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Anita Saini

आप सभी को गणगौर पूजन की हार्दिक शुभकामनाएँ माँ पार्वती आप पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखे गणगौर माता आप सभी के जीवन में अपार खुशियाँ एवं समृद्धि #YourQuoteAndMine #शिवपार्वती #YQRajasthani #बाईसारैजोड #ईसरगोर

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हे गणगौर माता
म्ह'नै गोर सी भौजाई देवो
म्हारे बीरा रै खातर
म्हारी अरज सुण लेवो
घणा चाव से पूजै थानै
म्हारी लाज रख लेवो
सिद्ध करज्यो काज बीरा रै
आँगणै.रौनक भर देवो आप सभी को गणगौर पूजन की हार्दिक शुभकामनाएँ माँ पार्वती आप पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखे गणगौर माता आप सभी के जीवन में अपार खुशियाँ एवं समृद्धि

Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

आज सुहागिनों का पर्व हैगणगौर का पूजा उत्सव मनाया जाता है सभी सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए और अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए गणग

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PRATIK BHALA (pratik writes)

FIRST POEM IN RAJASTHANI LANGUAGE. गणगौर (Festival of isarji and gouriji) त्यौहार इसर (शिवजी ) और गौरी (पार्वती माता ) का है. होलिका दहन के #Life #India #Love #Culture #Shayari #nojotowriters #PratikBhala #pratikwrites #gangour

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जिम्मेदार नागरिक MY FIRST POETRY IN RAJASTHANI LANGUAGE

FIRST POEM IN RAJASTHANI LANGUAGE. गणगौर (Festival of isarji and gouriji) त्यौहार इसर (शिवजी ) और गौरी (पार्वती माता ) का है. होलिका दहन के दूसरे दिन माँ गौरी अपने मायके आती है और चैत्र नववर्ष के बाद आने वाली तृतीय तीज को इसरजी गौरीमाई को लेने अपने ससुराल आते है मतलब पुरे 18 दिन यह त्यौहार चलता है. इसर जी ससुराल रहते है इसलिए इन्हे जवाई समझा जाता है.जिसमे लोक पारम्परिक गीत से गणगौर का उत्साह झलकता है. सुहागन और क़वारी लड़कियां दोनों इस का व्रत करती है. और अच्छे और मनचाहा पति का आशीर्वाद माँ गौरी से मांगती है. होलिका दहन के दूसरे दिन जावारा बोया जाता है,अर्थात दो कुंडी में मिट्टी और गेहूं को बोया जाता है और 18 दिनों में जावारा आजाते है जिसमे गेहूं की सुखी लकड़ी को लगाकर उसे इसर और गौर माता का रूप दिया जाता है. इन लोकगीतों में अपने परिवार के नाम भी लिए जाते है. मेरा मानना है की हम जितना हमारे संस्कृति से जुड़ेंगे उतना भावी जीवन समृद्ध होगा. मेरे घर जो गीत गाये जाते है उसमें कुछ है
1. गौर गौर गोमती इसरा पूज्या पार्वती
2. मेहंदी लो जी मेहंदी लो
3. आज बिनोरो इसरदास जी रों
4. गौर ये गणगौर माता खोल दो काँवड.
😅रोज माँ बोलती है तो सबको घर में याद हो गये गीत 🚩🚩🚩🚩बस यही कहूंगा अपनी संस्कृति सिखाओ और धर्म बचाओ तो कल जाकर युवा पीढ़ी हमारी सभ्यता परंपरा को जानेगी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏.

©PRATIK BHALA (pratik writes) FIRST POEM IN RAJASTHANI LANGUAGE. गणगौर (Festival of isarji and gouriji) त्यौहार इसर (शिवजी ) और गौरी (पार्वती माता ) का है. होलिका दहन के

sonam shubham

गणगौर स्पेशल

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अग्नि को साक्षी मानकर लिए थे सात फेरे 
संग रहे युही हरदम तुम मेरे और हम तेरे
हर कदम पर थामे रखना वैसे ही मेरा हाथ 
जैसे शिवजी ने दिया हमेशा पार्वतीजी का साथ।।

©sonam shubham गणगौर स्पेशल

Dhanraj Dadhich

तार तार थी जिंदगी 
              रफू हो गई यार ।
ओ मेरी गणगौर तू 
         बड़ी कसीदाकार।।

©Dhanraj Dadhich #shayri #गणगौर #dhanrajdadhich 

#togetherforever

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गणगौर की हार्दिक शुभकामनाएं #मोटिवेशनल

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