Find the Latest Status about सधी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सधी.
Bambhu Kumar (बम्भू)
1. आइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको जिस गली में भुखमरी की यातना से ऊब कर मर गई फुलिया बिचारी एक कुएँ में डूब कर है सधी सिर पर बिनौली कंडियों की टोकरी आ रही है सामने से हरखुआ की छोकरी चल रही है छंद के आयाम को देती दिशा मैं इसे कहता हूं सरजूपार की मोनालिसा कैसी यह भयभीत है हिरनी-सी घबराई हुई लग रही जैसे कली बेला की कुम्हलाई हुई कल को यह वाचाल थी पर आज कैसी मौन है जानते हो इसकी ख़ामोशी का कारण कौन है... आइए #महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको जिस गली में #भुखमरी की यातना से ऊब कर मर गई #फुलिया बिचारी एक कुएँ म
DrLalit Singh Rajpurohit
Preeti Karn
स्वपनगंधा..... अनुशीर्षक 👇 अभिमान हूॅं सम्मान हूॅं, वरदान हूॅं अभिशाप हूॅं विरह की आस हूॅं प्रेम का विश्वास हूॅं । मधुर संगीत हूॅं सधी सुर-ताल हूॅं, बहकती धार
Nisheeth pandey
शीर्षक- अंधा कैनवास ----------- जब तक है जान यह उन्माद चलेगा, तूलिका , रंग , कैनवास ..... तूलिका तूलिका बल ईठलाने को तुली हुई है देख खुला कैनवास.... रेखा रेखा सधी हुई है कल्पना वार्तुली पहेली सी, अंगुली अंगुली थिडके चुनौती कितना कौन रंगे कैनवास ..... जब तक है जान यह उन्माद चलेगा, तूलिका ,रंग , कैनवास .... कर्म कहे धर्म कहे हर दिन मन पर रंग व्याकुल चढ़े, कब तक टूट टूट बिखरे स्वप्न हजार..... नेत्र की पीड़ा मन मंसूबे खोखल करता, कुतर रहा सृजन घुन का कीड़ा.... छिन छिन छलनी होती सृंगार, कितना कौन सिये कैनवास.... कब तक यह उन्माद चलेगा, कितना सहे और अंधा कैनवास ..... जब तक है जान यह उन्माद चलेगा, तूलिका , रंग , कैनवास ..... 🤔#निशीथ🤔 यह कविता मेरे जिन्दगीं की सारांश है । ©Nisheeth pandey शीर्षक- अंधा कैनवास ----------- जब तक है जान यह उन्माद चलेगा, तूलिका , रंग , कैनवास ..... तूलिका तूलिका बल ईठलाने को
CalmKazi
अक्सर पूछते हैं, मेरे यार दोस्त और सहपाठी, धीमी और सधी चाल का क्या राज़ है ? कहने को तो हँस कर टाल देता हूँ । समझाना मुश्किल है, के मेरा सम्हल के चलना आदत नहीं मजबूरी है । तेरे आस पास होने का एहसास ही काफी है । कल तो तुम्हारी पायल की खनक पर ही फिसल गया था । (See Translation Below) #WorldMusicDay संगीत अक्सर पूछते हैं, मेरे यार दोस्त और सहपाठी,
AJAY NAYAK
हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई कहानी की शुरुआत कुछ इस प्रकार हुयी हमारे ही एक पोस्ट पर उनसे मुलाकात हुयी उन्होंने एक सधी हुयी बात हमारे फेवर में लिखा फिर क्या था, हमारा भी बंदर मन उछल पड़ा उसी पोस्ट से होते हुए, बातों का एक लम्बा दौर चला । हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं कुछ मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई अब धीरे धीरे फेसबुक की जगह मसेंजर ने ले लिया . खुद को, उनके लिए मसेंजर पर ही स्टे कर लिया। अब दिन क्या, रात क्या, ठंडी गर्मी, बरसात क्या छोटी पड़ने लगी समय की चौबीसों तीलिया । हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं कुछ मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई । अब ऐसा लगने लगा था कि वो नही रह सकती हमारे बिना मछली बन तड़प रही हैं हमारे बिना तो, जो गोत्र से रहा हो बंदर प्रजाति का जिसने, कभी इस डाल, कभी उस डाल, डाला हो डेरा बताओ वो कैसे रह पाता उनके बिना। हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं कुछ मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई । पूछो मत हमारा हाल ऐसा वैसा कैसा हो गया था जैसे जल बिन मछली, बिना पतवार के नाव का हो जाता । हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं कुछ मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई । बातें जब मैसेंजर से थोड़ी आगे बढ़ी, तो बातों बातों में हमने मांग लिया नंबर उनका तब हमारे भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्होंने हँसते हँसते अपना व्हाट्सएप नम्बर दे दिया। हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं कुछ मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई । यह खुशी भी, क्षणभंगुर निकला जैसे कोई कांटा अचानक चुभा हँसते हँसते हुए उन्होंने हमसे कहा ..... यह नम्बर, हमारे पति पिन्टू बाहुबली के नाम सेव कर लेना। हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं कुछ मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई । बताएं, बताया नही जा रहा, इस बार उनकी हँसी ऐसी चुभी, कि तभी से हम............. फेसबुक डिलीट करके पढ़े जा रहे हैं हनुमान चालीसा। हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं कुछ मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई । –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #UskeHaath हम मिले facebook के चौपाल पर , वहीं मीठी मीठी बातों से शुरुआत हुई कहानी की शुरुआत कुछ इस प्रकार हुयी हमारे ही एक पोस्ट पर उनसे
यशवंत कुमार
उल्लू और बाज (Read in Caption) #storytime #storytelling उल्लू और बाज बात बहुत पुरानी है। तब उल्लू और बाज दोनों सगे भाई थे। जब वो बहुत छोटे थे और उनके पंख भी नहीं उगे थ