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HANAMANT YADAV (कवीराज)
वेळ... (गजल) बहुत जळाल्या वाती, आता विझण्याची वेळ आली... क्षितीजापलीकडे कुणाची, परतन्याची हाक आली... जिंकलो कधीही नाही, हरलो कुठेच नाही. तरीही प्रश्न अर्धा, सोडण्याची वेळ आली... मिटणार जरी ही वाणी, शब्दात उरतील गाणी. जगण्याचे गाणे माझ्या, गाण्याची वेळ आली... रात्र काळोखी आली, हा संदेश सांगुण गेली. कित्येक जागलास राती, आता झोपण्याची वेळ आली... कवीराज। ९०२१०३४९१७. अप्रतीम गजल। वेळ.....
HANAMANT YADAV (कवीराज)
महेन्द्र सिंह (माही)
दिन रात का यह मिलन सृष्टि की सुंदर रचना हैं अप्रतीम सा दीखता यह सौन्दर्य शाम का अद्वितीय नजारा हैं #NojotoQuote दिन रात का यह मिलन सृष्टि की सुंदर रचना हैं अप्रतीम सा दीखता यह सौन्दर्य शाम का अद्वितीय नजारा हैं
Sumedha Deshpande
कविता लीहणं, तसं सोपं असतं. फक्त तुला आठावयचं मग काव्य माझं मस्त असतं ++तुझी सुमेधा.. अप्रतिम
निधि 'अनंतिका
मैं बोली मनमोहन से, क्या लिखा भाग्य के छोर? वे मंद मंद मुस्काते बोले, बस न छोड़ प्रेम की डोर।। मैं पीर सहूँ, मैं धीर धरूँ, मैं जाऊँ जब तब बलिहारी। कान्हा कहते मैं जानूँ सब, सब देखे ये मोरमुकुटधारी।। राधे राधे 🙏 - निधि चौधरी प्रेम अप्रतिम ❤
Poet Shivam Singh Sisodiya
हे वीर अप्रतिम भारत के, सब दिशा तेरा करतीं वंदन | हो विजय पताका भेंट तुझे, करता है काल भी अभिनंंदन || -कवि शिवम् सिंह सिसौदिया वीर अप्रतिम भारत के
Anjali Jain
गर्भवती सीता जिन परिस्थितियों में वन - गमन के लिए विवश व तत्पर हुई, आज उनके धरती मां की गोद में समाने के निर्णय ने हृदय और आत्मा को असीम शांति व शीतलता प्रदान की! जिस अयोध्या ने उन्हें अयोध्या छोड़ने को विवश किया, उसी अयोध्या को उन्होने छोड़ दिया, उन राम के पास भी पुनः नहीं गई जिन्होंने प्रजा रंजन हेतु उन्हें अपने जीवन से दूर कर दिया! हे सीता, तुम पुनः अयोध्या नहीं गई किन्तु तब तक जीवित अवश्य रही, जब तक अपने आपको निष्कलंक सिद्ध नहीं कर दिया! अपने उज्जवल चरित्र की साक्षी से जो कठोर निर्णय तुम ने लिया, उस के लिए तुम धन्य हो सीता! तुम धन्य हो! तुम्हारी दृढ़ता, तुम्हारे साहस, तुम्हारी शक्ति का गुणगान करने के लिए शब्द नहीं हैं सीता! तुम अद्भुत हो, अप्रतिम हो, अद्वितीय हो! आदर्श की पराकाष्ठा हो, महानता की पराकाष्ठा हो, सहनशीलता की पराकाष्ठा हो, विनम्रता की पराकाष्ठा हो, दृढ़ता की पराकाष्ठा हो, धैर्य की पराकाष्ठा हो, स्वाभिमान की पराकाष्ठा हो!! अभी भी कुछ कमी लग रही है तुम्हारे यशोगान में सीता, तुम अप्रतिम हो!!! #अद्भुत, अप्रतिम सीता 02.05.20