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विवेक सिंह

सलोनी

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सुनो
तुम्हारी आँखों मे देख सँवरना है हमें।। सलोनी

Sakshant Gosavi

# सावली सलोनी #

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Deepali Singh

#साँवली-सलोनी #कविता

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रंग तेरे मुखड़े का नहीं आम सा
दिखता तुझपर ये रंग और भी जवाँ
कभी जो छलकता है आखों से नुर नया
अर्थ गहरा कर दे वो तेरे मुस्कान का
चमकता है बड़ा ये चेहरा साँवला 
तेज़ इसका करे तेरे व्यक्तित्व को बयाँ
और जो उभरा मुखडा है घना-श्याम सा
इसको ही तो कहते हैं सादगी में सुंदरता ।

©Deepali Singh #साँवली-सलोनी

Dinesh Pandey

हमरी भतिजी सलोनी की कहानी

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Saloni Borkar

मराठी बाल कविता- सलोनी बोरकर #poem

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Kinjal Dogra

भर पिचकारी,भिगोवे अंगियारी
पनघट पर जल भर पनिहारी,
कंकर मार चटकाए गगरी,
पकड़ कलाई यूं सताए सब हि,
श्याम सलोनी सूरत जिसकी।

©Kinjal Dogra #श्याम #सलोनी #सूरत #होलीहै 

#Happy_holi

Kalpana shah

बेटी सलोनी को जन्म दिन की शुभकामनाएं #nojotophoto

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 बेटी सलोनी को जन्म दिन की शुभकामनाएं

amit Kaushal https://youtu.be/9r2nccQ5RAI

#OctoberCreator #सावरी सलोनी तेरी झील जैसी आँखे #Love

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Shiva Meghwanshz

क्या सलोनी खुद को बेकसूर साबित कर पाएगी ? #ज़िन्दगी

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स्वतंत्र भारतीय लेखक
                        shIva meghwanshz 9664407946
                         jhalawar city rajsthan
सुनिधि जी बाहर ठहल के आते ही फ्रेश होकर खाने की थाली लेकर बैठी ही थी कि तभी टेबल पर अचानक उनकी छोटी बहू सलोनी के मोबाइल की टोन बजने लगी एसएमएस वाली, सुनिधि जी जैसे मोबाइल को उठाने लगी सलोनी किचन से निकलकर दौड़ कर मोबाइल को हाथ में ले लिया और मैसेज पढ़ा, पढ़ते ही उसका मुंह उतर गया वह बिल्कुल मायूस हो गई। मानो की जैसे कोई पहाड़ टूट गया हो उसके पर, सुनिधि जी ने बहुत से पूछा क्या हुआ! बहू सब ठीक तो है ना? तुम्हारे इतनी सर्दी में भी पसीना कैसे निकल रहा है देख रही हूं, तीन चार दिन से बिल्कुल उदास उदास लग रही हो सलोनी बिना कुछ बोले वापिस किचन में चली गई और चुपके चुपके रोने लग गई। सुनिधि जी ने फिर से पूछा क्या हुआ! कुछ बताओगी भी! पहले तो सलोनी बात को टालती रही मना करती रही कि मां जी कुछ नहीं हुआ ऐसी कोई बात नी है बस धर्म के धक्का लगता है वहीं मेरे साथ हुआ है, लेकिन ऐसा हुआ क्या जो इतनी टेंशन में हो बहू! सुनिधि जी देवी के बार बार जोर देने पर छोटी बहू सलोनी बोली क्या बताऊं,  मॉ जी! अब आपसे क्या छुपाना कल मैं मायके गई थी, तब मां ने मुझे बहुत बुरा भला सुनाया सुनीता भाभी भी गुस्सा हो रही थी। पता नहीं क्यू वो भी मां के साथ मिलकर मुझे डांट रही थी, मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा आखिर ऐसा कोनसा पाप कर दिया मैने जो सब मुझसे इतने खफा है जबकि मैने तो आज तक किसी जानवर का भी दिल नहीं दुखाया फिर अपने ही घर वालो का दिल कैसे दुखा सकती हूं।
क्यों बहु! क्या हुआ! सुनिता को तो मैं जानती हूं सुनीता तो अच्छी लड़की है, और तुम्हारी तो सुनीता से कॉलेज टाइम से दोस्ती रही है कभी तुमने एक दूसरे के बारे कभी कोई शिकायत नहीं की और तो और तुम्हारे मायके की सारी जवाबदारी बड़े अच्छे से संभाल लेती है वह, समधिन जी का भी कितना ख्याल रखती है में जब भी जाती हूं तब तुम्हारी मम्मी के साथ मेरे भी पैर दबाने लग जाती है। और खाने से लेकर वापिस आने तक अपनी सगी मां की तरह ख्याल रखती है, तुम्हारे मायके से कभी शिकायत नहीं आई सुनीता की हमेशा उस तारीख की सुनने को मिलती है, तुम्हारी मां बोल रही थी एक बेटी घर से गई तो दूसरी बेटी घर वापस आ गई, पर मुझे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा बेटा! ऐसा क्या किया तुमने ? कि तुम्हारी मां और तुम्हारी भाभी तुमसे नाराज हो गई ?
सलोनी ने रोहासी आवाज के साथ एकदम से एक ही आवाज में सारी बात सुभद्रा जी को कह दी और रोने लग गई मां जी! तीन-चार दिन पहले मेरे मोमेरे भाई और भाभी दोनों मां के पास आए हुए थे, मां की तबियत कुछ खराब थी इसलिए पता नहीं क्यू वो लोग बार बार जाते रहते है
उन्होंने मां को जाकर कहा कि सलोनी बोल रही थी कि तुम्हारी तुम्हारी छोटी-मोटी सभी जरूरतों को सलोनी अकेली पूरा करती है! 
संजय और सुनीता तो कुछ नहीं करते बिचारी सलोनी ही अकेले ही आपका कितना ख्याल रखती है, बेटा अपनी जवाबदारी से मुंह मोड़ सकता है, लेकिन बेटी कभी मुंह नहीं मोड़ सकती, मैंने देखा उस दिन भी बहुत सारे सामानों का जो झोला लिए मेडिकल स्टोर पर आपके लिए दवाइयां खरीद रही थी, संजू और सुनीता को शर्म नहीं आती शादी के बाद भी सलोनी को परेशान करते हैं आखिर सलोनी कब तक आपकी देखरेख करेगी उसका भी तो पारिवार है, उसके घर भी तो नन्हा मेहमान आने वाला है। उसके भी तो सास-ससुर है कि उनकी देखभाल कोई और करेगा क्या अगर वह सारा ध्यान यहां अपने मायके में लगा देगी तो मुझे तरस आता है बिचारी सलोनी इधर भी करो, घर में जवान बेटा और बहू है बहू को नखरे करने से फुर्सत नहीं मिलती होगी और बेटे को अय्याशी करने से,अच्छा हुआ आपने सलोनी की शादी इसी शहर में करदी वरना आपकी जिंदगी तो कबकी ख़तम हो गई होती इतनी देखभाल आज कल की कोनसी बहू भी नहीं करती,
वे लोग सुनीता भाभी जी को कहने लगे कि आपको मामी जी का ख्याल रखना चाहिए, एक ही तो बेटा है उनके अब अगर तुम लोग ही ख्याल नहीं रखोगे तो कैसे काम चलेगा
अच्छा थोड़ी लगता है बेटे के होते हुए बेटी अपनी मां का सारा खर्चा उठाएं बेटी तो पराया धन होती है उसके उपर मायके का भोज क्यो डालते हो...l  और भी पता नहीं क्या क्या अनाप शनाप मेरे बारे में बोलते गए। 
बहु तुमने इस बारे में अपने मोमैर भैया और भाभी से इन सब के बारे में कुछ कहा था क्या? 
नहीं मां जी जिस दिन वे मा से वे लोग मिलने जाने वाले थे मुझे सुमन मेडिकल स्टोर पर मिले थे,
मैं आपकी और मां की दवा खरीद रही थी तथा मेरे पास और भी कहीं सारा सामान था, जिसे देखकर उन्होंने पूछ लिया क्या खरीद लिया इतना सारा मार्केट से मैंने कहा इसमें मां के लिए सामान यह सब मां के लिए खरीदा है, कहने लगे तुम क्यों यह सब खरीद ती हो यह सब जवाबदारी तो तुम्हारे भैया और भाभी की है, मिलने दो उनको में समझता हूं।
मां जी! मुझे क्या मालूम था की वह मेरी इस बात का बतंगड़ बना देंगे, शुरू से मां का सामान में ही खरीदी हूं इसलिए मैंने सहज भाव से कह दिया था कि आज की बात थोड़ी है मैं तो शुरू से ही मां की जरूरतो के लिए सामान खरीदती आ रही हूं, तो मुझे अच्छे से अनुभव है ओर मां को भी कोई शिकायत नहीं रहती मेरे सामान खरीदने से तो में ही खरीदारी कर लेती हूं,
 तब भैया ने कहा था तुम्हारी भाभी ओर में आज शाम को ताई जी की तरफ जाएंगे उनकी तबीयत के बारे में पूछने,
मैंने कहा मैं एक दो दिन बाद जाऊंगी और घर आ गई थी। मां जी शादी के पहले मैं ही मां की जरूरत का सारा सामान मार्केट से लेकर आती थी, और मां और बाबूजी जी का ख्याल रखती थी मैं घर में सबसे छोटी थी तो सबकी लाडली थी सब मुझे बहोत प्यार करते थे और मैने भी कभी उनको शिकायत का मोका नहीं दिया,
एक दिन भाभी मां के लिए किसी सामान को मार्केट से ना लाने के कारण परेशान हो रही थी क्युकी सुनीता भाभी बड़े घर से वो कभी शॉपिंग करने नहीं गई अगर गई है तो सिर्फ खुद के लिए इसलिए उसे घर परिवार के लिए खरीदारी करने में समस्या होती है,

 तब मैंने सुनीता भाभी से कहा था, भाभी आप मां के सामान के लिए परेशान मत हुआ कीजिए मुझे बता दीजिए मुझे सब पता है मां को किन-किन चीजों की जरूरत होती है,
 मुझे बता दिया कीजिए  10 से 15 दिन में तो में आती जाती रहती हूं और रास्ते में बाज़ार पड़ता है तो आते वक्त ले आऊंगी, आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं, 
 फिर सुनीता भाभी फोन कर देती है कि दीदी समय हो तो घर आते वक्त यह सामान बाजार से ले आना, तो मां जी!  में वह सामान खरीद कर ले जाती हूं बाज़ार से,
जैसे कल सुनीता भाभी के बताए हुए अनुसार मां के लिए अच्छी सी साड़ी घर पर पहन ने के लिए ओर उनके पसंदीदा कलर वाली चादर तथा कुछ जरूरत का सामान और मम्मी के लिए दवा बाजार से लेकर गई थी, इसी तरह अन्य जरूरत का सामान भाभी मुझे फोन पर बताती है तो मैं घर जाते वक्त ले जाती हूं , और भाभी मुझे उस सामान के पैसे भी देती है, अब इसमें क्या बुरा है भाभी जब पैसे दे रही है तो लेकर जाने में उल्टे वह तो ज्यादा पैसे देती है जैसे सामान के 950 हुए तो वो 1000 देगी और आते वक्त भी बहुत कुछ देकर भेजती हैं, और जब हम दोनों साथ में होते है तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगता जैसे ननद भोजाई नहीं सगी बहनें है सारा दिन हंसी मजाक में निकल जाता है।  कल मैं मां के पास गई तो मां और भाभी मुझसे बहुत नाराज थे, मैंने कभी उनको इस तरह से नहीं देखा काफी देर तक तो मुझसे बात तक नहीं की जैसे ही मैने सामान का झोला मां के हाथ में दिया तो माने झोला एक तरफ फेंक दिया और गुस्सा करने लग गई, मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आया मैं चुपचाप खड़ी होकर देखती रही , कुछ देर बाद मां ने चुप्पी तोड़ी और अचानक चिल्ला चिल्ला कर कहने लगी कि तू बहुत ख्याल रखती है ना मेरा संजय और सुनीता तो मेरा बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखते मेरी दवा मेरी चूड़ियां मेरी साड़ियां मेरे पलंग की चादर मेरे लिए खाने के फ्रूट यह सब तुम ही लाकर देती हो, आखरी तुम ही तो हो मेरे बुढापे की लाठी मेरा बेटा संजय तो अय्याश किस्म का आदमी है ओर मेरी बहू तो नखराली है, ओर क्या बोला तूने की तेरी शादी इसलिए इसी शहर में कि है कि तेरा फायदा उठा सके हम। सुनीता भाभी भी डांट कर कहने लगी हां मैं और संजय तो मां जी का ध्यान रखते ही! नहीं सारा जिम्मा तो आप ने उठा रखा है सलोनी दीदी, हम तो नखरेबाज और अय्याश किस्म के इंसान है हमें कहा फुर्सत इन सब से की सासू जी का ख्याल रख सके,
 लेकिन मां! भाभी! आप मुझे क्यों डांट रहे हो ? मुझसे आखीर ऐसी कौन सी गलती हो गई?
भाभी कहने लगी दो दिन पहले तुम्हारे लाडले भाई और भाभी आए थे, उन्होंने हमें बताया कि तुम हमारे बारे में बाहर के लोगों से और समाज वालों से क्या-क्या कहती रहती हो सारे रिश्तेदार हमारे ऊपर थुं थूं....।  कर रहे हैं,
मां जी ! ये सब सुनकर मुझे तो रोना आगया और मैंने कहा मम्मी भाभी मेरा यकीन करो मैंने किसी से ऐसा कुछ नहीं कहा आपको गलत फैमी हो रही है मुझे लेकर में ऐसी लड़की नहीं हूं मां।
मां जी आप ही बताइए मेरे मोमरे भैया और भाभी ने मेरी बात का गलत मतलब समझ लिया तो इसमें मेरा क्या कसूर में क्या कर सकती हूं इसमें और उन्होंने तो  लिया कि मैं मायके के लिए अपने पैसे से सामान खरीद कर लाती हूं, इसलिए कि मेरे भैया और भाभी मेरी मम्मी का ख्याल नहीं रखते, नहीं और भी क्या क्या उन्होंने मेरे बारे में मम्मी से बोला होगा ? मुझे तो उनके बारे में सोच कर ही डर लग रहा है, अपने मन से उन्होंने सोच लिया होगा और मेरा नाम रख कर मन गलत सलत  बातें बढ़ा चढ़ा कर बताते रहे होंगे,
सुनिधि जी देवी ने कहा छोटी बहू यह सब सुनकर तुम्हारी मां और तुम्हारी बड़ी भाभी को गुस्सा तो आएगा ही उनका तुम्हारे प्रति गुस्सा करना कहां गलत है, अगर आज मेरी बेटी तुम्हारे बारे में समाज में और लोगों से ऐसा बोले तो मुझे भी बुरा लगेगा और तुमको भी गुस्सा आएगा कि तुम भी मेरा कितना ख्याल रखती हो बिल्कुल अपने मां जैसा फिर अगर कोई शिकायत करे तो गुस्सा आना जायज है, और छोटी बहू तुमने भी तुम्हारे मोमेरे भाई को आधी बात बताई होगी और मानवीय स्वभाव के कारण तुम्हारे मोमेरे भाई ने तुम्हारी भाभी और मां को बढ़-चढ़कर बताया होगा, और तुम्हारी मोमेरी भाभी भी कुछ कम नहीं है  उसने और भी नमक मिर्च लगाकर तुम्हारी मां और भाभी को परोसा होगा जो भी तुम्हारे  भाई ने तुम्हारी भाभी को बताया होगा उसका डबल करके, और तुम्हारी मां और भाभी ने मज़े लेने  में और भी जो तुमने अपने चचेरे भाई को बताया ही नहीं होगा, वह भी तुम्हारी मां और भाभी वहां पर मैं तुम्हारे भाई ओर भाभी के मुंह से सुन समझ लिया होगा, अपने मोमेरे भाई और भाभी की बात मां और भाभी क्यों नहीं करवाई तुमने ? 
मां जी!  मैंने मां के सामने फोन स्पीकर पर रखकर भाई को फोन किया और कहा कि मैंने कब कहा तुमसे ऐसा की में ही सबकुछ करती हो सुनीता भाभी नखरे करने में व्यस्त रहती हैं भैया अय्याश किस्म के इंसान है,वह बोला 2 दिन पहले तुम मार्केट मिली तो तुमने ही तो मुझसे यह सब शिकायत की थी कि सिर्फ तुम ही मां का ख्याल रखती हो, तुम ही सारी खरीदारी करती हो ये सब बोलकर उसने कॉल कट करदी और उसने फोन पर ही मुझे झूठा साबित कर दिया, और सलोनी बड़ी मासूमियत से रोने लग गई, कल संजय भैया घर पर नहीं थे वे व्यापार के सिलसिले में बाहर गए हुए थे, मां और भाभी ने उनको यह सब बताया होगा  इसलिए अभी कुछ देर पहले मेसेज किया है, कि मेरी बहन तुमसे यह उम्मीद नहीं थी कि तुम साथ रहकर ऐसा नीच काम करोगी अगर तुम नहीं करना चाहती थी तो बोल देती, क्या कमी रखी थी हमने तेरे लाड़ प्यार में जो तूने ये सीला दिया क्यो बहन क्यो किया तूने ऐसा क्या तुझे तेरा भाई अय्याश नज़र आता है क्या तेरी दोस्त जो अब तेरी भाभी है वो नखरेबाज़ नज़र आती है, अच्छा सिला दिया बेटा तूने हमारी परवरिश का। 
और सुनीता भाभी ने व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाया है कि कितने नसीब वाले होते हैं वो लोग जिनके रिश्तेदार अपने मतलब से मतलब रखते है दूसरे का काम में कोई दखल नहीं देते,
 तुम चिंता मत करो छोटी बहू सब ठीक हो जाएगा  तुम्हारी मां और भैया ओर भाभी तो बचपन से तुम्हारे स्वभाव को जानते है जब उनका गुस्सा शांत होगा तब देखना वो लोग खुद समझ जाएंगे की तुमने उनके बारे में ऐसा नहीं कहा, तुम कभी किसी से उनके या किसी के भी बारे ऐसा नही कह सकती किसी से भी, मां जी !  लेकिन क्या में सुनीता भाभी के लिए ननद से सिर्फ रिश्तेदार हो गई हूं ? रुआंसे स्वर में सलोनी बोली!
अरे बहू! 24 घंटे में ना जाने कितनी बार बदलने वाले स्ट्यूट्स  को तो तुम अपने सर ले रही हो,  ही वह तुम्हारे मोमेंर भाई ओर भाभी जैसे रिश्तेदारों के लिए है, जो हमेशा दूसरों गृहस्ती को देखकर जलते है तुम्हारे मोमैरे भाई ने खुद के मां बाप को तो बेटी के पास पटक रखा है और दूसरों को ज्ञान देते फिरते है, ऐसे लोगो को मुंह मत लगाया करो बेटी इन लोगों का काम आपस में मतभेद पैदा करना ओर घर बिगाड़ना हे खुद का तो घर बसा नी सकते ये इसलिए दूसरों का उजाड़ते फिरते है,
जाओ और कुछ देर आराम करो आज में मेरी छोटी बहू के लिए कॉफी बनाऊंगी और सुनिधि जी हसने लगी।
सलोनी का भी मन थोड़ा ठीक हुआ उसको अपनी गलती समझ आगई आधी अधूरी बात का परिणाम क्या होता है, पूरा का पूरा राई का पहाड़ बन गया इसलिए किसी से बात करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
और अंदर की बात किसी नहीं बतानी चाहिए क्योंकि परिणाम आप देख चुके हो क्या अब सलोनी खुद को बेकसूर साबित कर पाएगी ?.......................

©Shiva Meghwanshz क्या सलोनी खुद को बेकसूर साबित कर पाएगी ?

कमलेश कश्यप मंच उद्घोषक

#बिहार के वायरल गर्ल #सलोनी का शानदार गीत। #समाज

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