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sarita lodhi
डॉक्टर ने कहा बेटी ने जन्म लिया है, मां ने आँचल में छिपाया और सीने से लगाया, आंखे आंसू से भर आईं मां की वजह किसी ने न पूछी। सभी ने सोचा बेटी जन्मी है इसलिए दुखी है, लेकिन उस मां ने नारी जीवन के संघर्षों को पाया था अपनी गोद मे। वो अपने बचपन और अपने अस्तित्व को देख रही थी अपनी बेटी में, उसे समझ आ रहा था उसके माता पिता का स्नेह , दुलार,परवाह , डांट सबकुछ , वो दौर जो उसने अपने मायके में जिया था। थोड़ा अजीब लगेगा आप सभी को लेकिन ये रीत बहुत ही बुरी लगती है मुझे, क्यों बेटियो की विदाई होती है? कितने नाजो से पालते है माँ बाप, न खुद का दर्द देखते है न तकलीफ, सुख ,चैन , नींद ,आराम , जीवन भर का संघर्ष सब लूटा देते है। खुद को रोना पड़े लेकिन अपनी बेटी की आँखो में आंसू न आने देते है, सर्दी , गर्मी, भूख ,प्यास सबकुछ भूल जाते है। कोई जरा सा आंख उठाकर तो देखे उनकी लाडली को, फिर एक दिन एक अंजान सा इंसान आता है जो लेकर जाता है सात वचनों के दम पर, सात जन्म का वादा एक साल भी नही निभा पाता है, हर गलती का इल्जाम अपनी पत्नी पर लगाता है, सम्भालती है वो बेटी अपने पति के घर को, पूरा जीवन लगा देती है अपने पति और बच्चों को खुश रखने में, बच्चो के गलत फैसलो का कसूरवार भी माँ को ठहराया जाता है,फिर भी वो मूक सी बनी सब सहती है, जब सहन न हो तो बस थोड़ा रो देती है, ब्याह देती है अपने बच्चों को भी समाज के नियमानुसार। फिर उसके बुढ़ापे में बच्चों द्वारा ठुकराया जाता है उस माँ को, क्या पाती है अंत मे, बस मृत्यु ही।। ©sarita lodhi #बेटी #विदाई #nojotohindi
P S Jha
बेटी को विदा करने पर मां बाप पे क्या बितती विदा करना भी रश्म एक है पर दर्द ना दिखती जाती है बेटी रोती है कभी चिल्लाती चीखती निज माता चिंता विवश हों, बैठे खाट पे सोचते परे सोच में वो रहतीं है नयन से अश्रु वे पोछते भाई इधर कोने में खड़ा रोता झगड़े को कोसते अब टीवी रिमोट के लिए किससे करूंगा झगड़ा तकिए से लिपट कर खुद को वो है झकझोरते छोटी बहन नींद में सपने में बहन के हंसते देखते कैसी हो बहन क्या हाल तेरा ,जाने के इरादे नेक थे बड़े भैया भी सुस्त मौन हो तैयारी करते सगाई के रशम रिवाज को पूरा करते तैयारी करते विदाई के सखी सहेली इसे चिढ़ाते पुरानी कहानी ताजा करते सखी भी रोएगी गर हम रोएंगे अपने आंसू को रोकते समाज के लोग मिलकर अब विदा करने की सोचते हर रश्म और रिवाज एकदम बदला कैसे सोचती मेरी बहन क्या मैं अचानक कर पाऊंगी ससुराल की नई रिवाज सहन सवाल क्या कभी फिर वहां रह पाऊंगी जन्मी थी जिस शहर यहां भी पराई थी वहां भी पराई हूं समय ने बताया इस कदर गंवार लेखक - प्रेम #ChineseAppsBan #बेटी #विदाई
Anshupriya Agrawal
बेटी की विदाई पोस्टमार्टम के बाद, लाश चौखट आई थी,,, पापा धैर्य छोड़ते,,, मैया हाहाकार करती, कभी मूर्छित,कभी चीत्कार करती,, आंगन भूचाल आई थी, पांच वर्षीय, बेटी की विदाई थी।। कौन दरिंदा उठा ले गए, कुत्ते इसे नोंच खा गए,, वहशीयत ने इसे दबोचा, भेड़ियों ने इसे है रौंदा,, कोई चीखें सुन ना पाया,, सिसकी में ढला, मौन हो गया।। बच्ची खून में लथपथ, नग्न लेटी थी सड़क पर,, देख धरती मां भी, खून के आंसू रोइ थी, इस भार वहन से, तड़प -तड़प कर कितनी बार डोली थी।।। भरत के देश में, वीर,,, सिंहों के दांत गिनते थे,, आज शृगाल बने हैं, बच्चियों के, जिस्म से,खेलते हैं।।।। झूठी -मूठी , रूठा- रूठी, सूरत वो, भोली- भाली,, कौन बनाएगा, रंगोली, कैसे खेलेगा, कोई होली? कौन पायल पहनकर,, आंगन में झूमेगी? कस्तूरी चंदन बिना, कैसे जीवन बगिया महकेगी? कैसे दूं बिदाई बिटिया, सूनी- सूनी जीवन फुलवारी है, रोते पिता, बिलखती महतारी है।।।।। -अंशु # बेटी की विदाई
Vishal Charan
Sabra kar mere bhai udenge lekin Waqt per ©Vishal Charan शायरी इन हिंदी ,#shyari
Pushkar Deep
आज एक बेटी की विदाई हैं, सब की आंखे नम हो आईं हैं। अपने घर को छोड़ कर, पराए घर जाने की बारी आई है। ©Pushkar Deep एक बेटी की विदाई
कवि होरी लाल "विनीता"
बेटी विदा करके पिता रोते छुप छुप के जान से जो बढ़कर प्यारी जो बेटी थी पिता जी की आज अपने हाथों से पिता दे दिए कन्यादान दान में ।। पिता के भवन में बेटी कल तक हसती थी आज वह पराई हो गई उनकी जब से विदाई हुई घर एकदम खाली हो गया पूरे घर में अंधेरा छाया दे दिए कन्यादान दान में।। बेटी के बिदाई वक्त मैं खड़ा नहीं रह पाता आंसू टपकने लगता एक बेटी की रोवाई सुन मेरा कलेजा तड़पे जब होती कोई बेटी विदा दे दिया कन्यादान दान में।। माई का कलेजा कापें अंचरा से आंसू पोंछे बेटी को गोद में भरकर आंसू रोक विदाई करती कवि होरीलाल विनीता आज बेटी की विदाई लिख दिए दे दिया कन्यादान दान में।। ©Hori lal Vinita बेटी की विदाई #togetherforever
मुंशी पवन कुमार साव "शत्यागाशि"
अभी-अभी संग खेल रहे थें, आ गयी रात जुदाई की। मेहंदी क्या लगी हाथ में उसके, आ गयी रुत विदाई की। #बेटी #बहन #विदाई #शादी