Find the Latest Status about कश्कोल का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कश्कोल का अर्थ.
Vishal Vaid
तेरे कूचे में जो बीमार नज़र आते है मुझ को सारे ही ये फनकार नज़र आते हैं मैं तेरी सोच में निकलूं जो कभी सहरा में साथ में चलते सौ अश्ज़ार नज़र आते हैं तूने जो चूमा है इन आंखो के कशकोलों को खोटे सिक्के मुझे दीनार नज़र आते हैं वो फलक जिसमे सितारें ही जड़े रहते थे हिज्र में देखूं तो बस खार नज़र आते हैं नींद से जगने का दिल करता नही है मेरा ख्वाब तेरे जो लगातार नज़र आते हैं जब ये जिंदा थे,दर-ओ-बाम न थे हासिल, पर दफ़न कब्रो में जमींदार नजर आते हैं इश्क से पहले सुख़न-वर लगे, सब को नीरस फिर यही लोग मज़ेदार नजर आते हैं अशजार ***पेड़ो का समूह कश्कोल***भिक्षा पात्र सुखनवर*** शायर, कवि
Vishal Vaid
तेरे कूचे में जो बीमार नज़र आते है मुझ को सारे ही ये फनकार नज़र आते हैं मैं तेरी सोच में निकलूं जो कभी सहरा में साथ में चलते सौ अश्ज़ार नज़र आते हैं तूने जो चूमा है इन आंखो के कशकोलों को खोटे सिक्के मुझे दीनार नज़र आते हैं वो फलक जिसमे सितारें ही जड़े रहते थे हिज्र में देखूं तो बस खार नज़र आते हैं नींद से जगने का दिल करता नही है मेरा ख्वाब तेरे जो लगातार नज़र आते हैं जब ये जिंदा थे,दर-ओ-बाम न थे हासिल, पर दफ़न कब्रो में जमींदार नजर आते हैं इश्क से पहले सुख़न-वर लगे, सब को नीरस फिर यही लोग मज़ेदार नजर आते हैं अशजार ***पेड़ो का समूह कश्कोल***भिक्षा पात्र सुखनवर*** शायर, कवि
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ
divya...
इश्क़ आज भी है मगर राधा- कृष्ण जैसा नहीं ... होगे एक - आध भी उनके जैसे अगर... तो उनको चैन का जीवन नहीं... लोगो को प्रेम का हर दस्तूर झुटा लगता है... क्योंकि उन्होंने कभी किसी से .... सच्चा प्रेम किया ही नहीं... प्रेम का अर्थ...
Kumar Gunjan
"सफलता" कभी भी अर्थ शिक्षा, पद या गरिमा द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती सफलता एक संतुष्टि हैं, जिसे आप निर्धारित करते है। सफलता का अर्थ
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
जीवन का अर्थ ..........…........... इस पृथ्वी पर मानव आता है, जीता है,चला जाता है। लेकिन जीने का अर्थ कम ही लोग समझ पाते हैं। जिस जीवन में दया,क्षमा,परोपकार न हो उसका कोई अर्थ नहीं होता।त्याग भी जीवन का एक अभिन्न अंग है। लेकिन समय, काल और परिस्थिति के अनुसार कब किसका त्याग करना उचित होगा इसका भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है। सुमार्ग पर चलना,कल्याणकारी काम करना ही जीवन का अर्थ होता है। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # जीवन का अर्थ।