Find the Latest Status about पतियों को from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पतियों को.
king
पतियों को अपनी थकान तभी याद आती है, जब पत्नी कहती है, बेठो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है !! ©Irshad Khan पतियों को अपनी थकान तभी याद आती है, जब पत्नी कहती है, बेठो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है !! #HBDSonakshiSinha
Nitesh Pichhode Mangal
ब्रेकिंग न्यूज़😜 घर मे कैद पतियों को आज भी नही मिली जमानत अगली सुनवाई 17 मई को। #Lockdown3 🙏महाकाल भक्त सेना 🙏 #Gamcha ब्रेकिंग न्यूज़😜 घर मे कैद पतियों को आज भी नही मिली जमानत अगली सुनवाई 17 मई को। #Lockdown3 ऊषा माथुर Eisha mahi अधूरी बातें ਚੰਦਰ
kumaarkikalamse
तेरे होने से रहते थे घर में फल और तरकारी, तू गया जब से, है नहीं तबीयत ठीक हमारी, तूने ही बनाया था इस घर को आँगन प्यारा, बाद तेरे जाने कब से बिखरी पड़ी है अलमारी। दोस्त की wife घर से दूर है आज उस से बातों बातों में उसे ऐसा कह दिया तो सोचा यहाँ भी लिख दूँ..। जिनकी wifes घरों से दूर हैं उन सभी पतियों को
Mahima Jain
कोरोना काल में सिर्फ़ एक काम अच्छा हुआ, मास्क लगाने के चक्कर में, मेकअप का खर्चा थोड़ा तो कम हुआ। सारी पतियों को हार्दिक शुभकामनाएं 🎉🎉🥳 नमस्ते🙏 प्रिय लेखक/ लेखिका✍️ विश्व ख़ुशी दिन 😃🙌
परवाज़ हाज़िर ........
Humanity is sent nikolas ko apanee saaree sampatti bechane aur gareebon ko apana paisa dene ke lie jaana jaata hai ! ek dharmanishth eesaee ke roop mein pale-badhe, sent nikolas ne apana poora jeevan beemaaron aur peediton kee seva ke lie samarpit kar diya. sent nikolas ke baare mein pauraanik kahaaniyaan baad me aadhunik saanta klos ke lie prerana ka hissa ban gaeen ! ©G0V!ND DHAkAD #SAINT_NICHOLAS_DAY #HUmanity दिसंबर को, सेंट निकोलस दिवस तीसरी शताब्दी के संत को मान्यता देता है जो आधुनिक सांता क्लॉस के लिए प्रेरणा बन
Devesh Dixit
नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल। क्या सोचा सरकार ने, जो हुआ बवाल। फिर बताया विद्वान ने, ये था माया जाल। हेरा-फेरी से कमा कर, कर रहे जो गुणगान। चोट जो ऐसी दी उन्हे, पूर्ण हुआ अभियान। बोरे भरकर फेंक दिये, नोटों के भण्डार। कुछ जंगल में थे मिले, कमाल किये सरकार। एक झटके में निकल गये, देखो तो काले धन। छिपा रखे गृहणियों ने, बेचैन हुए तब मन। नोट बदलने के लिए, सामने आया राज। पतियों को मालूम पड़ा, तब जाकर वह काज। मोदी जी का हो भला, जो किया ये काम। पत्नियाँ सिर को पीटतीं, खेल हुआ तमाम। ................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #नोट_बंदी #nojotohindi #nojotohindipoetry नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल।
दि कु पां
सिंदूर सजा रहे मांग में निशानियां सुहाग की सदैव बनी रहें बदन पर.. इतराती रहूं सदैव भाग्य पर अपने इठलाती रहूं प्रेम मगन हो इनके... मिले बड़े जतन से शिव सा ये मुझको हैं.. काया श्याम सी ह्रदय भोले सा निश्छल चाहत इनकी मेरे प्रति शिव सी ही न्यारी है... शेष अनुशीर्षक में पढ़े... सिंदूर सजा रहे मांग में निशानियां सुहाग की सदैव बनी रहें तन में.. इतराती रहूं सदैव भाग्य पर अपने इठलाती रहूं प्रेम मगन हो इनके... मिले बड़े
N S Yadav GoldMine
गान्धारी ने युद्ध में मारे गये अपने पुत्र दुर्योधन को देखा पढ़िए महाभारत !! {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व षोडष अध्याय: श्लोक 44-61 📀 ये कुरूकल की स्त्रियां रोना बंद करके स्वजनों का चिन्तन करती हुई परिजनों सहित उन्हीं की खोज में जाती और दुखी होकर उन - उन व्यक्तियों से मिल रही हैं। कौरव वंश की युवतियों के सूर्य और सुवर्ण के समान कान्तिमान मुख रोष और रोदन से ताम्रवर्ण के हो गये हैं। 📀 केशव। सुन्दर कान्ति से सम्पन्न, एक वस्त्र धारिणी तथा श्याम गौरवर्ण वाली दुर्योधन की इन सुन्दरी स्त्रियों की टोलियों को देखो। एक दूसरी की रोदन- ध्वनि से मिल जाने के कारण इनके विलाप का अर्थ पूर्णरूप से समझ में नहीं आता, उसे सुनकर अन्य स्त्रियां भी कुछ नहीं समझ पाती हैं। 📀 ये वीर वनिताऐं लंबी सांस खींचकर स्वजनों को पुकार पुकार कर करूण बिलाप करके दु:ख से छटपटाती हुई, अपने प्राण त्याग देना चाहती हैं। बहुत सी स्त्रियां स्वजनों की लाशों को देखकर रोती, चिल्लाती और विलाप करती हैं। कितनी ही कोमल हाथों वाली कामिनियां अपने हाथों से सिर पीट रही हैं। कटकर गिरे हुए मस्तकों, हाथों और सम्पूर्ण अंगों के ढेर लगे हैं। 📀 ये सभी एक के ऊपर एक करके पड़े हैं। उनसे यहां की सारी पृथ्वी ढकी हुई जान पड़ती है। इन बिना मस्तक के सुन्दर धड़ों और बिना धड़ के मस्तकों को देख-देख कर ये अनुगामिनी स्त्रियां मूर्छित सी हो रही हैं। 📀 कितनी ही अचेत ही होकर स्वजनों की खोज करने वाली स्त्रियां एक मस्तक को निकटवर्ती धड़ के साथ जोड़ करके देखती हैं और जब वह मस्तक उससे नहीं जुड़ता तथा दूसरा कोई मस्तक वहां देखने में नहीं आता तो वे दुखी होकर कहने लगती हैं कि यह तो उनका सिर नहीं है। 📀 बालो से कट-कट कर अलग हुई वाहों, जांगों और पैरों को जोड़ती हुई ये दुखी अवलाऐं बार-बार मूर्छित हो जात हैं। कितनी ही लाशों के सिर कटकर गायब हो गये हैं, कितनों को मांस भक्षी पशुओं और पक्षियों ने खा डाला है; अतः उनको देखकर भी ये हमारे ही पति हैं, इस रूप में भरत कुल की स्त्रियां पहचान नहीं पाती हैं। 📀 मधुसूदन। देखो, बहुत सी स्त्रियां शत्रुओं द्वारा मारे गये भाईयों, पिताओं, पुत्रों और पतियों को देखकर अपने हाथों से सिर पीट रही हैं। खड़ग युक्त भुजाओं और कुण्डलों सहित मस्तकों से ढकी हुई इस पृथ्वी पर चलना फिरना असंभव हो गया है। यहां मांस और रक्त की कीच जम गयी है। 📀 ये सती साध्वी सुन्दरी स्त्रियां पहले कभी ऐसे दु:ख में नहीं पड़ी थीं; किन्तु आज दु:ख के समुद्र में डूब रही हैं। यह सारी पृथ्वी इनके भाइयों, पतियों और पुत्रों से ढंक गयी है। जर्नादन। देखो, महाराज धृतराष्ट्र की सुन्दर केशों वाली पुत्र वधुओं की ये कई टोलियां, बछेडियों की झुण्ड के समान दिखाई दे रही हैं। 📀 केशव। मेरे लिये इससे बढकर महान् दु:ख और क्या होगा कि ये सारी बहुऐं यहां आकर अनेक प्रकार से आर्तनाद कर रही हैं । माधव। निश्चय ही मैंने पूर्व जन्मों में कोई बड़ा भारी पाप किया है जिससे आज अपने पुत्रों, पौत्रों और भाईयों को यहां मारा गया देख रही हूं। 📀 भगवान श्रीकृष्ण को सम्बोधित करके पुत्र शोक से ब्याकुल हो इस प्रकार आर्त विलाप करती हुई गान्धारी ने युद्ध में मारे गये अपने पुत्र दुर्योधन को देखाl Narayan Hari... ©N S Yadav GoldMine गान्धारी ने युद्ध में मारे गये अपने पुत्र दुर्योधन को देखा पढ़िए महाभारत !! {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व षोडष अध्याय: श्लो
N S Yadav GoldMine
ये सती साध्वी सुन्दरी स्त्रियां पहले कभी ऐसे दु:ख में नहीं पड़ी थीं पढ़िए महाभारत !! 📖📖 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व षोडष अध्याय: श्लोक 22-43 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📖 ये कुरूकल की स्त्रियां रोना बंद करके स्वजनों का चिन्तन करती हुई परिजनों सहित उन्हीं की खोज में जाती और दुखी होकर उन- उन व्यक्तियों से मिल रही हैं। कौरव वंश की युवतियों के सूर्य और सुवर्ण के समान कान्तिमान मुख रोष और रोदन से ताम्रवर्ण के हो गये हैं। 📖 केशव। सुन्दर कान्ति से सम्पन्न, एकवस्त्र धारिणी तथा श्याम गौरवर्ण वाली दुर्योधन की इन सुन्दरी स्त्रियों की टोलियों को देखो। एक दूसरी की रोदन- ध्वनि से मिल जाने के कारण इनके विलाप का अर्थ पूर्णरूप से समझ में नहीं आता, उसे सुनकर अन्य स्त्रियां भी कुछ नहीं समझ पाती हैं। 📖 ये वीर वनिताऐं लंबी सांस खींचकर स्वजनों को पुकार पुकार कर करूण बिलाप करके दु:ख से छटपटाती हुई अपने प्राण त्याग देना चाहती हैं। बहुत सी स्त्रियां स्वजनों की लाशों को देखकर रोती, चिल्लाती और विलाप करती हैं। 📖 कितनी ही कोमल हाथों वाली कामिनियां अपने हाथों से सिर पीट रही हैं। कटकर गिरे हुए मस्तकों, हाथों और सम्पूर्ण अंगों के ढेर लगे हैं। ये सभी एक के ऊपर एक करके पड़े हैं। उनसे यहां की सारी पृथ्वी ढकी हुई जान पड़ती है। इन बिना मस्तक के सुन्दर धड़ों और बिना धड़ के मस्तकों को देख-देख कर ये अनुगामिनी स्त्रियां मूर्छित सी हो रही हैं। 📖 कितनी ही अचेत ही होकर स्वजनों की खोज करने वाली स्त्रियां एक मस्तक को निकटवर्ती धड़ के साथ जोड़ करके देखती हैं और जब वह मस्तक उससे नहीं जुड़ता तथा दूसरा कोई मस्तक वहां देखने में नहीं आता तो वे दुखी होकर कहने लगती हैं कि यह तो उनका सिर नहीं है। 📖 बालो से कट-कट कर अलग हुई वाहों, जांगों और पैरों को जोड़ती हुई ये दुखी अवलाऐं बार-बार मूर्छित हो जात हैं। कितनी ही लाशों के सिर कटकर गायब हो गये हैं, कितनों को मांस भक्षी पशुओं और पक्षियों ने खा डाला है; अतः उनको देखकर भी ये हमारे ही पति हैं, इस रूप में भरत कुल की स्त्रियां पहचान नहीं पाती हैं। 📖 मधुसूदन। देखो, बहुत सी स्त्रियां शत्रुओं द्वारा मारे गये भाईयों, पिताओं, पुत्रों और पतियों को देखकर अपने हाथों से सिर पीट रही हैं । खड़ग युक्त भुजाओं और कुण्डलों सहित मस्तकों से ढकी हुई इस पृथ्वी पर चलना फिरना असंभव हो गया है। यहां मांस और रक्त की कीच जम गयी है। 📖 ये सती साध्वी सुन्दरी स्त्रियां पहले कभी ऐसे दु:ख में नहीं पड़ी थीं; किन्तु आज दु:ख के समुद्र में डूब रही हैं। यह सारी पृथ्वी इनके भाइयों, पतियों और पुत्रों से ढंक गयी है । जर्नादन। देखो, महाराज धृतराष्ट्र की सुन्दर केशों वाली पुत्रवधुओं की ये कई टोलियां, बछेडियों की झुण्ड के समान दिखाई दे रही हैं। 📖 केशव। मेरे लिये इससे बढकर महान् दु:ख और क्या होगा कि ये सारी बहुऐं यहां आकर अनेक प्रकार से आर्तनाद कर रही हैं । माधव। निश्चय ही मैंने पूर्व जन्मों में कोई बड़ा भारी पाप किया है जिससे आज अपने पुत्रों, पौत्रों और भाईयों को यहां मारा गया देख रही हूं। 📖 भगवान श्रीकृष्ण को सम्बोधित करके पुत्र शोक से ब्याकुल हो इस प्रकार आर्त विलाप करती हुई गान्धारी ने युद्ध में मारे गये अपने पुत्र दुर्योधन को देखा। ©N S Yadav GoldMine #phool ये सती साध्वी सुन्दरी स्त्रियां पहले कभी ऐसे दु:ख में नहीं पड़ी थीं पढ़िए महाभारत !! 📖📖 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व
दि कु पां
कैद कर लो कल यहीं सहारा होंगे तुम्हारे जीवन का.. यूं सुनी आंखों में ख्वाब पालें है बहुत साथ तेरा भी मिल जाए तो मुकम्मल जहां होगा..... शेष अनुशीर्षक में पढ़े... अभी कल ही हरतालिका तीज का व्रत था पति के दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ के लिए पत्नियों द्वारा निराजल उपवास.. कई त्यौहार होते हैं जिनमें पत्नियां