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Ranjeet Sagar
Ahnkar mat paliye janab wakt ke samandar me kitane sikandar dub gye ©Ranjeet Sagar Azamgarh
Anurag Ankur
आज आज़म शाह से संबंधित स्थान (वर्तमान में बदरका) में कुछ अवशेषों को देखने और जानने का अवसर प्राप्त हुआ. वहां उपस्थित एक वरिष्ठ सज्जन यूनुस जी ने बताया की ये एक लंबी परंपरा के अवशेष हैं. इसे मूलत: कब्रिस्तान माना गया है जहां सूफ़ी लौ लगाते थे और उन्हें उनके इंतकाल के बाद यहीं दफ़न कर दिया गया है. यहां के लोगों की खास बात यह लगी की मकान बनाने के लिए इन्होंने जोर जबरदस्ती से उन कब्रों से कोई छेड़ छाड़ नहीं की है वरन रोड के बीच में पड़ी हुई है. कुछ लोगों का मानना है की यहां के राजा आजम शाह ( जिनके नाम पर इस जिले का नाम आजमगढ़ पड़ा ) के खानदान के कुछ लोगों की कब्रें यहां आज भी जीर्ण अवस्था में अपने वक्त के तरन्नुम गुनगुना रही हैं. एक शानदार नक्काशी है उन पर वक्त की धूल ने उनको धुंधला कर दिया है. एक बात और जो खटकती है की इतने सालों की एक रियासत,जिसने उस वक्त साम,दाम,दण्ड,भेद जैसे सारे यत्न कर के लोगों के दिलों में अपनी दहशत का तूफान पैदा किया वह आज इस वक्त खंडहरों की भेंट चढ़ चुकी है,जिसके हालात पर रोने को भी लोग नहीं मौजूद हैं जिन महलों के आशियानों के चर्चे हुआ करते थे आज उन खंडहरों में कोई चूं भी नहीं करता जिन राजवंशों ने पत्थरों के महलों में बैठकर पत्थर जैसे आदेश दिए और जन मानस की छाती पर क्रूरता की दाल दली आज उन्हीं पत्थरों को चीर कर बेहया के पेड़ निकल आए हैं. जो उतने ही बेहया हैं जितने की उनके अमानवीय आदेश. सब कुछ के बाद एक आशियाना शिब्ली नोमानी, कैफ़ी आज़मी , राहुल सांकृत्यायन और हरिऔध जैसे लोगों का भी है. जो हर पल गुलज़ार रहता है. हम जैसे कुछ दीवाने कभी कभी उन तीर्थों पर चले जाते हैं. अपने हिस्से के शिब्ली , कैफ़ी , राहुल व हरिऔध ढूंढने. यानी चंद्रगुप्त और सिकंदर चले जाते हैं पर चाणक्य और अरस्तू रह जाते हैं 🍁 ©Anurag Ankur कवि अनुराग अंकुर कविता ,लेख , विचार||Anurag Ankur Poetry || Azamgarh & It's History #PoetAnuragAnkur
Sachin Prajapati Mr Sain
(Ek Kamiyab Bete Ka Apni Maa Baap Ke Liye Galat Vichar) Ki Maa Baap ki adiyan tak ghis gai jis bete ko kabil banane mein. aaj wo kahta hai kya kiya tumne mere liye jamane mein.are Maa Baap ki adiyan ghis gai jis bete ko kabil banane mein aaj wo kahta hai kya kiya tumne mere liye jamane mein.jisne khud bhukha rahke tujhe kabhi bhukha na rahne diya aaj tumne koi kasar na chhori usko jhukane mein ©Sachin Prajapati Mr Sain Azamgarh #AloneInCity