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Vimal ji
प्लास्टिक ने हमारे जीवन को खतरे में डाल दिया है इसका असर सभी जीव जंतुओं पर पड़ा है प्लास्टिक एक ऐसा मैटेरियल है जो कई सालों तक ऐसा ही पड़ा रहता है यह सड़ता गलता नहीं है आज के समय हर वस्तु प्लास्टिक की है जैसे- बर्तन, फर्नीचर पॉलिथीन बैग प्लास्टिक के उपयोग के कारण इसका कुछ अंश सभी जीव जंतुओं के शरीर में चला जाता है जो कि बहुत ही हानिकारक होता है पुराने समय में ऐसा नहीं था पहले मिट्टी के बर्तन तथा पेड़ों के पत्तों का उपयोग किया जाता था जो कि तुरंत मिट्टी में मिल जाता था अतः हमें अपना तथा पर्यावरण को स्वस्थ रखना है तो अभी से प्लास्टिक को ना कहना होगा आइए हम सब मिलकर प्रण करते हैं प्लास्टिक का इस्तेमाल अब नहीं करेंगे ©Vimal प्लास्टिक के खतरे #Noplastic
vikas agrawal
In logo ne chal kapat ke alawa kiya kya hai? है साले तेरे। जीजा हम। तुम्हारी बहना करें हमको तंग। कभी शॉपिंग कराओ। कभी पिक्चर दिखाओ। कभी होटल में खिलाओ। इन बातों से करें हम से जंग।। ©vikash Agarwal नखरे बीवी के तौबा। खतरे बीवी के ,,,, #SaurabhShuklaBirthday
Ek villain
बीते दिनों में लेश्या में 1 दिन में महीने भर कितनी बारिश हुई है उसके बाद बाहर से पूरी तरह से दवाई मच गई है तुर्की से खबर आई है कि वह तूफान और बारिश ने तबाही मचा दी अमेरिका के कैलिफोर्निया का उदाहरण भी डरने वाला है जहां कब भीषण गर्मी कब तूफान और कब बारिश से जूझना पड़ जाए पता ही नहीं चलता दुनिया में तेजी से बढ़ते जलवायु परिवर्तन के ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जो बड़ी चिंता का विषय है भारत से संबंधित एक या हालांकि रिपोर्ट ने भी विशेषज्ञों को परेशानी में डाल दिया यूनिवर्सिटी आफ लीड्स यूके के अनुसार अन्य देशों की तुलना में हिमालय की गली सिर पिछले कुछ दशकों में 10 ज्यादा गुना तेजी से पिघल रहे हैं इससे भारत समेत कई एशियाई देशों में पानी की कमी और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है सबको पता है कि यह सब ग्लोबल वार्निंग की दुष्परिणाम है ग्रीस में इस साल गर्मी में जंगलों में आग लगने के हजारों मामले सामने आए तुर्की स्पेन और इटैलियन में भी आकर भीषण घटनाएं लगातार बढ़ी है आशंका यही है कि जलवायु परिवर्तन के कारण जंगलों में आग लगने की घटनाएं बहुत सामान्य हो जाएंगी जलवायु परिवर्तन की समस्या के लिए मुख्य रूप से मनुष्य ही जिम्मेदार है इस बीच डरने वाली बात यह है कि ग्लोमिन गोली के चलते विश्व में 19वीं सदी के मुकाबले तापमान 1 2% बढ़ गया है इस दौरान वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 50% बढ़ गई है यह जलवायु परिवर्तन के बहुत बड़े कारण माने जा रहे हैं हमारा खान-पान और खेती का तरीका भी तमाम तरह के प्रदूषण का कारण बनता है वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जलवायु परिवर्तन नहीं दिया गया तो भयंकर परिणाम होंगे गुलों में रंग की सदी में 1 डिग्री सेल्सियस रखना होगा कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है उससे इस सदी के अंत तक तापमान किधर 2 पॉइंट 4 डिग्री से ज्यादा पहुंच जाएगी यदि समय रहते उपाय नहीं किया गया तो वार्निंग 4 डिग्री की दर बढ़ा जाएगी और उसके महाविनाश समान होंगे यह बड़ी संख्या में गले सर पे करना समुद्री नदियों के पानी का स्तर बढ़ना बाढ़ का प्रकोप बढ़ना हरियाली खत्म हो जाएगी ©Ek villain # खतरे के दौर से गुजरती दुनिया #sagarkinare
Ek villain
इन दिनों दिल्ली उच्च न्यायालय की एक पीठ में भारतीय दंड संहिता आईपीसी में पतियों को दुष्कर्म के आरोप से अपवाद स्वरूप प्रदान की जाने वाली छोटी पर जोरदार बहस हो रही है भारत में दुष्कर्म के अपराध को परिभाषित करने वाली आईपीएस की धारा 375 में नहीं अपवाद कहता है कि अपनी पत्नी के साथ पुरुष द्वारा किया जाने वाला संभोग पत्नी की उम्र 15 वर्ष से अधिक होने की दिशा में दुष्कर्म नहीं माना जाएगा इसी वफादार आरती फाउंडेशन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेन एसोसिएशन और दो व्यक्तियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है दूसरी ओर दिल्ली सरकार हृदय फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संस्था और मेन वेलफेयर ट्रस्ट के अंत में पानी तथा तृतीय इस उपवास को खत्म करने का विरोध कर रहे हैं भारत में पति और पत्नी के बयान यौन संबंधों को दुष्कर्म के दरिया में लाए जाने पर सबसे ज्यादा जताई जा रही है चिंताओं में से एक यह है कि दुर्भावना रखने वाली पतियों द्वारा अपने पतियों और उनके परिवार को परेशान करने के लिए दुष्कर्म के झूठे आरोप लगाए जा सकते हैं हालांकि यह एक जायज चिंता है लेकिन याचिकाकर्ताओं और यहां तक की पीठ ने भी इसे कहते हुए दबाने की कोशिश किया कि हर कानून का दुरुपयोग किया जा सकता है लेकिन यह कानून नहीं लाने का आधार नहीं हो सकता यह तर्क दिखाने में तो जायजा लगता है कि लेकिन अगर हम वास्तविक में प्रत्येक नागरिक के समान अधिकारों के बारे में चिंतित है तो एक नया कानून लाते समय जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता ©Ek villain #वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप के खतरे #friends
V-Kas Nakwal
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है मौत कल आये या आज आ जाए डरता कौन है। राह में खतरे
Mohan Sardarshahari
लहरों को जब मिलते हैं किनारे दोनों मिलकर संगीत उचारें देख स्वरूप अपने साहिल के लहर वापस समुद्र सिधारे रूक जाती यदि लहर भी दोनों का जिक्र ही पड़ता खतरे।। ©Mohan Sardarshahari जिक्र पड़ता खतरे
Ek villain
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ऑफ अर्थ के अध्ययन में कहा गया कि भारत नेपाल भूटान और चीन में तकरीबन 650 से ज्यादा ग्लेशियर ग्लोबल वार्निंग के चलते लगातार बिगड़ रहे वर्ष 1975 से 2000 के बीच जो के लिए सर हर साल 10 इंच की दर से पकड़ रहे थे वह वर्ष 2000 से हर साल 20 इंच की दर से पिघलने लगे हैं इसलिए हिमालय क्षेत्र के व्यापक अध्ययन के साथ यह प्रकट की गतिविधियों को नियंत्रित किया जाना बेहद जरूरी है दुष्परिणाम होंगे के पीछे जलवायु परिवर्तन कारण है संवेदनशील इलाके में बढ़ती गतिविधियों भी इसके लिए जिम्मेदार है जम्मू कश्मीर लद्दाख के कई इलाके में 12000 के करीब ग्लेशियर है इसके लिए सिर्फ क्षेत्र में 2000 के करीब हिमनदी जिलों का निर्माण करती है इसमें 200 जिलों में पानी बढ़ने से उनके फटने की आशंका है जिस लाया नहीं जा सकता यदि ऐसा हुआ तो उत्तराखंड जैसी राशि के सपनों को नकार नहीं किया जा सकता इन गोला झील का एक बड़ा इलाका भारतीय क्षेत्र में आता है चिंतनीय बात यह है कि यह इलाका भूकंप की दृष्टि से बहुत अति संवेदनशील है जाहिर है कि खेतों में पानी पड़ेगा उसमें सीमा से अधिक पानी होने से वह किनारों को तोड़कर बाहर निकलेगा दूसरे शब्दों में उस दिशा में पानी से आसपास के गांवों कस्बों में पड़ जाएगा यानी उनको तबाही का सामान करना पड़ेगा और उस दिशा में सब कुछ बर्बाद हो जाएगा ©Ek villain #ग्लेशियर पर करने के खतरे से ना करें अनदेखी #Nofear
Zoga Bhagsariya
आज हिन्दू से ,मुसलमान खतरे में है , अरे,_इंसान से इंसान खतरे में है । तीर से _कमान, खतरे में है । भगवान से भगवान खतरे में है । , मानो, खुसड़ ,बुड़ों से जवान खतरे में है। घर के मालिक से मकान खतरे में है । आज "शहीदों"की आन खतरे में है । उनकी शान खतरे में है । देश लिए मरने वालों की पहचान खतरे में है । जागो "ए"लोगो , आज ,देश का संविधान खतरे में है। KAFIR ZOGA GULAM आज हिन्दू से ,मुसलमान खतरे में है , अरे,_इंसान से इंसान खतरे में है । तीर से _कमान, खतरे में है । भगवान से भगवान खतरे में है । , मानो,