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Pankaj Singh Chawla
शाम दे धुंधलके विच इक धुंधली जेहि तस्वीर नज़र आई, वेख्या जदो मैं आंख ते जोर पा के, मैंनु मेरी ही तस्वीर नज़र आई, रह दंग मैं पुछ्या तू कौन है मेरे भाई, सामने तो आवाज़ आई, मैं तेरी अंतरात्मा आ तेनु सही राह विखाण आई, तेरे मन दी मेल मिटान आई, तू आजकल केड़े राह चलया जा रिहा मेरे भाई, वक़्त रहंदे सम्भल जा तेनु आगाह करन मैं आई, कर बंदगी उस खुदा दी उसतो डर, इह कलयुग है इसदा लेखा-जोखा इथे है, निकल बहार इस ज़िन्दगी दे धुंधलके चो, अपने आप नु पहचान, मैं मुड़ नही आउना, कल असी सारे इस जग तो तुर जौना।। ਸ਼ਾਮ ਦੇ ਧੁੰਧਲਕੇ 'ਚ शाम दे धुंधलके 'च #ਸ਼ਾਮ #collab #pchawla16 #punjabi #तस्वीर #yqbhaji #YourQuoteAndMine
Divyanshu Pathak
खाली खाली दिल है मेरा और बड़ी तन्हाई है यादें बनकर रात अंधेरी अब आंगन में छाई है ! पुरवाई चलने से देखो छुपी कसक भी जाग गई सूनी सूनी आंखों में अब मेरी बस रुसवाई है ! 🌺💕#शुभरात्री💕🙏 : हाथ तेरा थामकर मैं घूमता पूरा शहर तपती सुबह के साथ तेरे झूमता था दोपहर ! वक्त सरपट दौड़ता था हम कभी मिलते थे जब तेरे बिन जा
Abhijeet Yadav
ये शहर जिसकी आबादी मुठ्ठी भर बेजान से लोग है, खड़ा है ठूंठा कंक्रीट के जंगल सा , घर से निकला था मैं इक नई सहर के लिए, पर गुम हो चला हूं किसी धुंधलके शाम में, अब इस शहर की आबोहवा मेरे अंदर किसी जहर कि तरह घुल चुकी है, हर तरफ बस लाचार जत्त्थों का जमावड़ा है, हर रोज थक हार कर चला आता हूं मैं, फिर से इस शहर की मांद में, इसी झांसे में कि, शायद मुक्कमल हो जाए कभी ये अंतहीन तलाश! #gif ये शहर जिसकी आबादी मुठ्ठी भर बेजान से लोग है, खड़ा है ठूंठा कंक्रीट के जंगल सा , घर से निकला था मैं इक नई सहर के लिए, पर गुम हो चला हूं किस
Shafri
फिर हम क्यों हैं इतने दूर -शफरी अनुशीर्षक में पढ़ें कहीं धुंधलके और रात के बीच जब सूरज दूधिया आकाश में पिघल जाता है, और सितारों का जन्म एक-एक करके होता है , जबकि चंद्रमा धीरे-धीरे अंधेरे फुन
Anamika Nautiyal
अनु शीर्षक में पढ़ें होली का दिन था पूरे मोहल्ले में चहल-पहल थी । हां कोई खामोश था तो वह थी लाजवंती वह अपनी ही किसी दुनिया में खोई थी ।और वह दुनिया थी उसके अतीत
A NEW DAWN
दंश (In Caption) Part - I Ch - 16 Finale झींगुर की आवाज़ के बीच नीम की पत्तियों की उस झुरमुट निकल कर हवा ने खिड़की के पल्लों पर दस्तक दी तो जैसे यादों का ज्वार वापस समय के उस काले स
Rabiya Nizam
दंश (In Caption) Part - I Ch - 16 Finale झींगुर की आवाज़ के बीच नीम की पत्तियों की उस झुरमुट निकल कर हवा ने खिड़की के पल्लों पर दस्तक दी तो जैसे यादों का ज्वार वापस समय के उस काले स
Anamika Nautiyal
तीसरे दिन की रचना टीम कैप्टन अनामिका नौटियाल टीम सदस्य:- 1 कमला रावत जी 2 रोशनी रावत जी 3 नैनी जी 4 भाग्य श्री बैरागी जी 5 संदीप डबराल सैंडी जी (अनु शीर्षक में पढ़ें) Dedicating a #testimonial to कोरा काग़ज़ ™️ team 24 रंगीला हिंदुस्तान का आज का विषय नशा नहीं नाश था जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा एक कहानी
Anamika Nautiyal
टीम रंगीला हिंदुस्तान की अंतिम दिन की रचना अनु शीर्षक में पढ़ें Dedicating a #testimonial to कोरा काग़ज़ ™️ टीम 24- रंगीला हिंदुस्तान team captain -Anamika Nautiyal Team captain :- Anamika Nautiyal