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#ShadabMirza

दिलो से खेलना तो तुम्हारी फितरत है क्या अब सचमूच मोहब्बत करने लगे हो mohabbat dil urdu hindi nojotohindi nojoto shayari life dard

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तुम इतने अच्छे तो नही हो
ज़ितना खुद को समझने लगे हो 
दिलो से खेलना तो तुम्हारी फितरत है 
क्या अब सचमूच मोहब्बत करने लगे हो दिलो से खेलना तो तुम्हारी फितरत है 
क्या अब सचमूच मोहब्बत करने लगे हो 
#mohabbat #dil #urdu #hindi #nojotohindi #nojoto #shayari #life #dard

रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions

Date of ✍️ 3 Aug 21 कह देने से मन सचमूच हल्का महसूस करता है, पर केवल कह देने से कहाँ हर कोई समझता है? -रोली रस्तोगी a_girl_inkings_her_em #Thoughts #feelings #yqdidi #twoliner #yqhindi #yqquotes #understanding #a_girl_inkings_her_emotions

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©रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions Date of ✍️ 3 Aug 21
कह देने से मन सचमूच हल्का महसूस करता है,
पर केवल कह देने से कहाँ हर कोई समझता है?

-रोली रस्तोगी

#a_girl_inkings_her_em

Raj 94myfm

डिलीवरी के दौरान महिला को दर्दनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है। ये अवस्था उस समय ज्यादा कठिन हो जाती है, जब स्मूथ डिलीवरी के लिए योनि में चीरा ल

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डिलीवरी के दौरान महिला को दर्दनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है। ये अवस्था उस समय ज्यादा कठिन हो जाती है, जब स्मूथ डिलीवरी के लिए योनि में चीरा ल

रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions

सुनो🐨💕 कई बार आसां नहीं होता तुम्हारे लिए लिख पाना, या यूं कहूँ की तुम्हें चंद शब्दों में समेट पाना, वैसे तो हज़ार ख़्याल मन में आते हैं जि #Love #Prem #lovelife #nojotohindi #lovepoetry #lovepoem #nojotoLove #hindi_poetry #a_girl_inkings_her_emotions

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सुनो💕
कई बार आसां नहीं होता 
तुम्हारे लिए लिख पाना,
या यूं कहूँ की तुम्हें चंद
शब्दों में समेट पाना,
वैसे तो हज़ार ख़्याल मन में आते हैं 
जिन्हें मैं तुम्हारे नाम पर बुनती हूँ
और केवल तुमसे ही मैं साझां करती हूँ
अपने दिल का हाल बयां करती हूँ 
पर हर बात कही नहीं जा सकती
क्योंकि वो समझने के लिए होती
या यूं कहूँ 
वो महसूस करने के लिए बनी होती
हाँ पूछोगे अगर मुझसे कभी तुम
तो हर बार मैं तुमसे यही कहूंगी
सब कह देने पर सुकँ,
तो बस तुम्हारे साथ ही पाती हूँ
तुमसे बिन कहे मैं 
सचमूच नहीं रह पाती हूँ
इसलिए चुप हो कर भी 
मैं तुम्हें ही तकती रहूँगी
शिक्वे, शिकायत हो या प्रेम की बातें
अब मैं केवल नज़रो से ही करूंगी,
हाँ सुनो मैं उलझी हुई हूँ आज भी तुमसे,
और आगे भी उलझना ही पसंद करूंगी
पर अब मैं मौन रहकर ही तुम्हारा इंतजार करूंगी,
हाँ मैं तुम्हें अब मुझे समझने का थोड़ा वक्त दूँगी।।

-तुम्हारी_fluffyteddy🧸

©रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions सुनो🐨💕
कई बार आसां नहीं होता 
तुम्हारे लिए लिख पाना,
या यूं कहूँ की तुम्हें चंद
शब्दों में समेट पाना,
वैसे तो हज़ार ख़्याल मन में आते हैं 
जि

रजनीश "स्वच्छंद"

घर के लाल।। कलम गुज़ारिश कर बैठी, लिख डालो इन मतवालों पे। सरहद पर तुमने बहुत लिखा, लिख डालो घर के लालों पे। निर्वस्त्र रही वो राह पड़ी, #Poetry #kavita

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घर के लाल।।

कलम गुज़ारिश कर बैठी,
लिख डालो इन मतवालों पे।
सरहद पर तुमने बहुत लिखा,
लिख डालो घर के लालों पे।

निर्वस्त्र रही वो राह पड़ी,
किसको थी खबर और क्या थी पड़ी।
आंखों में दया न धर्म दीखा,
ना मानव जैसा कर्म दीखा।
वो तड़प रही थी पुकार रही,
किस्मत में तो बस दुत्कार रही।
जिसने भी देखा चला गया,
चीख चीख के गला गया।
मानुष एक वहाँ से गुजरा था,
आंखें नम दुख में मुखड़ा था।
हाथ बढ़ा और वस्त्र दिया,
मानव का काम सहस्र किया।
बहता आंसू जो अविरल था,
मन सेवा भाव मे विह्वल था।
है सार्थक जीवन उसका,
आंसू पोंछे जो गालों से।
कलम गुज़ारिश कर बैठी,
लिख डालो इन मतवालों पे।

कुछ अर्धनग्न बच्चे मेरे,
जो चले थे सब आंखें फेरे।
पेट पीठ में चिपके थे,
मानो वो भूख में सिसके थे।
भारत भविष्य लिए हाथ कटोरा,
सर पे लादे एक भूख का बोरा।
धरती बिछौना गगन ओढ़नी,
थक हार गई थी बाल मोरनी।
उत्सुक आंखें कुछ पूछ रहीं,
दुनिया क्या मेरी सचमूच रही।
एक हाथ उठा उनकी ख़ातिर,
वो गुणी था न वो था शातिर।
गोद लिए उस बालपन को,
कर रहा शांत अपने मन को।
पेट भरा और ज्ञान दिया,
हैं जीवित उन्हें ये भान दिया।
वो अपना पराया भेद मिटा,
नहीं झेंप रहा वो सवालों से।
कलम गुज़ारिश कर बैठी,
लिख डालो इन मतवालों पे।

©रजनीश "स्वछंद" घर के लाल।।

कलम गुज़ारिश कर बैठी,
लिख डालो इन मतवालों पे।
सरहद पर तुमने बहुत लिखा,
लिख डालो घर के लालों पे।

निर्वस्त्र रही वो राह पड़ी,

रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions

Date of ✍️ 13 April 21 💕💙 Title ➡️ 【शिकायतें】 . पता नहीं ये प्रेम इतना अजीब क्यों है? शिकायतें भी उससे होती हैं, सवाल भी उनसे करने होते हैं #Love #pyaar #yqdidi #yqhindi #yqlove #Shikayat #shikayatein #a_girl_inkings_her_emotions

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©रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions Date of ✍️ 13 April 21 💕💙
Title ➡️ 【शिकायतें】
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पता नहीं ये प्रेम इतना अजीब क्यों है? शिकायतें भी उससे होती हैं, सवाल भी उनसे करने होते हैं
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