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    PopularLatestVideo
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Parasram Arora

हा   वो भी  एक  लम्हा  था  जो गुजर  गया 
 ज़ब प्रेम  के    एक  तिनके  को  थामे मैं 
बहुत  देर  तक   खड़ा रहा 
औऱ समय   बहता  रहा   मुझे   घेरे   
औऱ  घुमाता  रहा मुझे  सभी  दिशाओ  मे 
लेकिन  ढूंढ नहीं पाया मैं  फिर भी 
अपनी  प्यास का उदगम  स्थल प्रेम  का  उदगम  स्थल

प्रेम का उदगम स्थल

5 Love

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Pawan Singh

कईले बा का माल हमर लाल घाघरा

कईले बा का माल हमर लाल घाघरा #जानकारी

57 Views

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Mohan Sardarshahari

माना मिलते हैं मोती
नसीब से
फिर भी मिलेंगे तो
समुद्र में
क्या हुआ कोई राजा है
या फकीर
उद्गम तो है उदर में

©Mohan Sardarshahari
  उद्गम

उद्गम #ज़िन्दगी

99 Views

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Parasram Arora

वो नहीं होती कविता 
जिसे  सर्दी  की  
ठिठुरन  मे  चाय क़े  गर्म घूँट क़े  साथ  हलक 
मे  उतार लिया जाय
कविता तो  कवि क़े  संवेदित  ह्रदय की 
वो   उम्दा  फ़सल है. जिसे कवि अपने  ही 
खेत  मे अपने लिए  उगाता है
लेकिन  जिसे  वो   औरों  मे  बाँट  कर 
ज्यादा  प्रसन्नता  का  अनुभव करता है

©Parasram Arora # कविता  का उदगम.......

# कविता का उदगम.......

13 Love

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Parasram Arora

किसी भी कविता क़े लिए  ईमानदारी कोई
बुनियादी शर्त नहीं  बन सकती 
क्योंकि कल्पना  मे  काव्य बिना पंखो क़े ही
उड़ान भरता है
अक्सर कविता लिख लेने क़े  उपरान्त  कवि अपनी कविता की
 सार्थकता ढूंढ़ने  लगता है
क्योंकि  समझ और तर्क का  कविता से  दूर दूर
तक कोई लेना देना नहीं है
एक उद्विगन  भयाकुल निराश  संवेदनशील  और घुटन
से  ओतप्रोत  व्यक्तित्व  ही सुंदर काव्य  रचना
मे निपुणता हासिल  कर लेता है

©Parasram Arora काव्य का उदगम

काव्य का उदगम

8 Love

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Parasram Arora

जब  अचानक  सर  उठाने  लगती हैँ  यादे 
पीड़ाये  सघन   हो जाती हैँ 
जैसे  दूर  गगन मे  काले  बादलो की  बीच  बिजली  कौंध  जाती
फिर नभ ले नीलेपन  की  गरिमा  और  गहराई   और  बढ़  जाती हैँ 
मन कुछ  कहना  चाहता हैँ   और  ह्रदय  की  धड़कन  भी बढ़  जाती हैँ 
उफनते  लगता  हैँ  अश्रुओ  का    सिंधु  कोष 
और अविरल  जलधारा   बह  जाती  हैँ 
क्यों आती  हैँ  यादे  कहा से   सहसा  आ धमकती हैँ 
कदाचित  जब  ह्रदय  की  बंद  गुफाये      सांस लेने   हेतु  
द्वार  अपने  खोल  देती  हैँ...............  तब  कहीं  ये  
यादे   सज  संवर   कर  बाहर  आने   की  धृष्टता   कर  
बैठती  हैँ यादो  का  उदगम.......

यादो का उदगम.......

7 Love

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PAPA की परी का Lover

घाघरा में मोबाइल

घाघरा में मोबाइल #कॉमेडी

105 Views

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Raven sahyog Raj

#कमल तोहर लाल घाघरा

#कमल तोहर लाल घाघरा

4,979 Views

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satya

बैठे है अकेले कितना सुकून है

फर्क़ इतना है,वहाँ लोगो के साथ अौर यहाँ पृकृति के साथ है। शांति स्थल

शांति स्थल #विचार

5 Love

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Parasram Arora

परमाता  धर्म और मोक्ष
सब बाज़ार  मे बिक रहे हैं
इसमें   बेचने वालों  का  दोष नहीं.
वें तो खरीद दारों की मांग की.
पूर्ती कर रहे हैं
धर्म के नाम पर चलने वाले संगठन
और  सम्प्रदाय सब  सभी इन्हे बेचने वाले
विक्रय स्थल  बन चुके हैं

©Parasram Arora
  विक्रय स्थल

विक्रय स्थल #कविता

110 Views

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Arora PR

पहाड़ो की डलांन
पऱ पैर मेरे संभल नहीं पांते.
मै  भूल गया था
कि मेरा आश्रय स्थल तो
इन पहाड़ो की घाटी मे हैँ

©Arora PR
   आश्रय स्थल

आश्रय स्थल #कविता

117 Views

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Jyoti Agrahari

मेरा प्रयागराज सबसे महान 
यही है हमारा तीर्थस्थान 

स तीर्थराजो जयति प्रयागः 🙏 संगम स्थल

संगम स्थल

17 Love

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Biikrmjet Sing

खुद जब खुद के लिए कुछ करो तो खुदा भी तभी साथ देता है।।

©Biikrmjet Sing #उद्धम
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Nitish Kumar

कईले बा कमाल हमर लाल घाघरा

कईले बा कमाल हमर लाल घाघरा #विचार

96 Views

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Krishna

#video आगरा के घाघरा #bhojpuri #krishnagaur

#Video आगरा के घाघरा #bhojpuri #krishnagaur #लव

27 Views

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Preeti Karn

 प्रकृति  के रंगों  की अभिव्यंजना 
सुखद अहसास  कुछ संवेदनाएं 
मेरे  बेरंग पन्नों  में  सब कुछ  ही तुम्हारा है। 
विरह व्याकुल  व्यथित  मन की व्यथा  कुंठा
घनीभूत होता  तिमिर  अंतस पसरा 
उद्गम  सृजन प्रवाह 
खुशियों  में सराबोर  आनंद  अथाह
प्रेरित सब तुम्हीं  से  हैं  मेरे  बेरंग  पन्नों  में। 
क्षणिक  उन्माद  विकल प्राणों  का अवसाद 
कुछ मौसमी  रंग पतझड़  बदरंग 
सृजन रचनाओं  का
 विन्यास मात्र  ही तो है भावों का 
मेरा  कुछ  भी  नहीं  सब कुछ  ही  तुम्हारा है। 
                         प्रीति  #मनोभाव # उद्गम 
#सृजन #yqdidi 
#YourQuote poetry

0 Love

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रजनीश अहिरान

नमारी पर घाघरा उठ जाए दे कॉमेडी

नमारी पर घाघरा उठ जाए दे कॉमेडी

97 Views

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Parasram Arora

#Pehlealfaaz  यहां  मैं  तब  आया  था 
ज़ब   पृथ्वी   निराकार  शून्य   थी 
पृथ्वी  के  रहस्यों  पर   अंधकार  tha
ईश्वर  कि  आत्मा    क्षीर  सागर  कि  सतह  पर    तैर  रही  थी उदगम.......

उदगम....... #Pehlealfaaz

3 Love

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Parasram Arora

सपनो के  आंशिक एपिसोड
कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाए
सत्य और यथार्थ  सदैव मुझे
दूर खडे नजर आये
इन सपनो के उदगम  स्त्रोत तक
पहुंचने मे  हमने न जाने
कितने बहुमूल्य  क्षण व्यर्थ  गवाये

©Parasram Arora
  
उदगम

उदगम #कविता

2,739 Views

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Arora PR

मुझे मालुम है.
कि अपना उदगम  ढूंढ़ने के
लिये मुझे  इस जन्म से
अगले जनम के  बींच का
फासला  तय करना होगा
लेकिन उसके पहले मुझे
अपनी मृत्यु से भी तौ
गुजरना  पढ़ेगा ये मुझे
मालूम नही  था

©Arora PR
  उदगम

उदगम #कविता

27 Views

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Tanmay Gaur

प्लीज घाघरा चोली दो ना घघरा चोली

घघरा चोली

2 Love

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Babita Wadhwani

मदर्स डे 2022 मदर्स डे 2023 हम्मा ओके जिम्मेदारी हो जाती है कि हम बेटियों के लिए यह जान सुरक्षित बनाए और इसके लिए जरूरी है कि हम मांग के साथ जो भी अपराध होता है उसको हम कहीं और न्याय मांगे 2015 में हुए बलात्कार की घटना के बाद इसकी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से की लेकिन किन्ही कारणों से एफ आई आर दर्ज नहीं हुई 2019 में एफ आई आर दर्ज हुई मुश्किल हो रही थी साक्ष्य की 2015 में साक्षी जुटाना जितना आसान था 2019 में साक्षरता ना होता है 101 से होता है बलात्कार स्थल बलात्कार की घटना घटी लीला गेस्ट हाउस गेस्ट हाउस का भोग लगा था बहुत खोजने के बाद भी यह लेना गेस्ट हाउस नहीं मिला कि कहीं कुछ तो गलत है तब कोर्ट फाइल में एक दिन आरोपी के बयान पड़े तो उसमें अंकित गेस्ट हाउस का नाम था इंटरनेट पर खोजा अंकित गेस्ट हाउस की पिक्चर्स देखी फोटो देखकर मैं समझ गई कि यही वह बलात्कार का स्थान है जिसका नाम बदल दिया गया था और अंकित गेस्ट हाउस से लीला गेस्ट हाउस हो गया था पुलिस जांच में पहले ऐसा लग गई थी कि मामला झूठा है महिला को बलात्कार स्थल का ही पता नहीं है जब उसकी फोटो देखी तो पुलिस से कहा कि चलिए उस गेस्ट हाउस को देख कर आए क्या वही जगह है लेकिन पुलिस में जाने से मना कर दिया मैंने हार नहीं मानी मदर्स डे का दिन था और साल 2022 पुलिस थाने गई और मैंने कहा मुझे गंदगी गेस्ट हाउस देखना है कूटने पुनः जांच के आर्डर किए थे पुलिस का फर्ज था कि वह मुझे अंकित गेस्ट हाउस ले जाती लेकिन उन्होंने किसी महिला स्पेक्टर का थाने में ना होना कहकर मुझे दूसरे दिन आने को कहा दूसरे दिन भी बहाना बनाकर अंकित गेस्ट हाउस ले जाने से मना कर दिया उस दिन मैं स्वयं अंकित गेस्ट हाउस फोटो करके और मैंने वह कमरा देखा कमरा नंबर 1 था जहां पर अक्टूबर 2015 में बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था कि मैं घटनास्थल को पहचान चुकी हूं लेकिन थाने से ऑफिसर दोनों ही गायब थे तब उच्च अधिकारी को इस बात की जानकारी 1 साल होने को आया था और किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया था इस बीच अंकित गेस्ट हाउस में बाहर से अपना गेट बदल लिया था लेकिन नेट पर पिक्चरें डाल रहा था तुम नेट से पता चला कि बाहर था उसका हुलिया बदल गया अंकित गेस्ट हाउस की बिल्डिंग को और सवार दिया गया है तब 1 दिन 2023 में पुलिस का एक पत्र मिला उसने मुझसे कहा गया की घटनास्थल की पहचान कराएं जो पुलिस का पत्र यह आया था तब मेरे पास मोबाइल नहीं था क्योंकि मोबाइल पर मार डालने की धमकियां थी तो मैंने सिम तोड़ दी थी और अपराधी यह चाहते थे कि मेरे पास संपर्क का कोई साधन ना हो इसमें मेरे घर में घुसकर मेरा टैब तोड़ दिया गया नया मोबाइल में नहीं खरीदा नहीं था और नई सिम नहीं गई थी लेकिन मेरा कर्तव्य था कि मैं उस जगह को जाऊंगा और घटनास्थल की पहचान कराओ वहां जाना खतरा मोल लेने जैसा था आक्रमण हो सकता था डर था मन में कोई भी कहीं से भी हमला कर सकता था पर मैं गई उस दिन उस दिन मुझे सुबह थाने में 11:00 बजे बुलाया गया था जब मैं 11:00 बजे गई तो मुझसे कहा गया यह सोचो साहब के घर में किसी की मौत हो गई है तो 2 घंटे आपको थाने में बैठना पड़ा थाने में बैठना नहीं चाहती थी इसीलिए मैं घर वापस आ गई और मैं बोलकर आई थाने में कि आपको जब भी जाना हो आप मुझे घर से लेकर जाएं दिन में बारिश शुरू हो गई 3:00 बजे तक बारिश होती रहेगी 4:00 बजे के आसपास महीना पुलिस ऑफिसर और एक पुलिस ऑफिसर मेरे घर आए यह सच है गाड़ी में है चलिए बलात्कार स्थल की पहचान करवाने के लिए शाम का वक्त था कुछ ही घंटों में अंधेरा हो जाता है मन में डर था पर मैं उसके पास था घटनास्थल का नक्शा बनाया जाना था पुलिस ऑफिसर ने घटनास्थल का नक्शा बनाया कुछ भी अच्छा नहीं था कुछ भी ठीक नहीं लग रहा था अंकित गेस्ट हाउस में घुसने पंखा बंद करने का आदेश था क्योंकि मैं जानती थी पंखा बंद होगा गले में रस्सी डाल के पंखे से लटका दिया जाएगा मैंने पंखा बंद नहीं करने दिया उसके बाद अंदर कमरा नंबर 1 दिखाया दोनों नंबर 1 में जाते हैं मुझे ऐसा लगा कि मुझे चक्कर आ जाएंगे और मैं उल्टी कर दूंगी मैं तुरंत बाहर आ गई मैंने सिर्फ यही का यही वह जगह है जहां बलात्कार की घटना हुई है और मैं अंकित गेस्ट हाउस के बाद खड़ी हो गई इसे मौका मुआयना किया और नक्शा बनाया रात होने को थी 2 घंटे से ज्यादा का समय हो गया था मैंने स्पेक्टर से कहा मैं अंधेरा होने से पहले घर वापस पहुंच जाना चाहती हूं स्पेक्टर ने कहा ठीक है नक्शा बना दिया गया और मुझे वापस अंदर बुलाया गया जब मैं सिम से ऊपर चढ़कर मां स्वागत कक्ष में खड़ी हुई तो मैंने देखा पंखे के ठीक नीचे टेबल लगा दिया गया था दरवाजे पर मोटे पर्दे लग गए थे और मुझसे कागज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया है की अंकित गेस्ट हाउस का नक्शा है इस पर हस्ताक्षर करें इस कागज पर घटनास्थल का कच्चा नक्शा बना हुआ था जबकि मेरे हस्ताक्षर पक्के घटनास्थल पर होने चाहिए थे उस कागज पर जिसमें फाइनल नक्शा बनाया गया था मेरे दिमाग में तुरंत काम किया नहीं कुछ है जो गलत है तब मैंने अपने हस्ताक्षर बदल दिया मेहंदी में हस्ताक्षर करती हूं और 1 दिन पूर्व उसे जो पत्र दिया गया था उसकी कॉपी पर मेरे हस्ताक्षर लिए गए थे जिसमें मैंने हिंदी में साइन किए थे अपनी जान बचाने के लिए मैंने हस्ताक्षर में परिवर्तन किया और अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए सबके चेहरे उचक्के से थे 1 दिन पहले लिए गए कागज के हस्ताक्षर हस्ताक्षर अंग्रेजी में 1 दिन पहले किए गए कागज पर मेरे हिंदी में हस्ताक्षर दिया मैंने दूसरे कागज पर भी अंग्रेजी में हस्ताक्षर मुसाफिर मुझे देख रहे थे फिर अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए हैं तब उन्होंने मुझे एक तीसरा कागज दिया एक फोन बनती है कि आपने आपका रिश्ता की पहचान की है तब मैंने फिर अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए और मैं गाड़ी में बैठकर थाने आ गए या फिर मुझे एक कागज दिया गया और मुझसे करवाएंगे मेरी पहचान सुनिश्चित की जा रही थी कि मैं हिंदी में हस्ताक्षर करें मैंने वहां से जाने की बात कही थाना इंचार्ज ने कहा हम आपको गाड़ी से घर भिजवा देते हैं पुलिस की गाड़ी में जब मैं बैठी हूं तो प्लीज की गाड़ी की सीट कुछ इस तरीके से थी कि अगर मैं बीच में बैठती तो उसमें 10 से ज्यादा यानी मैं आसानी से उठ नहीं पाती मैं मैं बैठी जरूर सीट पर पर मेरी टांगों में दर्द हो गया क्योंकि मैं एक किनारे पर बैठी बीच में नहीं बैठे अब किनारे की सीट ज्यादा उठी हुई थी जैसे मेरे पैर मुझे 20 जीके तल पर नहीं टच कर रहे थे घर तक पहुंचने में मेरे पैरों में दर्द हो गया जब पुलिस जीप मुझे घर छोड़ने आ रही थी तुम मुझे एक निश्चित स्थान पर छोड़ना चाहते थे पर मैंने निश्चित स्थान से पहले ही गाड़ी रुकवा दिया और कहा कि मेरा घर उस गली से नहीं इस गली से ज्यादा नजदीक है मुझे यही उतारे उन्हें ना चाह कर भी गाड़ी रोकनी पड़ी मुझे पता था उस निश्चित स्थान पर कोई ना कोई मुझ पर वार करने के लिए तैयार खड़ा होगा मैं एक अलग रास्ते से अपने घर तक आ गई और उस दिन मैंने अपना फर्ज अदा किया घटनास्थल का मुआयना करवाया पुलिस कुछ दिनों बाद मदर्स डे 2023 आ गया मैंने खुश थी ना उदास थी बस में संतुष्ट थी कि मैंने अपना कर्तव्य पूरा किया अपराध हुआ है तो अपराध के साक्ष्य देने का कर्तव्य पूरा करना बलात्कार पीड़िता का होता है जो मैंने किया मैं मां हूं तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं मेरी बेटी के लिए एक सुरक्षित जहां छोड़ो जहां पर बलात्कारियों की कोई जगह नहीं होगी मैं नहीं जानती कि आज की युवा पीढ़ी की परवरिश किस तरह की जा रही है कि वह औरत को सम्मान देना ही नहीं चाहते मैं आसपास देखती हूं बचपन से लड़कों को सिखाया जा रहा है कि लड़कियों को दबोच कर रखना है लड़कियों को खाते से भाई है तो बहन को खेलने नहीं जाने देगा कि बाहर माहौल ठीक नहीं लेकिन वही भाई पार्क में घंटों खेलता रहता है लड़की से बचपन से आशा की जाती है कि वह घर में रहेगी भाड़ नहीं जाए युवाओं को महिलाओं की पैकिंग में काम लिया जा रहा है चोरी करता हुआ समाज है युवाओं को मां समान महिलाओं का सम्मान करना चाहिए मां समान महिलाओं की बेटी करते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए उनके पीछे रस्सी डंडे लेकर चलते हैं कि हम इस महिला को खत्म कर देंगे इस महिला ने बलात्कार की शिकायत की है पुलिस और यह न्याय मांगने तक पहुंच गई पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को उठना होगा अपने बच्चों की परवरिश पर ध्यान देना होगा वक्त से पहले घर से बाहर पढ़ने नहीं भेजता जब तक यह बात नहीं समझ जाते कि महिला किसी की घर की सम्मानीय है और उसको सम्मान मिलना चाहिए

©Babita Wadhwani #बलात्कार 
बलात्कार स्थल की पहचान

#बलात्कार बलात्कार स्थल की पहचान #ज़िन्दगी

7 Love

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Babita Wadhwani

मदर्स डे 2022 मदर्स डे 2023 हम्मा ओके जिम्मेदारी हो जाती है कि हम बेटियों के लिए यह जान सुरक्षित बनाए और इसके लिए जरूरी है कि हम मांग के साथ जो भी अपराध होता है उसको हम कहीं और न्याय मांगे 2015 में हुए बलात्कार की घटना के बाद इसकी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से की लेकिन किन्ही कारणों से एफ आई आर दर्ज नहीं हुई 2019 में एफ आई आर दर्ज हुई मुश्किल हो रही थी साक्ष्य की 2015 में साक्षी जुटाना जितना आसान था 2019 में साक्षरता ना होता है 101 से होता है बलात्कार स्थल बलात्कार की घटना घटी लीला गेस्ट हाउस गेस्ट हाउस का भोग लगा था बहुत खोजने के बाद भी यह लेना गेस्ट हाउस नहीं मिला कि कहीं कुछ तो गलत है तब कोर्ट फाइल में एक दिन आरोपी के बयान पड़े तो उसमें अंकित गेस्ट हाउस का नाम था इंटरनेट पर खोजा अंकित गेस्ट हाउस की पिक्चर्स देखी फोटो देखकर मैं समझ गई कि यही वह बलात्कार का स्थान है जिसका नाम बदल दिया गया था और अंकित गेस्ट हाउस से लीला गेस्ट हाउस हो गया था पुलिस जांच में पहले ऐसा लग गई थी कि मामला झूठा है महिला को बलात्कार स्थल का ही पता नहीं है जब उसकी फोटो देखी तो पुलिस से कहा कि चलिए उस गेस्ट हाउस को देख कर आए क्या वही जगह है लेकिन पुलिस में जाने से मना कर दिया मैंने हार नहीं मानी मदर्स डे का दिन था और साल 2022 पुलिस थाने गई और मैंने कहा मुझे गंदगी गेस्ट हाउस देखना है कूटने पुनः जांच के आर्डर किए थे पुलिस का फर्ज था कि वह मुझे अंकित गेस्ट हाउस ले जाती लेकिन उन्होंने किसी महिला स्पेक्टर का थाने में ना होना कहकर मुझे दूसरे दिन आने को कहा दूसरे दिन भी बहाना बनाकर अंकित गेस्ट हाउस ले जाने से मना कर दिया उस दिन मैं स्वयं अंकित गेस्ट हाउस फोटो करके और मैंने वह कमरा देखा कमरा नंबर 1 था जहां पर अक्टूबर 2015 में बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था कि मैं घटनास्थल को पहचान चुकी हूं लेकिन थाने से ऑफिसर दोनों ही गायब थे तब उच्च अधिकारी को इस बात की जानकारी 1 साल होने को आया था और किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया था इस बीच अंकित गेस्ट हाउस में बाहर से अपना गेट बदल लिया था लेकिन नेट पर पिक्चरें डाल रहा था तुम नेट से पता चला कि बाहर था उसका हुलिया बदल गया अंकित गेस्ट हाउस की बिल्डिंग को और सवार दिया गया है तब 1 दिन 2023 में पुलिस का एक पत्र मिला उसने मुझसे कहा गया की घटनास्थल की पहचान कराएं जो पुलिस का पत्र यह आया था तब मेरे पास मोबाइल नहीं था क्योंकि मोबाइल पर मार डालने की धमकियां थी तो मैंने सिम तोड़ दी थी और अपराधी यह चाहते थे कि मेरे पास संपर्क का कोई साधन ना हो इसमें मेरे घर में घुसकर मेरा टैब तोड़ दिया गया नया मोबाइल में नहीं खरीदा नहीं था और नई सिम नहीं गई थी लेकिन मेरा कर्तव्य था कि मैं उस जगह को जाऊंगा और घटनास्थल की पहचान कराओ वहां जाना खतरा मोल लेने जैसा था आक्रमण हो सकता था डर था मन में कोई भी कहीं से भी हमला कर सकता था पर मैं गई उस दिन उस दिन मुझे सुबह थाने में 11:00 बजे बुलाया गया था जब मैं 11:00 बजे गई तो मुझसे कहा गया यह सोचो साहब के घर में किसी की मौत हो गई है तो 2 घंटे आपको थाने में बैठना पड़ा थाने में बैठना नहीं चाहती थी इसीलिए मैं घर वापस आ गई और मैं बोलकर आई थाने में कि आपको जब भी जाना हो आप मुझे घर से लेकर जाएं दिन में बारिश शुरू हो गई 3:00 बजे तक बारिश होती रहेगी 4:00 बजे के आसपास महीना पुलिस ऑफिसर और एक पुलिस ऑफिसर मेरे घर आए यह सच है गाड़ी में है चलिए बलात्कार स्थल की पहचान करवाने के लिए शाम का वक्त था कुछ ही घंटों में अंधेरा हो जाता है मन में डर था पर मैं उसके पास था घटनास्थल का नक्शा बनाया जाना था पुलिस ऑफिसर ने घटनास्थल का नक्शा बनाया कुछ भी अच्छा नहीं था कुछ भी ठीक नहीं लग रहा था अंकित गेस्ट हाउस में घुसने पंखा बंद करने का आदेश था क्योंकि मैं जानती थी पंखा बंद होगा गले में रस्सी डाल के पंखे से लटका दिया जाएगा मैंने पंखा बंद नहीं करने दिया उसके बाद अंदर कमरा नंबर 1 दिखाया दोनों नंबर 1 में जाते हैं मुझे ऐसा लगा कि मुझे चक्कर आ जाएंगे और मैं उल्टी कर दूंगी मैं तुरंत बाहर आ गई मैंने सिर्फ यही का यही वह जगह है जहां बलात्कार की घटना हुई है और मैं अंकित गेस्ट हाउस के बाद खड़ी हो गई इसे मौका मुआयना किया और नक्शा बनाया रात होने को थी 2 घंटे से ज्यादा का समय हो गया था मैंने स्पेक्टर से कहा मैं अंधेरा होने से पहले घर वापस पहुंच जाना चाहती हूं स्पेक्टर ने कहा ठीक है नक्शा बना दिया गया और मुझे वापस अंदर बुलाया गया जब मैं सिम से ऊपर चढ़कर मां स्वागत कक्ष में खड़ी हुई तो मैंने देखा पंखे के ठीक नीचे टेबल लगा दिया गया था दरवाजे पर मोटे पर्दे लग गए थे और मुझसे कागज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया है की अंकित गेस्ट हाउस का नक्शा है इस पर हस्ताक्षर करें इस कागज पर घटनास्थल का कच्चा नक्शा बना हुआ था जबकि मेरे हस्ताक्षर पक्के घटनास्थल पर होने चाहिए थे उस कागज पर जिसमें फाइनल नक्शा बनाया गया था मेरे दिमाग में तुरंत काम किया नहीं कुछ है जो गलत है तब मैंने अपने हस्ताक्षर बदल दिया मेहंदी में हस्ताक्षर करती हूं और 1 दिन पूर्व उसे जो पत्र दिया गया था उसकी कॉपी पर मेरे हस्ताक्षर लिए गए थे जिसमें मैंने हिंदी में साइन किए थे अपनी जान बचाने के लिए मैंने हस्ताक्षर में परिवर्तन किया और अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए सबके चेहरे उचक्के से थे 1 दिन पहले लिए गए कागज के हस्ताक्षर हस्ताक्षर अंग्रेजी में 1 दिन पहले किए गए कागज पर मेरे हिंदी में हस्ताक्षर दिया मैंने दूसरे कागज पर भी अंग्रेजी में हस्ताक्षर मुसाफिर मुझे देख रहे थे फिर अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए हैं तब उन्होंने मुझे एक तीसरा कागज दिया एक फोन बनती है कि आपने आपका रिश्ता की पहचान की है तब मैंने फिर अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए और मैं गाड़ी में बैठकर थाने आ गए या फिर मुझे एक कागज दिया गया और मुझसे करवाएंगे मेरी पहचान सुनिश्चित की जा रही थी कि मैं हिंदी में हस्ताक्षर करें मैंने वहां से जाने की बात कही थाना इंचार्ज ने कहा हम आपको गाड़ी से घर भिजवा देते हैं पुलिस की गाड़ी में जब मैं बैठी हूं तो प्लीज की गाड़ी की सीट कुछ इस तरीके से थी कि अगर मैं बीच में बैठती तो उसमें 10 से ज्यादा यानी मैं आसानी से उठ नहीं पाती मैं मैं बैठी जरूर सीट पर पर मेरी टांगों में दर्द हो गया क्योंकि मैं एक किनारे पर बैठी बीच में नहीं बैठे अब किनारे की सीट ज्यादा उठी हुई थी जैसे मेरे पैर मुझे 20 जीके तल पर नहीं टच कर रहे थे घर तक पहुंचने में मेरे पैरों में दर्द हो गया जब पुलिस जीप मुझे घर छोड़ने आ रही थी तुम मुझे एक निश्चित स्थान पर छोड़ना चाहते थे पर मैंने निश्चित स्थान से पहले ही गाड़ी रुकवा दिया और कहा कि मेरा घर उस गली से नहीं इस गली से ज्यादा नजदीक है मुझे यही उतारे उन्हें ना चाह कर भी गाड़ी रोकनी पड़ी मुझे पता था उस निश्चित स्थान पर कोई ना कोई मुझ पर वार करने के लिए तैयार खड़ा होगा मैं एक अलग रास्ते से अपने घर तक आ गई और उस दिन मैंने अपना फर्ज अदा किया घटनास्थल का मुआयना करवाया पुलिस कुछ दिनों बाद मदर्स डे 2023 आ गया मैंने खुश थी ना उदास थी बस में संतुष्ट थी कि मैंने अपना कर्तव्य पूरा किया अपराध हुआ है तो अपराध के साक्ष्य देने का कर्तव्य पूरा करना बलात्कार पीड़िता का होता है जो मैंने किया मैं मां हूं तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं मेरी बेटी के लिए एक सुरक्षित जहां छोड़ो जहां पर बलात्कारियों की कोई जगह नहीं होगी मैं नहीं जानती कि आज की युवा पीढ़ी की परवरिश किस तरह की जा रही है कि वह औरत को सम्मान देना ही नहीं चाहते मैं आसपास देखती हूं बचपन से लड़कों को सिखाया जा रहा है कि लड़कियों को दबोच कर रखना है लड़कियों को खाते से भाई है तो बहन को खेलने नहीं जाने देगा कि बाहर माहौल ठीक नहीं लेकिन वही भाई पार्क में घंटों खेलता रहता है लड़की से बचपन से आशा की जाती है कि वह घर में रहेगी भाड़ नहीं जाए युवाओं को महिलाओं की पैकिंग में काम लिया जा रहा है चोरी करता हुआ समाज है युवाओं को मां समान महिलाओं का सम्मान करना चाहिए मां समान महिलाओं की बेटी करते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए उनके पीछे रस्सी डंडे लेकर चलते हैं कि हम इस महिला को खत्म कर देंगे इस महिला ने बलात्कार की शिकायत की है पुलिस और यह न्याय मांगने तक पहुंच गई पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को उठना होगा अपने बच्चों की परवरिश पर ध्यान देना होगा वक्त से पहले घर से बाहर पढ़ने नहीं भेजता जब तक यह बात नहीं समझ जाते कि महिला किसी की घर की सम्मानीय है और उसको सम्मान मिलना चाहिए

©Babita Wadhwani
  #बलात्कार 
बलात्कार स्थल की पहचान

#बलात्कार बलात्कार स्थल की पहचान #ज़िन्दगी

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Babita Wadhwani

मदर्स डे 2022 से  मदर्स डे 2023 हम मांओ की जिम्मेदारी हो जाती है कि हम बेटियों के लिए यह सुरक्षित संसार बनाए और इसके लिए जरूरी है कि हम मांओ के साथ जो भी अपराध होता है उसको हम कहें और न्याय मांगे 2015 में हुए बलात्कार की घटना के बाद इसकी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से की लेकिन किन्ही कारणों से एफ आई आर दर्ज नहीं हुई 2019 में एफ आई आर दर्ज हुई । मुश्किल हो रही थी साक्ष्य की । 2015 में साक्ष्य जुटाना जितना आसान था 2019 में साक्ष्य जुटाना मुश्किल था।   बलात्कार स्थल -बलात्कार की घटना घटी लीला गेस्ट हाउस ,लीला गेस्ट हाउस का बोर्ड लगा था उस जगह पर । बहुत खोजने के बाद भी यह लीला गेस्ट हाउस नहीं मिला। लगा कि कहीं कुछ तो गलत है तब कोर्ट फाइल में एक दिन आरोपी के बयान पढ़े तो उसमें अंकित गेस्ट हाउस का नाम था । इंटरनेट पर खोजा अंकित गेस्ट हाउस की पिक्चर्स देखी फोटो देखकर मैं समझ गई कि यही वह बलात्कार का स्थान है जिसका नाम बदल दिया गया था और अंकित गेस्ट हाउस से लीला गेस्ट हाउस हो गया था पुलिस जांच में पहले एफ आर लग गई थी कि मामला झूठा है महिला को बलात्कार स्थल का ही पता नहीं है जब उसकी फोटो देखी तो पुलिस से कहा कि चलिए उस गेस्ट हाउस को देख कर आए। क्या वही जगह है । लेकिन पुलिस ने जाने से मना कर दिया कि महिला पुलिस आफिसर नहीं है अभी थाने में।  मैंने हार नहीं मानी । मदर्स डे का दिन था और साल 2022 पुलिस थाने गई और मैंने कहा मुझे अंकित गेस्ट हाउस देखना है । कोर्ट ने पुनः जांच के आर्डर किए थे पुलिस का फर्ज था कि वह मुझे अंकित गेस्ट हाउस ले जाती लेकिन उन्होंने किसी महिला इस्पेक्टर का थाने में ना होना कहकर मुझे दूसरे दिन आने को कहा दूसरे दिन भी बहाना बनाकर अंकित गेस्ट हाउस ले जाने से मना कर दिया। उस दिन मैं स्वयं अंकित गेस्ट हाउस आंटो करके गयी और मैंने वह कमरा देखा कमरा नंबर 1 था । जहां पर अक्टूबर 2015 में बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था । मैं वापस थाने आई कि मैं घटनास्थल को पहचान चुकी हूं लेकिन थाने से थाना इंचार्ज और केस ऑफिसर दोनों ही गायब थे । तब उच्च अधिकारी को इस बात की जानकारी दी ।  1 साल होने को आया था और किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया था इस बीच अंकित गेस्ट हाउस में बाहर से अपना लुक बदल लिया था लेकिन नेट पर पिक्चरें डाल रहा था । तो नेट से पता चला कि बाहर था उसका हुलिया बदल गया अंकित गेस्ट हाउस की बिल्डिंग को और सवार दिया गया है तब 1 दिन 2023 में पुलिस का एक पत्र मिला उसने मुझसे कहा गया की घटनास्थल की पहचान कराएं जो पुलिस का पत्र यह आया था तब मेरे पास मोबाइल नहीं था क्योंकि मोबाइल पर मार डालने की धमकियां थी तो मैंने सिम तोड़ दी थी और अपराधी यह चाहते थे कि मेरे पास संपर्क का कोई साधन ना हो इसमें मेरे घर में घुसकर मेरा टैब तोड़ दिया गया नया मोबाइल में नहीं खरीदा नहीं था और नई सिम नहीं गई थी लेकिन मेरा कर्तव्य था कि मैं उस जगह को जाऊंगा और घटनास्थल की पहचान कराओ वहां जाना खतरा मोल लेने जैसा था आक्रमण हो सकता था डर था मन में कोई भी कहीं से भी हमला कर सकता था पर मैं गई उस दिन उस दिन मुझे सुबह थाने में 11:00 बजे बुलाया गया था जब मैं 11:00 बजे गई तो मुझसे कहा गया यह सोचो साहब के घर में किसी की मौत हो गई है तो 2 घंटे आपको थाने में बैठना पड़ा थाने में बैठना नहीं चाहती थी इसीलिए मैं घर वापस आ गई और मैं बोलकर आई थाने में कि आपको जब भी जाना हो आप मुझे घर से लेकर जाएं दिन में बारिश शुरू हो गई 3:00 बजे तक बारिश होती रहेगी 4:00 बजे के आसपास महीना पुलिस ऑफिसर और एक पुलिस ऑफिसर मेरे घर आए यह सच है गाड़ी में है चलिए बलात्कार स्थल की पहचान करवाने के लिए शाम का वक्त था कुछ ही घंटों में अंधेरा हो जाता है मन में डर था पर मैं उसके पास था घटनास्थल का नक्शा बनाया जाना था पुलिस ऑफिसर ने घटनास्थल का नक्शा बनाया कुछ भी अच्छा नहीं था कुछ भी ठीक नहीं लग रहा था अंकित गेस्ट हाउस में घुसने पंखा बंद करने का आदेश था क्योंकि मैं जानती थी पंखा बंद होगा गले में रस्सी डाल के पंखे से लटका दिया जाएगा मैंने पंखा बंद नहीं करने दिया उसके बाद अंदर कमरा नंबर 1 दिखाया दोनों नंबर 1 में जाते हैं मुझे ऐसा लगा कि मुझे चक्कर आ जाएंगे और मैं उल्टी कर दूंगी मैं तुरंत बाहर आ गई मैंने सिर्फ यही का यही वह जगह है जहां बलात्कार की घटना हुई है और मैं अंकित गेस्ट हाउस के बाद खड़ी हो गई इसे मौका मुआयना किया और नक्शा बनाया रात होने को थी 2 घंटे से ज्यादा का समय हो गया था मैंने स्पेक्टर से कहा मैं अंधेरा होने से पहले घर वापस पहुंच जाना चाहती हूं स्पेक्टर ने कहा ठीक है नक्शा बना दिया गया और मुझे वापस अंदर बुलाया गया जब मैं सिम से ऊपर चढ़कर मां स्वागत कक्ष में खड़ी हुई तो मैंने देखा पंखे के ठीक नीचे टेबल लगा दिया गया था दरवाजे पर मोटे पर्दे लग गए थे और मुझसे कागज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया है की अंकित गेस्ट हाउस का नक्शा है इस पर हस्ताक्षर करें इस कागज पर घटनास्थल का कच्चा नक्शा बना हुआ था जबकि मेरे हस्ताक्षर पक्के घटनास्थल पर होने चाहिए थे उस कागज पर जिसमें फाइनल नक्शा बनाया गया था मेरे दिमाग में तुरंत काम किया नहीं कुछ है जो गलत है तब मैंने अपने हस्ताक्षर बदल दिया मेहंदी में हस्ताक्षर करती हूं और 1 दिन पूर्व उसे जो पत्र दिया गया था उसकी कॉपी पर मेरे हस्ताक्षर लिए गए थे जिसमें मैंने हिंदी में साइन किए थे अपनी जान बचाने के लिए मैंने हस्ताक्षर में परिवर्तन किया और अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए सबके चेहरे उचक्के से थे 1 दिन पहले लिए गए कागज के हस्ताक्षर हस्ताक्षर अंग्रेजी में 1 दिन पहले किए गए कागज पर मेरे हिंदी में हस्ताक्षर दिया मैंने दूसरे कागज पर भी अंग्रेजी में हस्ताक्षर मुसाफिर मुझे देख रहे थे फिर अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए हैं तब उन्होंने मुझे एक तीसरा कागज दिया एक फोन बनती है कि आपने आपका रिश्ता की पहचान की है तब मैंने फिर अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए और मैं गाड़ी में बैठकर थाने आ गए या फिर मुझे एक कागज दिया गया और मुझसे करवाएंगे मेरी पहचान सुनिश्चित की जा रही थी कि मैं हिंदी में हस्ताक्षर करें मैंने वहां से जाने की बात कही थाना इंचार्ज ने कहा हम आपको गाड़ी से घर भिजवा देते हैं पुलिस की गाड़ी में जब मैं बैठी हूं तो प्लीज की गाड़ी की सीट कुछ इस तरीके से थी कि अगर मैं बीच में बैठती तो उसमें 10 से ज्यादा यानी मैं आसानी से उठ नहीं पाती मैं मैं बैठी जरूर सीट पर पर मेरी टांगों में दर्द हो गया क्योंकि मैं एक किनारे पर बैठी बीच में नहीं बैठे अब किनारे की सीट ज्यादा उठी हुई थी जैसे मेरे पैर मुझे 20 जीके तल पर नहीं टच कर रहे थे घर तक पहुंचने में मेरे पैरों में दर्द हो गया जब पुलिस जीप मुझे घर छोड़ने आ रही थी तुम मुझे एक निश्चित स्थान पर छोड़ना चाहते थे पर मैंने निश्चित स्थान से पहले ही गाड़ी रुकवा दिया और कहा कि मेरा घर उस गली से नहीं इस गली से ज्यादा नजदीक है मुझे यही उतारे उन्हें ना चाह कर भी गाड़ी रोकनी पड़ी मुझे पता था उस निश्चित स्थान पर कोई ना कोई मुझ पर वार करने के लिए तैयार खड़ा होगा ,मैं एक अलग रास्ते से अपने घर तक आ गई और उस दिन मैंने अपना फर्ज अदा किया।  घटनास्थल का मुआयना करवाया पुलिस को।  कुछ दिनों बाद मदर्स डे 2023 आ गया मैं न खुश थी ना उदास थी बस में संतुष्ट थी कि मैंने अपना कर्तव्य पूरा किया ।अपराध हुआ है तो अपराध के साक्ष्य देने का कर्तव्य पूरा करना बलात्कार पीड़िता का होता है जो मैंने किया । मैं मां हूं तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं मेरी बेटी के लिए एक सुरक्षित जहां छोड़ू जहां पर बलात्कारियों की कोई जगह नहीं होगी। मैं नहीं जानती कि आज की युवा पीढ़ी की परवरिश किस तरह की जा रही है कि वह औरत को सम्मान देना ही नहीं चाहते। मैं आसपास देखती हूं बचपन से लड़कों को सिखाया जा रहा है कि लड़कियों को दबोच कर रखना हैं घर में। भाई है तो बहन को खेलने नहीं जाने देगा कि बाहर माहौल ठीक नहीं लेकिन वही भाई पार्क में घंटों खेलता रहता है। लड़की से बचपन से आशा की जाती है कि वह घर में रहेगी बाहर नहीं जाए। युवाओं को महिलाओं की रैकी में काम लिया जा रहा है ।  युवाओं को मां समान महिलाओं का समान करना चाहिए पर मां समान महिलाओं की रैकी करते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए उनके पीछे रस्सी,चाकू, डंडे लेकर चलते हैं कि हम इस महिला को खत्म कर देंगे इस महिला ने बलात्कार की शिकायत की है पुलिस में और यह न्याय मांगने न्यायालय तक पहुंच गई। पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को उठना होगा अपने बच्चों की परवरिश पर ध्यान देना होगा वक्त से पहले घर से बाहर पढ़ने नहीं भेजता जब तक यह बात नहीं समझ जाते कि महिला किसी की घर की सम्मानीय है और उसको सम्मान मिलना चाहिए

©Babita Wadhwani
  #बलात्कार 
बलात्कार स्थल की पहचान

#बलात्कार बलात्कार स्थल की पहचान #ज़िन्दगी

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Parasram Arora

हा     देखा है मैने
नाव  मे  बैठ  कर 
आगे बहती नदी को 
औऱ  पीछे   छुट ती  नदी को 
कितना  सुंदर  अनुभव  है 
इसका आरम्भ  कहीं  तो होगा  निश्चित  ही 
इसका  अंत भी  होगा  आगे  कहीं 
किन्तु  आरम्भ  नदी  नहीं  है  
औऱ  अंत भी  नदी नहीं है 
नदी तो वह है  जो इनके मध्य मे  बहती है नदी  का   मध्य  ही  नदी है

नदी का मध्य ही नदी है

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Ajay Chaurasiya

एक किनारे बैठा मै,
नदी के एक किनारे तू,
तुझे पानी में मैं दिखता हुआ,
मुझे पानी में दिखती हुई तू....

                            -अजय चौरसिया नदी का किनारा

नदी का किनारा

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