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Umesh Kumar

मोबाईल चलीसा मोबाइल चालीसा #कॉमेडी

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Kumar Manoj Naveen

#पबजी गेम#

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**मोबाइल पब-जी गेम**

बबुआ हो गईले सयान ,
करत नईखन तनिको काम,
फोनवे प दिन-भर पब-जी गेम खेलेला। , 
आपन जिनींगी के गाड़ी उ डी-रेल करेला ।।
धईलस अईसन ई बेमारी, 
खाईल-पीयल निक ना लागी,
आगा -पीछा कुछ ना लउके, 
बाबूजी बोले चाहें महतारी, 
माई- बाबू के बोलिया उनका कांट लागेला। 
फोनवे प दिन-भर पब-जी गेम खेलेला , 
आपन जिनींगी के गाड़ी उ डी-रेल करेला।। 
आईल कईसन ई जमाना,
मोबाइल के भईल बा दिवाना, 
केहू खेले पबजी,
केहू टिकटाक प गावे गाना, 
लागता जईसे सगरो भेड़ियाधासान होखेला।
फोनवे प दिन-भर पब-जी गेम खेलेला , 
आपन जिनींगी के गाड़ी उ डी-रेल करेला।।
**नवीन कुमार पाठक ** #पबजी गेम#

TAX GAMER

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Mahesh Koli

पबजी के दिवाने

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Mahesh Koli

पबजी के दिवाने #Pubgbanned

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सब लोगों को मिली हे
मुक्ति
जो पबजी में थे लीन
क्यों भारत से ले बैठा
पंगा
कान खोल के सूनले
चीन

----mahesh koli---- पबजी के दिवाने

#Pubgbanned

Prince Gupta

"काश ये तकनीक न होती तो 
हम भी आज बेजुबान
जानवरों की तरह अपने ही
जज्बातों में कैद न होते ।"

@ehsaasinquotes

©Prince Gupta #addiction #मोबाइल#मोबाइल #MOBILE

Kunal Salve

Drop #PC: #स्वतः 
#पबजी 
#pubg 
#marathi

हेयर स्टाइल by mv

#पबजी का प्यार सही है # #मीम

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Atal Ram Chaturvedi

नमस्कार मित्रो

©Atal Ram Chaturvedi #मोबाइल

ntnrathore

मोबाइल

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अकड़ते थे जो कभी, जरा जरा सी बात पर,
गरदन झुकाये घूमते हैं।
सर उठा के मिलते थे कभी,
मिरे शहर के लोग।
अब मोबाइल में आँखे गड़ाए दिखते हैं।

ओये, अबे , भिया सुन के नज़रे घुमाते थे,
अब महज नोटिफिकेशन की आहट सुनते हैं
अब बस मोबाइल में आंखे गड़ाए दिखते हैं।

अखबारों, किताबो, लायब्ररी वाचनालयों में ,
सुबह शाम टकरा जाते थे कभी।

अनंत सी दुनिया का इल्म,अब हथेली में ढूंढते हैं।
अब मोबाइल में आंख गढ़ाए दिखते हैं।

शिकायत करें क्या, शिकवा करें किससे,
अपनी भी फितरत कहाँ रही पहले जैसी
डायरी में दर्ज करते थे,सारे अहसास कभी
अब नोटपैड के टच में डूबे रहते  हैं।

लफ़्ज़ों में तो कोई फर्क नही होता मगर,
पन्ने में जो मिलता था लम्स,
वो टच में ढूंढते हैं।
अजीब हो चुके हैं हम,
कभी हाथ की लकीरों में,
तो कभी हथेली में, दुनिया ढूंढते हैं।

......बस मोबाइल में आँखे गड़ाए दिखते हैं।

नवाब"सैम" मोबाइल
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