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अज्ञात
पेज-26 दिव्या-जीजी क्या हुआ कुछ गड़बड़ है क्या.. ! पुष्पा जी-हट पगली कहीं की.. तुम... जल्दी आओ कुछ दिखाना है तुम्हें... . जल्दी... जल्दी... इतना कहकर पुष्पा जी ने सुधा का हाथ पकड़ा..और दौड़ लगा दी...उतनी ही जल्दी सुधा ने दिव्या का हाथ पकड़ा और दिव्या ने तुरत राखी जी का हाथ पकड़ लिया और फौरन दौड़ पड़ी ट्रैन... मंदिर की तरफ... चारों एक के पीछे एक तेजी से दौड़ रहे हैं... देखने वालों कों कुछ समझ नहीं आ रहा.. जो भी इन्हें भागते देखता, अपना काम धाम छोड़ छाड़ कर उनके पीछे दौड़ने लगा...! इधर उनको दौड़ते भागते देखा तो इन्हें दौड़ते देख श्रृंगार कर रही बिजली को लगा कोई दौड़ प्रतियोगिता चल रही है.. किसी ने उसे बताया तक नहीं... गांव की चैम्पियन रही है वो... गुस्से से लाल हुई जा रही.. सुधा को आवाज़ दी.. जिज्जी.. रूक... ओये जिज्जी... काय जिज्जी... ओ जिज्जी.... रुको तो.....!!!!! सा ररररर री हमें बताय भी नइ... शहर की छोरियां हमसे होड़ कर रइ...अभई देखो सारी सबखे पछाड़ खे रखे दे रये..... दौड़ री बिजुरिया...सर्र पट दौड़. 🏃♀️🏃♀️🏃♀️🏃♀️🏃♀️अभई पाय ले रय हम.. ससुरी समझ लइ....देशी दूध से कोल्ड्रिंक टकरा रओ... हमसे जीत जाहें कभऊ नइ.... यहाँ दौड़ने की पदचाप और तीव्र आहट और बिजली को दौड़ते देख प्रिया गौर घबराकर उनके पीछे दौड़ी.. 🏃♀️🏃♀️🏃♀️🏃♀️ प्रिया की आवाज़ सुनते ही शालिनी जी को लगा कुछ अनहोनी हो गई.. तुरंत मुख से जय शिवशंकर जय भोले नाथ और वो भी उसी तरफ दौड़ पड़ी... शालिनी जी को भागते देख और हल्ला सुनकर साधना बहन हाथ में बेलन लिये ही दौड़ पड़ीं.... इधर चंद्रवती बहन हाथ में घंटी लिये ही दौड़ पड़ी... अजीब भागमभाग... दौड़... दौड़... दौड़.... मानो... भाग मिल्खा भाग... हर हर महादेव.... ! वहाँ से हिसाम साहब की नज़र पड़ी... आनन फानन में हाथ में फावड़ा लिये ही दौड़ पड़े... फिर दौड़ के पीछे दौड़... 🏃♀️🏃♀️🏃♀️दौड़ के पीछे दौड़ 🚶♀️🚶♀️किसी ने पूछा-क्या हुआ क्यूँ भाग रहे हो.. आगे पेज-27 ©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी पेज-27 दिव्या-जीजी क्या हुआ कुछ गड़बड़ है क्या.. ! पुष्पा जी-हट पगली कहीं की.. तुम... जल्दी आओ कुछ दिखाना है तुम्हें... . जल
JAI BHAGWAN SHARMA
भारतीय स्वाभिमान सेवा परिषद ©JAI BHAGWAN SHARMA रररर #VivekanandThoughts
Diwan G
Without fear - who will care डररररर #डर #भय #NojotoEnglish #NojotoTopical
Sabreen Nizam😊
डरी- डरी मैं सहमी- सहमी खौफजदा भी रहती हूँ, निर्भया और आसिफा की जब नई कहानी सुनती हूँ, मैं खुद के लिए और अपनों के लिए भी ये करती हूँ, हाँ, सूनसान उन राहों पर चलने से मैं अब डरती हूँ।... {Sabreen Nijam} #NojotoQuote एक रड़की का डरररर..... #खौफजदह#मै#डरना#कहानी#सुनना Swetapadma Mishra
अज्ञात
पेज-60 राकेश ने दरवाज़े से झांक कर देखा तो चारों धाम एक साथ.. हैरत से राकेश ने सोचा -"कमाल है..! वहाँ सारा नोजोटो आज भरी दोपहरी में शॉपिंग मॉल का उद्धार करने गया है वहीं ये चारों दिव्यात्माएं आराम से बैठकर क्या कर रहे थे.. पढ़िए जरा.. पुष्पा जी का एक हाथ दिव्या की गोद में.. दिव्या का एक हाथ राखी जी गोद में और राखी जी का एक हाथ सुधा की गोद में..! ना जाने कितनी मेंहदी की कोन नीचे दबी कुचली सी पिचली हुईं सी आखिरी सांसे ले रही थीं.. मानो उनसे कह रहीं हों.. "हम जितनी रह गई हैं उसे भी अपनी अंगुलियों की पोर में भरकर हमें क़ैद से मुक्त करो.. दृश्य सुहावना था.. मगर कौन कितना मेंहदी लगाना जानता था.. ये तो हाथों में बनते रेखा चित्र से पूछे कोई..भई समय का सदोपयोग तो कोई इनसे सीखे.. खैर कथाकार ने सजग करते हुये राकेश को प्रेरित किया और आगे कैप्शन में.. 🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज-60 राकेश-कहिये पुष्पा जी इस कालोनी में आपको क्या प्रॉब्लम है..? पुष्पा जी- प्रॉब्लम है मेरे बाथरूम में लगा शॉवर..! मेर
अज्ञात
पेज -13 अगले दिन जब सुबह हमारी जॉन जॉनी की जोड़ी मॉर्निंग वॉक पर निकली तो लौटते समय अचानक विशाल जी की नज़र उनके आगे रन-अप करते एक सज्जन पर पड़ी.. अब विशाल जी तो अधिकवक्ता थे..चलते फिरते अपने आगे जॉगिंग करने वाले सज्जन से कहा-राधे राधे श्रीमान.. ये सुनते ही उन महाशय ने तत्काल जबाब दिया राधे राधे विशाल जी.. ये सुनते ही वकील साहब के ज्ञानेन्द्रियाँ सक्रिय हो उठी फौरन पलटवार हुआ-अरे वाह श्रीमान जी आपको हमारा नाम कैसे पता..! सज्जन ने कहा- बस, ये सब नोजोटो का कमाल है.. ! विशाल जी ने आश्चर्य से पूछ लिया -ओह्हो मतलब आप भी नोजोटो में ....?? अभी वाक्य पूरा भी नहीं हो पाया था कि सज्जन ने हाजिर जबाब पेश किया- "जी विशाल साहब थोड़ा बहुत कभी कभार बस शौक़ से यूँ ही जब मन किया तो बाकी हम कहां मगर दिल है कि मानता नहीं तो बस... विशाल साहब के दिमाग में विस्फोट से होने लगे.. बाबा रे ये कौन धुरंधर हैं..! इतने में ही नौसाद साहब ने टोंक दिया- बज गई घंटी.. मना करता हूं... कहीं भी स्टेशन मत फसाया करो.. ! विशाल जी-अमा मियां यार जॉनी.. जस्ट चिल्ल्ल..! नौसाद जी-घुइयां चिल...उन्होंने क्या कहा समझ आया.. ! विशाल जी-तो इसमें क्या है उन्हीं से समझ लेते हैं..! ऐं श्रीमान जी आप यहीं कहीं रहते हैं..! सज्जन ने तत्काल जबाब दिया बस आपसे अधिक दूर नहीं हैं..! नौसाद साहब-तुम्हारी सारी वकालत यहीं खत्म ना हो जाये बचाये रखो.. जॉन..! विशाल जी- कैसे जॉनी हो यार तुम मामला गड़बड़ है..! नौसाद जी-गड़बड़ नहीं बड़बड़ है... तुम्हारी.. चलो आगे उनसे..! वरना यहीं सुबह से शाम की वॉक करनी पड़ेगी.. विशाल जी-श्रीमान ये मेरे प्रिय मित्र नौसाद साहब हैं मैं इन्हें प्यार से जॉनी और ये मुझे प्यार से जॉन बुलाते हैं.. सज्जन ने कहा-बहुत अच्छी बात है अब कल मिलते हैं सामने मेरा घर आने वाला है..! नौसाद जी-एक और गुगली...! विशाल जी-ऐं.. जी आपका घर..! यहाँ..! सज्जन ने कहा-जी मैं यहीं शिफ्ट हुआ हूं.. तकरीबन एक सप्ताह पहले.. ! विशाल जी-मगर यहाँ तो हम लोग रह.. मेरा मतलब हमारा घररररर.. क्या आप भी रत्नाकर.. ! सज्जन-जी हाँ विशाल जी..! विशाल जी- ओह्हो हो हो... क्या हम आपका शुभ नाम.. सज्जन-जी मेरा नाम यशपाल सिंह है नोजोटो में आप मुझे पढ़ सकते हैं...! विशाल जी-अच्छा... अच्छा.. वाह वाह... आपका नाम तो सुन रख्खा है.. आपकी पोस्ट भी देखी पढ़ी हैं... पर आप इस तरह यहाँ दर्शन देंगे. 🤔... यशपाल जी- जी चलिए घर में एक एक कप चाय हो जाये..! नौसादजी - चाय... थैंक गॉड... शुभस्य शीघ्रं..! विशालजी-वाह बच्चू.. चाय में यार की चाह भूल गये..! नौसाद जी-अरे अब आओ भी मुझसे ज्यादा तलब तो तुम्हें लगी थी.. दो तीन चाय ठेले जॉगिंग के समय जो निकले फलाँग तक तो उन्हें ही पलट कर देखते रहे.! विशाल जी-अब तुम ना जानोगे तो कौन जानेगा भई जॉनी..! [और तीनों चाय का लुफ़्त उठाते हैं कुछ देर बाद जॉन जॉनी अपने घर को चले जाते हैं..!] पेज-14 ©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी पेज -13 अगले दिन जब सुबह हमारी जॉन जॉनी की जोड़ी मॉर्निंग वॉक पर निकली तो लौटते समय अचानक विशाल जी की नज़र उनके आगे रन-अप करत
अज्ञात
पेज-23 लेकिन शुभ कार्य करने पूर्व आप सब सुबह देर से मंदिर हो कर आ जाइये..! मनीषा-भैया.. देर से क्यूँ रोज सुबह जाते हैं कल देर से... कोई खास वज़ह...! राकेश-हुम्म.. कल तुम्हें पूरी कालोनी देखेगी ना.. इसलिये.. ! मनीषा-ओह्ह... सरप्राइज..! राकेश-हूम्म.. समझ गये..! मनीषा-बहन किसकी हूं अब..! इतना कहकर राकेश अपने घर को चला रास्ते में चंद्रमुखी जी का घर पड़ा जहाँ चंद्रमुखी जी पट बंद ही करने वाले थे कि राकेश ने कहा-बहना दो मिनट रुकिये ना..! चंद्रमुखी जी-उइ मइया.. ! भैया जी आइये ना पधारिये...और एक गीत गुनगुनाने लगे... ! स्वागत है भैया जी आपका,.. स्वागत है भरमार.. ! राकेश-बहुत बहुत आभार बहना बस एक संदेश भिजवाने के लिये आपको कष्ट दे रहा हूं.. चंद्रमुखी जी-हाँ प्यारे भाई जी हुक्म कीजिये बहना सुनने को उतावली हो रही है..! राकेश-जी मानक के घर बस इतना बताना है कि कल दोपहर को लड़की वाले मानक को देखने आने वाले हैं.. ! चंद्रमुखी जी- ओये होये..राजा की जायेगी बारात रंगीली होगी रात मगन में नाचूंगी... हाय मगन मैं नाचूंगी...! भैया आपको पता है एक नंबर डांस आता है मुझे.. आप देखना सब लोग मेरे ऊपर से ही नोटों की न्योछावर करेंगे..! राकेश-बिलकुल बहना अगर बात जम गई तो बहुत जल्द.. "" चंद्रमुखी जी- शहनाइयों की सदा कह रही है.. मिलन की मुबारक़ घड़ी आ गई है...! राकेश-हाँ बहना आप ध्यान से बता देना उन्हें और उनकी तमाम बहनों भाइयों को भी..! चंद्रमुखी जी- पल्लो लटके री मारो पल्लो लटके..जरा सा.. जरा सा... हुम्म.. जरा सा... !💃 राकेश-(🤭ओ गॉड अभी तो शादी तय भी नहीं हुई है) बहना ओ बहना आप बता तो दोगे ना..! अररररर रे इधर देखकर बोलो बहना..! चंद्रमुखी जी-धूम मचा दे धूम मचा दे धूम..! 💃 राकेश-अल्लाह... !🤔 (किसी और को भी बताना पड़ेगा..) अच्छा चलता हूं बहना जय सियाराम.. !🙏 आगे शालिनी बहना का घर पड़ता है मगर पता नहीं वो जाग रहे होंगे या नहीं... देखूँ तो उस तरफ... 🚶♂️🚶♂️🚶♂️🚶♂️🚶अरे हाँ ये तो... प्रिया खड़ी है शायद...!जय सियाराम प्रिया... ! प्रिया-ओ तेरी.. भैया आप इस वक़्त.. कहां से आ रहे हैं.. ! राकेश-अरे सुनो ना मेरा काम करोगे प्लीज..! प्रिया-अर्रे ये क्या बात हुई क्यूँ ना करूंगी मैं.. कहिये ना.. ! राकेश-अरे मानक के घर ख़बर भिजवाना है कि कल दोपहर को मानक को देखने वाले आ रहे हैं..! प्रिया-अभी लीजिये अभी कॉल किये देती हूं..! राकेश-तुम उन्हें बता दो मुझे थोड़ा अर्जेन्ट काम है मैं चलता हूं..! (कुछ दूर चलते ही.. )अरे ज़नाब कहां से तशरीफ़ ला रहे हैं आप.. बड़ी जल्दी में दिख रहे हैं..! राकेश-अरे हिसाम साहब... क्या बताऊं एक बड़े काम को अंजाम देना है...! हिसाम जी-अरे हुक्म करें.. शायद हम भी किसी काम आ जायें...! राकेश-अरे जी बिलकुल आप तो काम आने ही आने हैं..! ईश्वर ने चाहा तो बहुत जल्द इस कालोनी में उत्सव होगा . ! हिसाम जी-अरे वाह क्या बात... नइ कालोनी में पहला उत्सव होगा.. .चलिए हमें इंतजार रहेगा..! ख़ुदा हाफ़िज.. ! राकेश-ख़ुदा हाफ़िज हिसाम साहब 🙏🙏 दृश्य समाप्त.. अब आगे -24 ©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी. पेज-23 लेकिन शुभ कार्य करने पूर्व आप सब सुबह देर से मंदिर हो कर आ जाइये..! मनीषा-भैया.. देर से क्यूँ रोज सुबह जाते हैं कल
Pnkj Dixit
जन्मदिवस पर हार्दिक बधाई शुभकामनाएं सखी अंकिता शर्मा 🎂🍫🌠✨☕🍧🍨🍿🍰 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🎼🎼🎉🎊🌠✨🎂🍫🍬🍭🍦🍨🍧🍿🍰🍫🍺🍻☕🍵🍹🍸🍷🥃🍫🍫🍫🍫 "कैसे आदमी के पल्ले बांध दी , कुछ अता-पता ही नहीं न जाने किन गाने वालियों के चक्कर में पड़ा है । हमरी तो बिल्