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Divyanshu Pathak
इससे पहले कि लौट आए वो दौर नब्बे के दशक का। बिजली बीत जाए पूरी या पानी ख़त्म हो चशक़ का। सरकार कर न पाए कोयले की व्यवस्था कहीं से भी! तो फिर काम आएगा वही सब पुराना ढर्रा मशक़ का। बिजली बचाओ पानी बचाओ सबको पढ़ाओ याद है! अग़र नहीं तो उतरने वाला है भूत ज़ल्द ही ठसक का। इससे पहले कि उद्योग क्षेत्रों की बिजली भी अघोषित कटौती के भेंट चढ़ जाए। कोई ऐसा तरीक़ा इज़ाद हो जिससे बिजली उत्पादन बढ़ जाये।...😊 #इससेपहले #col
Amjad Hussain
Priyanjali
हाँ..................................... मैं मुसीबत हूँ........................!!!!!! बचपन से लेकर आजतक............... सबके लिए मुसीबत ही तो हूँ.......!! जन्म हुआ तो............... माँ के लिए मुसीबत बन गई.......... जन्म लेते ही जो माँ को निगल गई.......... माँ का चेहरा कभी देखा नहीं.......... मुझे संभालना बाबुजी के लिए............. मुसीबत हो गई...........!!! मैं अभागन, मैं कलुषित हूँ, हाँ................मैं मुसीबत हूँ...............!!!!!! बेटे की चाह थी सबको........... बेटी पैदा हो गई.................... यूँ तो बेटी लक्ष्मी का रूप होती है.......... शायद मैं अलक्ष्मी बन कर आ गई.......... सिनेमा.... टीवी.....विज्ञापनों से जाना है........ गोरा रंग ही............... सुंदरता का प्रतीक है आजके समाज में........ मैं माँ काली समः,,,.............. काली हूँ.............. बदसूरत हूँ........... हाँ................मैं मुसीबत हूँ................!!!!!! लोगों के तानों के डर से................ घर की चौखट के अंदर ही रही.......... कभी बाहर कदम न रक्खा.......... कभी घर की दहलीज न लांघी......... फिर........... जब............. घर की दहलीज़ लांघकर................ खुले आसमाँ में पँख फैलाकर.......... उड़ने की खातिर जो पँख फैलाई....... भईया के लिए मुसीबत बन गई.......... उनके लिए इज्जत नहीं मैं रोज़ की फज़ीहत हूँ............ हाँ....................मैं मुसीबत हूँ...................!!!!!! जीवनसाथी का हाथ थामकर............ संग चली दुनिया देखन की चाह लेकर.......... जो अभीतक थी घर के अंदर.............. पहली दफ़ा निकली बाहर.................. लोगों की ओछी नज़रें घेरे मुझे............. रँग रूप पे...................... करते टिप्पणियाँ................ देते ताने................. शायद.................. परिणामस्वरूप न ले जाएं वो संग अपने........ मैं वही परिणाम अघोषित हूँ....................... हाँ........................मैं मुसीबत हूँ....................!!! बच्चे भी करते अवहेलना.................. यार दोस्तों की माँओं से करते तुलना........ न रँग रूप, न सजना-संवरना.................... माथे पे घूँघट, सिंदूर, काज़ल ही कामना...... अंग्रेजी अक्षरों का कम ज्ञान होना............ शुद्ध हिन्दी सुन शिक्षकों चक्कर आना.......... PTM न अंग्रेजी बोल पाना................ मैं विलुप्तप्राय प्राणी सी.............. इस ज़माने संग चलने में असमर्थ हूँ......... हाँ....................मैं मुसीबत हूँ...........................!!!!! ©Priyanjali हाँ..............मैं मुसीबत हूँ..............!!!!!! बचपन से लेकर आजतक सबके लिए मुसीबत ही तो हूँ.......!! जन्म हुआ तो............... माँ के
दि कु पां
कृपाया अनुशीर्षक में पढ़े.. आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण है.. जिम्मेदारियों के अहसास में, कर्त्तव्यों के बोध में, उदर क्षुधा को शांत करने के प्रयास में, मृत्यु रथ में घोड़े की तरह जुता, जिंदगी की अंधेर
Anupama Jha
यादें बस यादें रह जाती हैं (कैप्शन में कैद कुछ यादें) #स्कूल#शिक्षक#टीचर #yqdidi कहाँ से शुरू करूँ समझ नही आ रहा ।हर लम्हे की अपनी कहानी जो उस वक़्त एहसास भी नहीं होता था। दृश्य क्लास रूम का ----
Anamika Nautiyal
बूढ़ी कविता... थोड़ा लिख कर फिर डब्बे में बंद कर किसी कोठरी में रख दी जाती है कविता जैसे ब्याह में पहनी हुई साड़ी। उसे बंधन पसंद नहीं वो अकुलाती है वो
Anil Malviya
anil Malviya ©Anil Malviya ड्रैगन गेम उपन्यास पाठकों के लिए एक नया विषय है और एक नई सोच है , लेखक ने अपने 15 वर्षों के अनुभव को इस उपन्यास के रूप में संजोया है । ऐ
आयुष पंचोली
समझ नही पाया मैं कभी क्या हैं यह चुनाव का खेल, जनता चुनती हैं नेता अपना या करती हैं, अपने ही हाथों अपने भविष्य से खेल। "आयुष पंचोली" ©ayush_tanharaahi #NojotoQuote समझ नही पाया मैं कभी क्या हैं यह चुनाव का खेल, जनता चुनती हैं नेता अपना या करती हैं, अपने ही हाथों अपने भविष्य से खेल। बहुत से नियम होते है
Agrawal Vinay Vinayak
रामायण रिटर्न्स [Read Captain 👇👇] #रामायण रिटर्न्स ______________________________________ #ram #yqbaba #yqvinayvinayak #yqdidi आजकल तमाम प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर, जन
Agrawal Vinay Vinayak
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी Read Captain 👇👇 एक सूक्ष्म से परजीवी ने आपको घुटनो पर ला दिया ? न एटम बम काम आ रहे न पेट्रो रिफाइनारी ? आपका सारा विकास एक छोटे से जीवाणु से सामना नहीं कर प