Find the Latest Status about चंद्रघंटा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चंद्रघंटा.
Mumbaikar_diary
बहुत पहले पुर्ण चंद्रमा से शोभित है देवी चंद्रघण्टा माता, इनके सुमिरन निर्बल भी सबल शत्रु पर जय पाता। ©Priya dubey #चंद्रघंटामां
Bhairav
shraddhaabhaktee90@gmail.com 🌸 जय माता दी. 🌸 🌙 चंद्रघंटा🌙 🚩 नवरात्र का तीसरा दिन 🚩 🔯 ऐंम श्रीं शक्तियै नमः* 🔯 माता चंद्रघंटा मणिपुर चक्र में इनका ध्यान किया जाता है, कष्टो से मुक्ति तथा मोक्ष प्राप्ति के लिये इन्हें भजा जाता है.. 📿 ॐ ऐंम ह्रीं क्लीम चंद्रघंटायै नमः📿 💐🤝🏻💐 राधे-राधे shraddhaabhaktee90@gmail.com #चंद्रघंटा
Mamta kumari
नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा स्वरूप का पूजा किया जाता है। मां युद्ध मुद्रा में सिंह पर विराजमान हैं। इनके माथे पर घंटा के आकार में अर्द्ध चंद्र विराजमान है। इसी वजह से इन्हें चंद्र घंटा नाम से विख्यात है। मां को इस दिन मखाने की खीर का भोग लगाया जाता है। इस दिन नारंगी रंग का वस्त्र पहना बहुत शुभ माना जाता है। मां चंद्रघंटा आपको और आपके परिवार को सुरक्षित रखे । सुख समृद्धि प्रदान करे। जय मां चंद्रघंटा। ©Mamta kumari #navratriमां चंद्रघंटा।
Azaad Pooran Singh Rajawat
🙏शेर की है सवारी🙏 भय मुक्त करती हमको🙏 मां जगदंबे चंद्रघंटा हमारी🙏 आत्मविश्वास बढ़ाती मां🙏 शरण में अपनी लेकर🙏 शक्ति देती हमको मां 🙏 शत्रु सारे पस्त होते🙏 सुख समृद्धि से भरती मां 🙏 झोली हमारी🙏 🙏 तृतीय नवरात्रि की🙏 आप सभी को आजाद ❤️शुभकामनाएं🙏🙏 ©Azaad Pooran Singh Rajawat #navratri #जय मां चंद्रघंटा#
Santosh Malviya(kavi prerak)
#जय हो माँ चंद्रघंटा#प्रेरक
koko_ki_shayri
"माँ चंद्रघंटा" रूप माँ का अनोखा, दाम्पत्य जीवन सुखमय! दर्शन करें जो मेरी का, शत्रु भी बिगाड़ ना पाये उसका!! ©koko_ki_shayri # माँ चंद्रघंटा......🙏🙏🙏
koko_ki_shayri
शक्ति का रूप तीसरा माँ चंद्रघंटा, बजता तीनों लोक में डंका!! डरे दुष्ट माँ से लोक में, विनती करूँ मैं हाथ जोड़कर!! ©koko_ki_shayri #navratri ( चंद्रघंटा)....🙏🙏🙏
Shravan Goud
ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।। या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। 🌹🌹🙏🙏 आभार: विकीपीडिया ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।। या देवी सर्वभू