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Santosh Garg

#रचनाकार:- संतोष गर्ग, मोहाली (चंडीगढ़) #कविता

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Santosh Garg

कोयल मैडम धन्यवाद..बच्चों की कविता⚘लेखिका कवयित्री संतोष गर्ग, मोहाली ✍⚘😊

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Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

मोहब्बत | अफसाणा सिद्दीकी की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें #Poetry

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मोहब्बत | अफसाणा सिद्दीकी की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली 

आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

कभी जो| रोजलीन कौर की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें #Poetry

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कभी जो| रोजलीन कौर  की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली 

आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

वो एक ख़्वाब | अमन जायसवाल की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें #Poetry

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वो एक ख़्वाब | अमन जायसवाल की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली 

आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें

Anuradha Vishwakarma

#Hope @चण्डीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। @इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के #Talk

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@चण्डीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। 
@इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। 

@ इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है।

@ चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं.

jhankiom vishwakarma #Hope @चण्डीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। 
@इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के

Zoga Bhagsariya

" ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है , मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं , मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है , मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी , #Shayari #womensday

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" ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है ,
मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं ,
मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है ,
मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी ,
मैं अभी कुछ देर खेलना चाहती थी ,
हम दोनों ,ने आगे भी पढ़ना था ,
और हां , वो तुम्हारी ,मोहाली वाली 
, जॉब का क्या हुआ , ठीक , चल रही हैं ना ।।

" सखी "दिल"करता है , 
सबकुछ छोडछाड़ कर ,
तेरे पास आ जाऊं ,
तेरे साथ रहूं ,
वैसे सखी , मैं , तुझसे एक बात कहना चाहती हूं ,

" बात यह है की ,लड़का जैसा दिखता है ,
वैसा है नहीं ,
झूठ बोला गया था ,हमें की ,ये नशा नहीं करता ,
ये नशा करने के बाद ,हैवान हो जाता है ,
" मेरे शरीर को भोगना चाहता है बस ,
बदकिस्मती से मैं ,कुछ सुंदर तो हूं  ही ,
मगर मुझे अपने ,शरीर से घिन आती है ।।

वो मुझे मसलता है ,कुचलता है ।।
मेरे स्तनों को खा जाना चाहता है ,
मेरे एक स्तन में तो ,रेशा पड़ गया है ,
मेरे गाल पर दांत गाड़ दिए उसने ,
अभी तक निशान नहीं जा रहा है ,
मैं बहुत रोती हूं ,
मैंने उससे कल रात कहा कि ,
मेरा आज मन नहीं है ,
लेकिन जबरदस्ती से ,
वो मेरा ब्लातकार करता रहा ,
अब मैं इस पर क्या मुकदमा करूं ,
रात को बदन कुचला जाता है मेरा ,
दिन में , सास तानों से ,दिल कुचल देती है ।।

" मेरा पति , अपने यारों से ,मेरे हर अंग की ,
व्याख्या करता रहा ,
यूं तो घूंघट है , मुझ पर ,
 लेकिन , इज्ज़त मेरी रोज़ लूटी जाती है "

" अब मेरी ,योनि , से उसका मन भर गया ,
मेरी गुदा ,पर ,हैवानियत निकाली जाती है ,
माहवारी के दिनों में भी ,नही छोड़ता वो "

"क्या हम लडकियां , सिर्फ भोग की वस्तु है ,
हमारे अंदर रूह नहीं है ,?
हमारी रूह को ,कोई नहीं जानता ,
हमें प्यार की जरूरत है ।।

"अरे एक दिन तो चलना भी मुश्किल था ,
सास, दिन में काम करवाती रही ,
और पति रात को , कुचलता रहा "

" रात को बारह - एक बजे ,
आता है ,
नींद में सोई हुई को जगाता है "
मुझे मेरी मां ने कभी ,सुबह होने पर नहीं जगाया ,
ये आधी रात के बाद मुझे जगाता है ,
ना जागूं तो ,खुद ही सलवार खोलने लगता है "

"मेरी सखी मैं ,क्या करूं ,
किस से कहूं ,भाई और घरवाले कहते हैं ,
की तेरा तूं जाने , अब निभाओ ,
जो बुआ ,मेरी जवानी पर , 
परेशान होकर ये , रिश्ता लेकर आई थी ,
वही अब मुझे ही ,समझा रही है ,

"जिस्म कुचलाना ही अगर शादी है तो ,
मैं यह शादी नहीं मानती ,सोनिया,
ओ सखी , मैं अब तलाक दूंगी"
अगर मुझे यह ना करने दिया ,तो मैं , मर जाऊंगी ।।

जोगा भागसरिया ।।

©Zoga Bhagsariya " ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है ,
मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं ,
मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है ,
मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी ,

Zoga Bhagsariya

" ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है , मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं , मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है , मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी , #Thoughts #womensday

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" ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है ,
मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं ,
मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है ,
मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी ,
मैं अभी कुछ देर खेलना चाहती थी ,
हम दोनों ,ने आगे भी पढ़ना था ,
और हां , वो तुम्हारी ,मोहाली वाली 
, जॉब का क्या हुआ , ठीक , चल रही हैं ना ।।

" सखी "दिल"करता है , 
सबकुछ छोडछाड़ कर ,
तेरे पास आ जाऊं ,
तेरे साथ रहूं ,
वैसे सखी , मैं , तुझसे एक बात कहना चाहती हूं ,

" बात यह है की ,लड़का जैसा दिखता है ,
वैसा है नहीं ,
झूठ बोला गया था ,हमें की ,ये नशा नहीं करता ,
ये नशा करने के बाद ,हैवान हो जाता है ,
" मेरे शरीर को भोगना चाहता है बस ,
बदकिस्मती से मैं ,कुछ सुंदर तो हूं  ही ,
मगर मुझे अपने ,शरीर से घिन आती है ।।

वो मुझे मसलता है ,कुचलता है ।।
मेरे स्तनों को खा जाना चाहता है ,
मेरे एक स्तन में तो ,रेशा पड़ गया है ,
मेरे गाल पर दांत गाड़ दिए उसने ,
अभी तक निशान नहीं जा रहा है ,
मैं बहुत रोती हूं ,
मैंने उससे कल रात कहा कि ,
मेरा आज मन नहीं है ,
लेकिन जबरदस्ती से ,
वो मेरा ब्लातकार करता रहा ,
अब मैं इस पर क्या मुकदमा करूं ,
रात को बदन कुचला जाता है मेरा ,
दिन में , सास तानों से ,दिल कुचल देती है ।।

" मेरा पति , अपने यारों से ,मेरे हर अंग की ,
व्याख्या करता रहा ,
यूं तो घूंघट है , मुझ पर ,
 लेकिन , इज्ज़त मेरी रोज़ लूटी जाती है "

" अब मेरी ,योनि , से उसका मन भर गया ,
मेरी गुदा ,पर ,हैवानियत निकाली जाती है ,
माहवारी के दिनों में भी ,नही छोड़ता वो "

"क्या हम लडकियां , सिर्फ भोग की वस्तु है ,
हमारे अंदर रूह नहीं है ,?
हमारी रूह को ,कोई नहीं जानता ,
हमें प्यार की जरूरत है ।।

"अरे एक दिन तो चलना भी मुश्किल था ,
सास, दिन में काम करवाती रही ,
और पति रात को , कुचलता रहा "

" रात को बारह - एक बजे ,
आता है ,
नींद में सोई हुई को जगाता है "
मुझे मेरी मां ने कभी ,सुबह होने पर नहीं जगाया ,
ये आधी रात के बाद मुझे जगाता है ,
ना जागूं तो ,खुद ही सलवार खोलने लगता है "

"मेरी सखी मैं ,क्या करूं ,
किस से कहूं ,भाई और घरवाले कहते हैं ,
की तेरा तूं जाने , अब निभाओ ,
जो बुआ ,मेरी जवानी पर , 
परेशान होकर ये , रिश्ता लेकर आई थी ,
वही अब मुझे ही ,समझा रही है ,

"जिस्म कुचलाना ही अगर शादी है तो ,
मैं यह शादी नहीं मानती ,सोनिया,
ओ सखी , मैं अब तलाक दूंगी"
अगर मुझे यह ना करने दिया ,तो मैं , मर जाऊंगी ।।

जोगा भागसरिया ।।

©Zoga Bhagsariya " ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है ,
मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं ,
मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है ,
मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी ,
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