हैं।
#गरीब #खुशनसीब #घर #मकान

Rashmi Hule

एक महिना पहले नये आये हुये पडोसी ने दरवाजे पर बोर्ड लगाया था. मैने दरवाजा खटखटाया और कहा disturb का स्पेलिंग गलत लिखा है. उसने हाथ मिला के #Be #Don #yqbaba #yqdidi #yqtaai #bestmarathiquote

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महिनाभरापूर्वी आलेल्या नवीन शेजार्‍यांनी बंद दरवाजावर बाहेर बोर्ड लावला... "Do not ditrb" ...❌
मी दार वाजवले आणी बोललो स्पेलिंग चुकलंय... "Disturb" चे.🙄🙄
त्यांनी शेकहँड केला.म्हणाले "थँक्यू" आम्ही
होम क्वारंटाईन आहोत म्हणून बोर्ड लावला आहे. 😢😢 एक महिना पहले नये आये हुये पडोसी ने दरवाजे पर बोर्ड लगाया था. मैने दरवाजा खटखटाया और कहा disturb का स्पेलिंग गलत लिखा है. 
उसने हाथ मिला के

Mayank Sharma

पूरी कविता नीचे नासमझी से भरे पड़े खेल खेल में लड़ पड़े बचपन में सब होते बच्चे दिल से सच्चे, अकल के कच्चे तब कि मैं ये बात सुनाऊँ #yqbaba #yqdidi #yourquotebaba #yqdidiquotes #मलंग #yourquotedidi #yqbesthindiquotes

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तब कि मैं ये बात सुनाऊँ 
A B C D सीखने के ज़ज्बात बताऊँ
छोटे छोटे बच्चे हम, 
बड़े दिल से सीखते थे
बात तब कि है जब 
हम पेन्सिल से लिखते थे.. पूरी कविता नीचे

नासमझी से भरे पड़े
खेल खेल में लड़ पड़े 
बचपन में सब होते बच्चे 
दिल से सच्चे, अकल के कच्चे 

तब कि मैं ये बात सुनाऊँ

Vedantika

निशांत के इतना कहते ही वे दोनों अपने होश में आये। दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि अपने जिस दोस्त को वे दोनों मरा हुआ समझ कर आज तक खुद को ही दो

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लौट आया वो 

भाग 2

(प्यार की शुरुआत) निशांत के इतना कहते ही वे दोनों अपने होश में आये। दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि अपने जिस दोस्त को वे दोनों मरा हुआ समझ कर आज तक खुद को ही दो

Kulbhushan Arora

आदरणीय सुधा दी, मन तो सुधी कर के बोलने को था, सबके सामने कहना अच्छा नहीं ना। लो शाम की डाक में आपके नालायक भैया की चिट्ठी आई है। कमाल हो ना

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सुधा दी,
ये सबने अपने अपने पापा को
पत्र लिख कर भावुक कर दिया,
आपको तो पता है
जब में अतिभावुक होता हूं,
आपकी गोद में सर रख कर,                      सुधा दी
खो जाता हूं...                                अन्तर्मन लोक आदरणीय सुधा दी,
मन तो सुधी कर के बोलने को था, सबके सामने कहना अच्छा नहीं ना।
लो शाम की डाक में आपके नालायक भैया की चिट्ठी आई है। कमाल हो ना

lalitha sai

भाग्यनागर हाँ भाग्यनगर जब भाग्यनगर हैदराबाद हुआ था कुछ इस तरह हुआ था जब सिर्फ पुरानी यादें छुपे हुए थे अब के भाग्यनगर में ऊंचे ऊंचे से फ्ला

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भाग्यनगर ( हैदराबाद)
Read caption...👇 भाग्यनागर हाँ भाग्यनगर
जब भाग्यनगर हैदराबाद हुआ था 
कुछ इस तरह हुआ था
जब सिर्फ पुरानी यादें छुपे हुए थे
अब के भाग्यनगर में
ऊंचे ऊंचे से फ्ला

Vandana

जो इंसान संवेदनशील हो जाता है क्योंकि वह हर दर्द और पीड़ा से गुजर जाता है शायद दुख भी जरूरी है इंसान के लिए,,, इस स्टोरी को पढ़कर आपको शायद #realityoflife #painttheworld

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"जिस इंसान को बहुत दर्द और असहनीय पीड़ा मिल चुकी है वह इंसान कभी किसी को दर्द नहीं दे सकता और उस इंसान के लिए पैसा और शोहरत कोई मायने नहीं रखती,,, जो इंसान संवेदनशील हो जाता है क्योंकि वह हर दर्द और पीड़ा से गुजर जाता है शायद दुख भी जरूरी है इंसान के लिए,,,

इस स्टोरी को पढ़कर आपको शायद

MORINGO HEALTHY LIFE

एक नार्मल लाइफ कैसी होती है ये मैंने आपको ऊपर बताने की कोशिश की है जो की हर एक आम इन्सान ये सब करता है, एक आम आदमी खास आदमी कैसे बनता है अगर

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Vishal Vaid

कल GITANJALI ने एक बेहतरीन लेख पोस्ट किया था, उसको पढ़ते हुए मन में कई विचार आए, कई शेर याद आएं । तो सोचा आज कुछ सांझा करता हूं आप सब से।

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बंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे है
हाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है 
ज़ुबैर अली ताबिश

ये हवा कैसे उड़ा ले गई आँचल मेरा
यूँ सताने की तो आदत मिरे घनश्याम की थी
परवीन शाकिर 

जिस की हर शाख़ पे राधाएँ मचलती होंगी
देखना कृष्ण उसी पेड़ के नीचे होंगे
बेकल उत्साही

कहे जाती है ऊधौ से ये रो रो कर के हर गोपी
बता अब कब सताएँगे मुझे मिरे किशन आख़िर
अदनान हामिद 

रौशनी ऐसी अजब थी रंग-भूमी की 'नसीम'
हो गए किरदार मुदग़म कृष्ण भी राधा लगा 
इफ्तिखार नसीम

न किसी गीत से रग़बत न शग़फ़ नग़्मों से
सिर्फ़ मीरा के भजन सुनता है कान्हा दिल का
लकी फारूकी  हसरत कल GITANJALI ने एक बेहतरीन लेख पोस्ट किया था, उसको पढ़ते हुए  मन में कई विचार आए, कई शेर याद आएं । तो सोचा आज  कुछ सांझा करता हूं आप सब से।
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