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Anshdeep
भर लो खून में देशप्रेम,हुआ कुछ ऐसा था बेवजह ले ली जान,वो अंग्रेज दानव जैसा था तोड़ दो चुप्पी को,अंदर की ज्वाला भड़कने दो कर्मो का फल है जनाब,आज अंग्रेजो को तड़फने दो --ND कुंडू इंकलाब जिंदाबाद
Aman sharma
चाहे माथे पर लिख वा लो हिन्दू,या गले पर लिख वा लो मुस्लमान। पर सीने पर होना चाहिए हम सब के हिन्दूस्तान । इंकलाब जिंदाबाद
anuragbauddh
।.वे बोले दरबार सजाओ.। ।.वे बोले जयकार लगाओ.। ।.वे बोले हम जितना बोले, तुम केवल उतना दोहराव.। ।.वाणी पर इतना अंकुश कैसे सहते.। । हम इंकलाबी चुप कैसे रहते.। इंकलाब जिंदाबाद
Sohan kumar Ramala
दुशमनो की गोलियो का हम समान करेगे हम आजाद है आजाद ही रहेगे इंकलाब जिंदाबाद इंकलाब जिंदाबाद
सत्यमेव जयते
26 jan republic day भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े हुए उर्दू शायर मौलाना हसरत मोहानी ने साल 1921 में "इंकलाब जिंदाबाद" का नारा दिया था. जिसका मकसद था लोगों में चेतना पैदा करना जिससे वो सरकार के द्वारा हो रहे जुल्मों के खिलाफ लड़ सकें. इस नारे के मायने भगत सिंह और उनके साथियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे. इसी वजह से भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने दिल्ली की असेंबली में 8 अप्रेल 1929 को बम फोड़ते और पर्चें फेंकते हुए जोर-जोर से इस नारे को अपनी बुलंद आवाज से लोकप्रिय बनाया. ©Kumar Vinod "इंकलाब जिंदाबाद"