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vikas agrawal
सितारा_(तारा) आकाशगंगा का वह सदस्य जो अपनी रोशनी के लिए पहचाना जाता है उनकी एक और विशेषता होती है यह हमेशा एक साथ रहते हैं हम समूह का जीवन एक सितारे की तरह होना चाहिए। जो अपने चमक से भटकते राही को, राह दिखाते हैं।। ©vikash Agarwal तारे तारे कितने नील गगन में तारे।। #WForWriters
AK Singh
हर वक़्त हर पल कहते कुछ खास ये तारे हँसी आँसू द्वेष के मिश्रण का आभास ये तारे। पल पल की अपनी हरकतो पर गौर कर जरा वर्तमान में ही तेरे कर्मो का इतिहास ये तारे। पढ़ ले मन भरकर चाहे जितना ग़ालिब या प्रेमचंद तु कर्मरूपी कलम से ही लिखेंगे कोई उपन्यास ये तारे। हो जाये जब भी कोई भुल किसी से, कोई अपनाये और किसी को लगे की है कितने बकवास ये तारे । जब जन्म से ही जुड़ी तू इन रहस्यों से अश्लेषा है तुझी पर निर्भर की है साथी या है तेरे दास ये तारे । तारे!! #stars #तारे #कर्म #nojoto
Vijay Milind
बाते ही बाते है जमाने मे और कुछ नही। नफरते ही नफरते है जमाने मे और कुछ नही। कितना भी चाह लो किसी को। ताने ही ताने है जमाने मे कुछ नही। ©Vijay Milind #ताने
जतिन पाठक
जुगनू और तारें इस दौरान मेरा बस तुमसे ही नाता है इसी उम्मीद-ए-पुख्तगी के साथ कि है मेरा भी कोई जो मुझे भी निहारता है दूर कहीं इस नील क्षितिज को पार करके इसलिए मैं भी निहारता हूँ तुम्हे सारी रात तुम कह दो तो बता दूँ सबको मेरा तारो से रिश्ता है । #तारे
S ANSHUL'यायावर'
झील मिल झील मिल करते तारे, है अम्बर पर छितरे तारे। नीचे धरती ऊपर आसमां दोनों को है भरते तारे। अंधेरी स्याह रात में, रोशनी है फैलाते तारे। सर्द हवाओं के जिस्म में, जैसे कोई लिहाफ तारे। नक्षत्रों की किताब तारे, सारे खगोल की जान तारे। जब भी निहारू इन्हे, लगते है अद्भुत सारे। जब भी चांद आता आसमान में, साथ में है आते तारे। जैसे गीत सौहार्द का, गाते हो सारे तारे। बड़े अनुपम बड़े निराले, लगते है मुझको तारे। #तारे
Divya Devendra Singh
वो तारों वाली रात मिले तो पता मेरा भी देदेना कई रोज़ हुए तारों को कागज़ पर लिखते हुए। तारे
Amjad✍️
हमको हमारे अपने यूँ बेवजह ताने मारते रह गए, हम रहकर खामोश उन्हें रब के हवाले करते चले गए. writer's by heart✍🏻 amjad ताने !!!
Champa Rautela
तारे कितने सारे, कितना कठिन होता होगा, तारो का भीड़ संग आसमा होगा, ढूंढ़ते होंगे अपने चेहरे को, भीड़ को देख हर चेहरा एक लगता होगा, फिर कोई निशानी लफ्जो की जुबानी, पहचान से अलग हो गए कुछ अपने भीड़ के संग हो गए, यूं तारो को अपने आसमा में लाना, हो सके खुलकर बात तारो को यह समझाना है, कह रहे थे तारे कुछ खफा है, जानना चाहा कारण जाने क्या वज़ह है, आजकल बात करना छोड़ दिया, तारो ने ख़ुदको अकेला कर दिया, #तारे
Rupam Rajbhar
चल बैठ कर चांद पर शायरी लिखते है, दर्द तारो को बनाएं और हर चोट को उसकी चमक। - रूपम राजभर #तारे