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Ghumnam Gautam
कुछ न कह पाने की पीर से प्यार है आँखों में नीर है, नीर से प्यार है मर्म-थल वेधकर जिसने घायल किया मस्त नज़रों के उस तीर प्यार है ©Ghumnam Gautam #पीर #तीर #मस्त #घायल #मर्म #नीर #ghumnamgautam
Pushpendra Pankaj
मत जीना जीवन डर-डर कर , कुछ कर दिखला आगे बढ़कर, तेज है बरखा,तड़-तड़-तड, जोश में आँधी ,सर-सर-सर, तूफान से क्या डरना यारो , तूफान तो आने-जाने हैं, करना प्रहार बस साहस से, छीन ले हक को लड़-लड़ कर ।। पुष्पेन्द्र पंकज ©Pushpendra Pankaj कलम के तीर
Shahid Multani
नज़रों के तीर चलाकर वो पूछते हैं हाल दिल का तुम्हारे बताओ सनम ©Shahid Multani नज़रों के तीर
VeRbAl ThInKeR
यूं इशारे कर मेरा वक्त, जाया ना कर महोत्रमा, तुझे फलक तक इश्क हैं, ये कह भी दे !! ©VeRbAl ThInKeR नैनों के तीर
Vickram
WATER please keep the ponds around you clean पानी और जिंदगी का सफर भी एक सा था,, पर पानी तो हमेशा ही काम आया जिंदगी के, कभी जिंदगी बना पानी तो कभी आंसू भी,, तेरे हर काम में अक्सर पानी ही काम आया,, ये शामिल रहा हमेशा खून और पसीने में,, तेरी जिंदगी की हर जरूरत में काम आया,, ये बहता ही रहा जिंदगी के लिए अक्सर,,, इंसान तो खुद के लिए भी कहां जी पाया,, water,, ©Vickram क्रिप्या अपने आस पास के तालाबों को साफ रखें
Rudra ashwani arya
----------+---------- ये प्रभात लालिमा की होती जो खिला देती मियान का समसीर फिर ये संध्या ले आती इस ह्रदय के पीर का नीर -----------+---------- ये उत्साह खुशी की होती जो बदल देती माथे का तकदीर फिर ये मायूसी ले आती इस ह्रदय के पीर का नीर ------------+------------ ये पंखुड़ी गुलाब की होती जो मेहका देती मनुष्य का शरीर फिर ये पतझड़ ले आती इस ह्रदय के पीर का नीर ---------+--------- ये संयोग प्रेम की होती जो मिला देती भावनाओं का तीर फिर ये वियोग ले आती इस ह्रदय के पीर का नीर ------+------+------ ❤️ इस ह्रदय के पीर का नीर 😭
Ali Raza
तेरे नज़रों के तीर इतने शातिर है, की पता ही नही चलता किस के खातिर हैं। ©Ali Raza तेरे नज़रों के तीर
Ayush kumar gautam
लफ्जों के तीर ही तो हैं तुझपर कोई न्यूक्लियर मिसाइल थोडी़ छोडे़ हैं इतनी पसीना क्यूं टपक रहा है जालिम तेरे माथे से केवल से जलील ही किया है जिल्लत भरे अल्फाजों से कोई हाथ पैर थोडी़ तोडे़ हैं मजलूमों का खून चूसने वाला वहशी दरिंदा है तू तेरे जैसे कीडे़ मकौडो़ं का खून तो हम बस यूं लफ्जों से निचोडे़ हैं आयुष कुमार गौतम लफ्जों के तीर हैं............
Naushad Ali
तेरे नज़रों के तीर इतने शातिर है, की पता ही नही चलता किस के खातिर हैं। ©Naushad Ali तेरे नज़रों के तीर