Find the Latest Status about ठसे शब्द from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ठसे शब्द.
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
कागज तो होता बस बेजान सा , जान तो उसमें शब्द डालते हैं , शब्दों के लिखते ही , बिखर जाती हैं एक खुशबू , यादों की , वादों की , अहसासों की , पढते ही शब्द सब कुछ चलचित्र सा चलने लगता हैं , आँखों के सामने एक अहसास सा , शब्दों से बनती जाती रचनाएं , हर एक के मन की उथल - पुथल की , वो बातें जो हम कहने मे होते हैं असर्मथ , पुर जाती हैं माला सी वो शब्दों के जरिए , भावों को वय्क्त करते शब्द , कोरे कागज पर रंग बिखरते शब्द । ©Ankur Raaz #शब्दो #की #शक्ति #शब्द
Mukesh Poonia
शब्द से खुशी, शब्द से गम शब्द से पीड़ा, शब्द ही महरम...!! . ©Mukesh Poonia #KhulaAasman #शब्द से #खुशी, शब्द से #गम शब्द से #पीड़ा, शब्द ही #महरम...!!
Hasanand Chhatwani
*शब्द से खुशी, शब्द से गम* *शब्द से पीड़ा, शब्द ही मरहम* *शब्द से खुशी, शब्द से गम* *शब्द से पीड़ा, शब्द ही मरहम* #paper
Hasanand Chhatwani
शब्द कमाल के होते है, शब्द बेमिसाल होते है, शब्दो का हार भी बनता है, और शब्दो से घाव भी लगते है, मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और नफ़रत के शब्द नींद उड़ा देते है, तलवार से गहरे होते है शब्दो के घाव, और गहरे से गहरा जख्म भर देते है ये शब्द, प्यार के दो शब्द उम्मीद जागते है, और ताने के दो शब्द तिरस्कार कर जाते है, तीर भी चलाते है शब्द, दिल को छलनी कर जाते है शब्द, और मरहम लगा जाते है शब्द, दिल मे प्यार जगा जाते है शब्द..!!! शब्द कमाल के होते है, शब्द बेमिसाल होते है शब्दो का हार भी बनता है, और शब्दो से घाव भी लगते है, मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और नफ़रत के
Hasanand Chhatwani
शब्द कमाल के होते है, शब्द बेमिसाल होते है शब्दो का हार भी बनता है, और शब्दो से घाव भी लगते है, मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और नफ़रत के शब्द नींद उड़ा देते है, तलवार से गहरे होते है शब्दो के घाव, और गहरे से गहरा जख्म भर देते है ये शब्द, प्यार के दो शब्द उम्मीद जागते है, और ताने के दो शब्द तिरस्कार कर जाते है, तीर भी चलाते है शब्द, दिल को छलनी कर जाते है शब्द, और मरहम लगा जाते है शब्द, दिल मे प्यार जगा जाते है शब्द..!!! शब्द कमाल के होते है, शब्द बेमिसाल होते है शब्दो का हार भी बनता है, और शब्दो से घाव भी लगते है, मीठे शब्द सुकून दिला देते है, और नफ़रत के
दीपंकर
आज रूठे रूठे से शब्द क्यों हैं , वही जो कागज़ से लिपट के तेरे गीत गाते थे , वही जो तुम्हारे दिल को छू कर आ जाते थे , वही जो तुम्हे हसाते और गुदगुदाते थे , पर आज वही शब्द बेजान क्यों हैं ? तुमसे ही आज अनजान क्यों हैं? क्यों मौन पड़ी है कविताई , क्यों गीत भी हो चली पराई, छन्दों से शब्दों की कैसी ये जुदाई खुद से टूटे टूटे से शब्द क्यों हैं ???? रूठे से शब्द
Ankit Dixit Mohan
अल्पेश सोलकर
शब्द दूर नेतात शब्दच जवळ आणतात.. कितीही मोठ्या दुराव्यास शब्दच बळ देतात... शब्द दूर नेतात शब्दच जवळ आणतात.. कितीही मोठ्या दुराव्यास शब्दच बळ देतात... #yqtaai #alpeshsolkar