Nojoto: Largest Storytelling Platform

New बोला क्या Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about बोला क्या from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बोला क्या.

    PopularLatestVideo

bkhari mohan

दोस्तों मैंने सही बोला क्या ? कमेन्ट करके अवश्य बताएं

read more
mute video

koushik lenka

हाॅं में थक चुका हुं और ये भी सच है तुम भी थकि हो.... क्यूं कि तुमने भी तो वादा किया था मेरे साथ चलने का... मेरे परछाई बनने का... क्यूं झुठ #hindipoetry #hindishayari #yqdidi #yqhindi

read more
दील टूट ता है...
मगर हम टकरा ग‌ए
एक दुसरे से,
लेकिन टकर देने कि हिम्मत सिर्फ
तुने ही जुटा पायी....
और मैं जमीन तु आसमान,
जब एक दुसरे से टकराए
बाजि तो चांद भी हमारे सामने हार गया...
क्यूं झुट बोला क्या......।।

      { सम्पूर्ण पढ़ें अनुशीर्षक में } हाॅं में थक चुका हुं
और ये भी सच है
तुम भी थकि हो....
क्यूं कि तुमने भी तो वादा किया था 
मेरे साथ चलने का...
मेरे परछाई बनने का...
क्यूं झुठ

chanderman

इंसान इंसान से दूर क्यू है तू.? क्या बोला... क्या करू खोखला समाज मज़हबी जो है । #hindipoetry #HINDUSTANI #Hindu #Muslim Read my thoughts #Poetry #Thoughts #writersofindia #wordporn #writeaway #writersofinstagram #quoteoftheday #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #writersofig #inspirationalquotes #yourquote #qotd #instawriters #igwriters #igwritersclub

read more
 इंसान इंसान से दूर क्यू  है तू.?
 क्या बोला...
क्या करू खोखला समाज मज़हबी जो है ।
#hindipoetry #hindustani #hindu #muslim 
 
Read my thoughts

Neerav Nishani

क्या यह सच है कि तुमने मुझसे झूठ बोला क्या तुम बेदर्द थी, क्या तुम्हें जरा भी फर्क नहीं पड़ा मुझे छोड़ने के बाद, क्या तुम्हारी नियत ही नहीं #writer #nojotocommunity #nojohindi #Neeravnishani #LalitShihir #OneSeason

read more
क्या यह सच है कि तुमने मुझसे झूठ बोला
क्या तुम बेदर्द थी, 
क्या तुम्हें जरा भी फर्क नहीं पड़ा मुझे छोड़ने के बाद, 
क्या तुम्हारी नियत ही नहीं थी साथ निभाने की, 
आखिर तुम भी औरों के जैसा निकलीं, 
लेकिन निशानी 'तुम्हारे जैसा नहीं है

©Neerav Nishani क्या यह सच है कि तुमने मुझसे झूठ बोला
क्या तुम बेदर्द थी, क्या तुम्हें जरा भी फर्क नहीं पड़ा मुझे छोड़ने के बाद, क्या तुम्हारी नियत ही नहीं

Sunsa Kerapa

हम मारवाड़ी लोग बड़े कमाल के होते हैं जज्बात समझना नहीं लिखना जानते हैं कल शाम को बैठा था शायरी लिखने तभी किसी ने कहा क्या कर रहे हो , त #Life #Enjoy #Like #writer #Shayari #nojotohindi #Dildar #cm #worker #comady #MaRvAdi #nojotocomeady

read more
हम मारवाड़ी लोग बड़े कमाल के होते हैं 
जज्बात समझना नहीं लिखना जानते हैं 

कल शाम को बैठा था शायरी लिखने तभी किसी ने कहा 
क्या कर रहे हो ,
तो मैंने कह दिया :-  वही जो सीएम पिछले 
5 साल से कर रही है ( बोला क्या ? )
मैंने कहा :- टाइम पास

हम शायरी शौख से लिखते हैं ~ शौक में आके नहीं
                                   -@sunsakerapa  #NojotoQuote हम मारवाड़ी लोग बड़े कमाल के होते हैं 
जज्बात समझना नहीं लिखना जानते हैं 

कल शाम को बैठा था शायरी लिखने तभी किसी ने कहा 
क्या कर रहे हो ,
त

दुःखीआत्मा

#ddlj love #story #कहानी #LoveStory कुणाल ने कुछ कहने के लिए अपने होंठ तो खोले लेकिन कुछ कह नहीं पाया। कार्तिक सिंघानिया ने कुणाल को दोनों #लव

read more
mute video

Mehfuza

वह वादा करके जिंदगी भर का दो कदम भी ना चल पाईं, रही होगी मोहब्बत में कमी हमारी ही, यह कहकर देते रहे दिलासा सालों अपने दिल को, दिल पलट कर कह #Rose #शायरी

read more
वह वादा करके जिंदगी भर का दो कदम भी ना चल पाईं,
रही होगी मोहब्बत में कमी हमारी ही, 
यह कहकर देते रहे दिलासा सालों अपने दिल को,
दिल पलट कर कहने लगा भूल जा उसे और आगे बढ़ जा,
ना-ना रही होगी कमी मुझमें ही कहता रहा उससे हर बार, 

एक जमाना बीत गया!
वह मिली हमसे रहा चलते,
कहने लगी भैया जरा रास्ता तो छोड़ना!
थाम कर किसी पराए का हाथ चली गई वो मेरी आंखों के सामने। 

दिल बड़े गुमान से बोला!
क्या हुआ याद ना रहा तेरा चेहरा भी उसे आज?
मेरी आंखों में ना आंसू थे ना हुई कोई दिल में हलचल आज ,
शायद समझ गया मैं आज उसकी बेवफाई का राज! 

-Mehfuza वह वादा करके जिंदगी भर का दो कदम भी ना चल पाईं,
रही होगी मोहब्बत में कमी हमारी ही, 
यह कहकर देते रहे दिलासा सालों अपने दिल को,
दिल पलट कर कह

Shubham Tripathi

#सहसा मैंने सूरज देखा आंखे चमक गयी मेरी मैं बोला क्यों आंख दिखाते कुछ भी विसात नहीं तेरी सहसा मैंने सूरज देखा लिए लुकाटी बैठे है जो सूरजु

read more
सहसा मैंने सूरज देखा
आंखे चमक गयी मेरी 
मैं बोला क्यों आंख दिखाते
कुछ भी विसात नहीं तेरी
सहसा मैंने सूरज देखा

लिए लुकाटी बैठे है जो 
सूरजु काका खेत में
तन पर उनके वस्त्र नहीं है
तप्ती हुई इस जेठ में
चमड़ी इनकी काली पड
फिर भी डिगा न पाया तू
इनको न तेरी धूप लगे न
लगे कभी भी इनको लू
सहसा मैंने सूरज देखा

पीछे है चाँदनिया बैठी
मैले भूरे बाल में,
एक लंगोटी तन पर डाले 
मिट्टी लगी है गाल में
सहनशीलता उसकी देखो 
उसको हटा न पाया तू 
खुद ही तू जल जायेगा फिर भी 
पयेगा न उसको छू 
सहसा मैंने सूरज देखा

तेरी अकड़ कहा चलती है 
बड़े बड़े से महलों में 
यहाँ सृजन का देव है बैठा 
व्यस्त है अपने टहलों में 
कोशिश तू कितना भी करले
कितना आंख दिखा ले तू 
इनको न तेरी धूप लगे न 
लगे कभी भी इनको लू 

सहसा मैंने सूरज देखा 
आंखे चमक गयी मेरी 
मैं बोला क्या आंख दिखाते 
कुछ भी बिसात नहीं तेरी #सहसा मैंने सूरज देखा
आंखे चमक गयी मेरी 
मैं बोला क्यों आंख दिखाते
कुछ भी विसात नहीं तेरी
सहसा मैंने सूरज देखा

लिए लुकाटी बैठे है जो 
सूरजु

dilip khan anpadh

#पतझड़ का पश्चाताप *************** व्यथित वो पतझर सोच रहा क्यों साख पे पत्ते बचे नहीं? ऐसा क्या मैंने कर डाला? वो फूल भी अच्छे बचे नहीं। ये #संगीत

read more
पतझड़ का पश्चाताप
***************
व्यथित वो पतझर सोच रहा
क्यों साख पे पत्ते बचे नहीं?
ऐसा क्या मैंने कर डाला?
वो फूल भी अच्छे बचे नहीं।

ये क्या कर्तव्य निभा डाला
जो हरित ये उपवन रहा नहीं
ना  कोयल फिर से कूक रही
मुझे क्यों खुशहाली जंची नहीं।

है, द्वेष मेरा या घृष्ट कर्म
क्यों समझ न आया उचित धर्म
ये है माया या ईश मर्म
या पथभ्रष्ठ मैं हुआ विधर्म।

ले मुख पे बैठा ग्लानि चिन्ह
क्यों मैं ऐसा हूँ पृथक, भिन्न
क्या पाप कर्म मेरा विधान
क्यों है नही इसका मुझको भान?

इतने में शीत पवन डोला
ऋतुराज सन्मुख हो बोला
क्या दुविधा है,क्यों व्यथित हो तुम
क्यों बैठे हो चुप-चुप,गुमशुम

ना तुमने कोई पाप किया
नाही उपवन को संताप दिया
ये नव श्रृंगार ले झूमेगा
हमने ही तुमको याद किया।

तुम्हे निज का है,कर्तव्यबोध
तुम स्नेहशील,नहीं हो अबोध
तुमने है मार्ग प्रशस्त किया
धरती को है,नव रूप दिया।

मृत्यु, जन्म का है प्रमाण
तुम रखते हो ये दिव्य ज्ञान
जरा भ्रम से बाहर झांक तो लो
देखो नया सबेरा,नया बिहान

दिलीप कुमार खाँ""अनपढ़""" #पतझड़ का पश्चाताप
***************
व्यथित वो पतझर सोच रहा
क्यों साख पे पत्ते बचे नहीं?
ऐसा क्या मैंने कर डाला?
वो फूल भी अच्छे बचे नहीं।

ये

saumya

शाम का टाइम था मै और अनन्या कैफे में थे हमदोनो ने कॉफ़ी ऑर्डर किया हम यूं ही बात करने लगे। एक बूढ़े अंकल कुछ सामान बेच रहे थे जैसे कलम पे #कहानी #nojoto_hindi

read more
तेरी मेरी कहानी
part 4 
👇
read in caption शाम का टाइम था मै और अनन्या 
कैफे में थे हमदोनो ने कॉफ़ी  ऑर्डर किया
हम यूं ही बात करने लगे। एक बूढ़े अंकल 
कुछ सामान बेच रहे थे जैसे कलम पे
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile