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Mubarak Alam
तेरे गिरने में तेरी हार नहीं, तू इंसान है अवतार नहीं, गिर, उठ, चल, दौड, फिर भाग, ' तू कई बार हारेगा लेकिन हर बार नहीं ©Md Saifullah Ansari #Likho प्रेरक उद्धरण
Chaurasiya Beerendra
Jindagi ki race m akele mat chalna mere dost, hamsafar sath lene se mushkile aur Darr kam ho jate hain.💯👍 ©Chaurasiya Beerendra #rayofhope #Nojoto #विचार #उद्धरण
Juhi Grover
मैं कभी अर्द्ध विराम या फिर कभी अल्प विराम ही बन पाई थी, तेरे आने के बाद पूर्ण विराम हो गई, और..... और..... ..... ..... तेरे जाने के बाद प्रश्न चिन्ह बन कर रह गई, अब न ही अर्द्ध विराम या फिर अल्प विराम ही बन सकती हूँ, और..... और..... ..... ..... पूर्ण विराम बन कर फिर से प्रश्न चिन्ह नहीं बनना है, प्रायः विस्मयादिबोधक चिन्ह बन कर उद्धरण चिन्ह में आने का भी शायद अवसर मिल ही जाए, मग़र..... ..... ..... निर्देशक चिन्ह बन कर किसी के संवाद का विषय बनना नहीं चाहती मैं। 13.09.2021 #विराम #अर्द्धविराम #अल्पविराम #पूर्णविराम #विस्मयादिबोधक #उद्धरण
Himanshu Fageria
Kishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
Balu Khaire
भीगी हुई आँखोका मंजर न मिलेगा, घर छोडकर मत जाओ कही घर ना मिलेगा। फिर याद बहुत आएगी जुल्फो की शाम, जब धूप मे साया कोई सर न मिलेगा। आंसू को काभि ओस का कतरा न समझना, ऐसा तुम्हे चाहत का समुदर ना मिलेगा। इस ख्वाब के माहोल मे बे-ख्वाब है आँखे, जब निंद बहुत आएगी बिस्तर ना मिलेगा। ये सोचलो आखरी साया है मोहब्बत, इस दरसे उठोगे तो कोई दर ना मिलेगा ©Balu Khaire कविता कविता #lonely