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smita@ishu
उम्र भर रिश्ता निभाने की बात करने वाले अक्सर छोटी सी बात पर रिश्ते तोड़ जाते है जिन्होंने कहा था हर राह में साथी होंगे तुम्हारे सरे राह वही बिन बताए हाथ छोड़ जाते है ishu....... #छुटकू#promise#yaade#sister's love
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी चीखे हमारी जहान में निकल रही है बहकाने की कोशिश दुनिया कर रही है दिल लगाकर,मझधार में छोड़ रही है नकाबपोश लगाकर ठगने की कोशिश कर रही है आजादीका नाम देकर,जिस्म से खेल रही है घायल हो चुकी है आत्मा भूतनी की तरह भटक रही हूँ न जिंदा हूँ ना मरी हूँ घुट घुटकर दिन पूरे कर रही हूँ प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" घुट घुटकर दिन पूरे कर रही हूँ #nojotohindi
Osho Jain
Dreams of my mother 🌻 She wants me to complete chapters of life with satisfaction and happiness... May it be my dreams, May it be my life not dreamt... My mother is so simple and sober... She feels happiness in simple things same as I do🌻 🌻#yqbaba #yqquotes #yqthoughts #yqdiary Happy mother's day 🌻 #dreamsofmymother... #yostowrimo I know this is not story... It's very छुटकू 😌p
Anjali Singhal
सुसि ग़ाफ़िल
खखार घुटक रहा हूं तो गले के नीचे गरल जा रहा है और पहुंच जाता है कूपिकाएं तक . . . . . कूपिकाएं कहती है सांवली हो गई हैं हम खखार घुटक रहा हूं तो गले के नीचे गरल जा रहा है और पहुंच जाता है कूपिकाएं तक
Anita Raj
जज्बाती होकर हम बहकने लगे हैं यादों की दुनिया में भटकने लगे हैं आ रहे हैं याद अफसाने पुराने आंखों से आंसू निकलने लगे हैं ©Anita Raj उनको मैं किस तरह भुलाऊं "राज" याद वो मुझे किस बात पर नहीं आते उनको भुलाना मुमकिन नहीं डर है यादों में घुटकर मर न जाएं कहीं... #think
Anjali Singhal
"कुछ ख़ुशियाँ समेटकर रख लीं हमने भी दामन में अपने, कब तक लुटाते रहते यूँ ही घुट-घुटकर अपने सपने। जब तक है जान अब हौसले रखेंगे अपने दुगुने, निकल पड़ी देखो अब तो ज़िन्दगी उड़ान भरने।।" ©Anjali Singhal "कुछ ख़ुशियाँ समेटकर रख लीं हमने भी दामन में अपने, कब तक लुटाते रहते यूँ ही घुट-घुटकर अपने सपने। जब तक है जान अब हौसले रखेंगे अपने दुगुने,
Secret Quotes
लाखों दर्द समेटे चल रहे है इस बंदिश पर... जहाँ दुनिया के लिए रीत रिवाज है,, शायद उसके लिए भी, पर.... मेरे लिए तो बस एक सजा है मोहोब्बत...! इन्तहा हो चुकी है अब इस दिल से ये दर्द और सहा नहीं जाता, ऐसे घुट घुटकर जीने से अच्छा है मरना हमें... पर तब भी जी रहे हो हम पर ज्यादा वक़्त नह
Sant Prasad Maurya
"वही प्यास के अनगढ़ मोती वही धूप की सुर्ख़ कहानी वही आंख में घुटकर मरती आंसू की ख़़ुद्दार जवानी हर मोहरे की मूक विवशता, चौसर के ख़ाने क्या जान