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Author Harsh Ranjan

दुनिया के कानूनों ने
मुझे ये सिखाया है कि 
घोड़ा और गधा एक है,
व्यवस्था की नजर में!
या कहें कि घोड़ापन अथवा है।
दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है।
सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है!
भूख और भूख का डर 
जल और वायु से भी पर्याप्त है।
कमाने वालों को कम खाने के गुण
बताए जा रहे हैं और लोग
उनकी रसोई के आटे-दाल से
भंडारे करवाये जा रहे हैं।
किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है,
एक किसान दो फसल काटकर भी
आयु में उतना कमाता है कि
उसके तीन पुश्त एक भी रात
भूखे न गुजारें! 
पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं
कि बेरोजगारी के दिन-रात
बिस्तर पर न गुजारें!
अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है
तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा
मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था

व्यवस्था

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Author Harsh Ranjan

दुनिया के कानूनों ने
मुझे ये सिखाया है कि 
घोड़ा और गधा एक है,
व्यवस्था की नजर में!
या कहें कि घोड़ापन अथवा है।
दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है।
सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है!
भूख और भूख का डर 
जल और वायु से भी पर्याप्त है।
कमाने वालों को कम खाने के गुण
बताए जा रहे हैं और लोग
उनकी रसोई के आटे-दाल से
भंडारे करवाये जा रहे हैं।
किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है,
एक किसान दो फसल काटकर भी
आयु में उतना कमाता है कि
उसके तीन पुश्त एक भी रात
भूखे न गुजारें! 
पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं
कि बेरोजगारी के दिन-रात
बिस्तर पर न गुजारें!
अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है
तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा
मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था

व्यवस्था

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somnath gawade

प्रचलित व्यवस्थेविषयी
'व्यवस्थित' बोलले नाहीतर
 'व्यवस्था' आपल्याला
व्यवस्थित जागी पोहचविते.
      🤣😂 #व्यवस्था
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सतीश तिवारी 'सरस'

डॉ. प्रकाश जी डोंगरे की पंक्तियाँ

जलती सड़कों पर
जो एक
अकेला आदमी
गुलमोहर की तलाश में
नंगे पाँव जा रहा है
व्यवस्था का सूरज
सबसे अधिक
उससे ही घबरा रहा है।

''बूढ़ा पिता और आम का पेड़'' काव्य संग्रह से साभार

©सतीश तिवारी 'सरस' 
  #व्यवस्था
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Parul Sharma

शहर की व्यस्तता में
अस्त-व्यस्त पड़े है रिश्ते
      पारुल शर्मा शहर की व्यस्तता में
अस्त-व्यस्त पड़े है रिश्ते
      पारुल शर्मा

शहर की व्यस्तता में अस्त-व्यस्त पड़े है रिश्ते पारुल शर्मा

9 Love

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Satendra gupta

शिक्षा  मे  इतनी  बदहाली  क्यों  है,
पद  गुरु  का  सारा खाली  क्यों  है?

एक  -  एक  कर   टूट  रहे   है  हम,
शिक्षा  के  नाम  पर  थाली  क्यों है?

योजनायें  जो भी निकलती  है अब,
सारी   की   सारी   जाली   क्यों  है?

गर  पूछ  लो  अधिकारी   से   बात,
तो  निकलता मुँह से गाली क्यों  है?

इस बार  हो  जायेगी सबकी  भर्ती,
कह - कह   कर  टाली   क्यों    है?

  सतेन्द्र गुप्ता शिक्षा व्यवस्था

शिक्षा व्यवस्था

2 Love

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Deepa Didi Prajapati

खुशनसीब होगी
 उस रोज धरा,
वास्तविक खुशी से 
खिलखिलाएगी।
कानून व्यवस्था कर सके ऐसी,
सरकार कभी गर मिल पाएगी।

©Deepa Didi Prajapati
  # कानून व्यवस्था

# कानून व्यवस्था #कविता

126 Views

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Suresh Kumar Kushwaha

न्याय व्यवस्था

न्याय व्यवस्था

90 Views

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Pradeep Phandan

वर्ण व्यवस्था

वर्ण व्यवस्था #Mythology

72 Views

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Mahesh Kumar

जब तक देश के गद्दारों को कानून का डर नहीं होगा । 
तब तक देश की समस्याओं का कोई भी हल नहीं होगा ।  कानून व्यवस्था

कानून व्यवस्था #विचार

13 Love

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Ek villain

आपने लोगों को यह शिकायत करते हुए अक्सर सुना होगा की व्यवस्था कुछ अधिक ही है और उसके चलते तमाम कारण निलंबित पड़े हैं वास्तव में ऐसे जीवन व्यस्त नहीं आपूर्ति अस्त व्यस्त होता है सफलता की कुंजी समय प्रबंधन में ही छिपी है समय के प्रबंधन का विरोधाभास देखिए लगभग समान कद काठी शिक्षा स्वास्थ्य और परिवार पृष्ठभूमि के दो व्यक्तियों में से एक कारोबारी वह पूर्ण विश्वास और उत्साह से कई उधम संचालित करता है उसी के एक कंपनी में कार्यरत दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम अतुल्य एक निर्धारित कार्य नहीं संभाला पहला एक अन्य कंपनी खोली जा रही है कई जानकारियां प्राप्त करने को ऐसे व्यक्ति अपनी व्यवस्था देने में से एक समय निकालेंगे कोई इतना व्यस्त नहीं होता कि इस कार्य के लिए समय ही ना मिले मनुष्य में नेताओं के चलते उसे एक विशेष भूमिका निभाने की अपेक्षा होती है जिसे यह ज्ञान होगा कि वह एक क्षण व्यर्थ नहीं जाएगा ऐसा व्यक्ति कार्य को बोझ नहीं समझता बल्कि कार्य में व्यवस्था से आंदोलित एवं श्रेष्ठ रहता है कार्य में चित्र लगाने वाला ना तो कार्य से कार्यरत और ना ही उसे लड़का आएगा मन और शरीर की संरचना ऐसी है कि उसे व्यस्त नहीं रखेगा तो विभिन्न अंग प्रतियों की कार्य क्षमता क्षीण होती जाएगी अकारणीय व्यक्ति देश समुदाय राष्ट्रीय और स्वयं अपने लिए बोल होता है जीवन में वित्तीय प्रभाव बनाए रखने के लिए मन मंदिर में एक स्पष्ट सार्थक परियोजना प्रतिशत करना होगा प्रयोजन यदि ईश्वरीय विधान के अनुपालन में रहे तो हितकारी होगा क्योंकि मनुष्य ईश्वर की अनुकृति केवल दिखावे के लिए व्यस्त रहने के कोई मायने नहीं है

©Ek villain #सार्थक व्यवस्था

#writing

#सार्थक व्यवस्था #writing #Society

7 Love

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prachi dixit

शहर की भागा दौड़ी मे हम खो गए कुछ इस कदर।

न है अपना ही होश, और न ही है अपनो की फिकर। #व्यस्तता
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Deep Kushin

आलम तो कुछ यूं है कि वक्त हम ख़ुद को भी नहीं दे पा रहे,
इसमें गलती ना तो मेरी है, ना मेरे रिश्तों की, और ना ही इन हालातों की!

©Deepak gupta #व्यस्तता
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R K Mishra " सूर्य "

मेरे लिए सब व्यस्त हो गए
ऐसे लगता जैसे अस्त हो गए
मेरे लिए सब.......
इसलिए अब दूर दूर रहता हूं
क्यों कि वो अपने में मस्त हो गए
मेरे लिए सब......
राह तकता रहा वो तो आए नहीं
वक्त बदला वो मौका परस्त हो गए
मेरे लिए सब.....
घुटन और चुभन जिंदगी बन गई
"सूर्य" ढल भी गया सब त्रस्त हो गए
मेरे लिए सब.....

©R K Mishra " सूर्य "
  #व्यस्तता
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Parasram Arora

बंद  हो  चुकी  है
व्यवस्था  खालिस  आदमी
के पैदा होने  की
बो भी  पुरातन परम्पराओ के साथ
इस देश में  अभी भी  नकली और  निरर्थक आदमी   जन्म लेने के  लिये
अभिशप्त  है

©Parasram Arora
  ब्यवस्था

ब्यवस्था #कविता

167 Views

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Ripudaman Jha Pinaki

अजी अपने ही आलम में मगन सब लोग रहते हैं।
बहुत हैं व्यस्त जीवन में यही सब लोग कहते हैं।
नहीं फुर्सत किसी को भी यहां मिलने मिलाने की-
न सुख दुःख की करें बातें न दो पल साथ रहते हैं।

महीनों हो नहीं पातीं किसी से बात भी अब तो।
नहीं रहते हमारे साथ रहकर साथ भी अब तो।
बहुत मसरूफ़ियत है ज़िन्दगी में हाय लोगों के-
सिमटते जा रहे हैं लोग के ज़ज्बात भी अब तो।

पराए  बन  रहे  अपने  हुए  अपने  पराए  हैं।
सगे रिश्तों से ज्यादा ग़ैर ने रिश्ते निभाए हैं।
सहारे बन रहे ग़म के बढ़ाते हर घड़ी हिम्मत-
दिए खुशियों के जीवन में परायों ने जलाए हैं।

 रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©Ripudaman Jha Pinaki
  #व्यस्तता
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Brajesh Kumar Bebak

यातायात व्यवस्था और हम

यातायात व्यवस्था और हम #विचार

1,269 Views

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व्ही.vishwas व्ही. भाले

सत्ता के डर के लालच में
 न्यायलय के जज को 
सत्ता का 
भूखा बना दिया।।
28/5/23

©व्ही.vishwas व्ही. भाले ।।।आज की न्याय व्यवस्था।।

।।।आज की न्याय व्यवस्था।।

107 Views

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CHANDRAKANT SAHU

अनैतिक व्यवस्था में जनता अनैतिक हो जाती है।
NDS जैसी व्यवस्था वैसी जनतख

जैसी व्यवस्था वैसी जनतख

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Mr.Poet

 शांति व्यवस्था बनाये रखें।।

शांति व्यवस्था बनाये रखें।। #nojotophoto #विचार

7 Love

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Mahesh Kumar

सत्ताधारी खुदगर्ज बन गए ,पाकर जनता के शासन को । भूल गए अपने वादों को ,पाकर मंत्री पद के आसन को । गरीब जनता मजबूर बनी , खुदगर्जो के प्रशासन से । अधिकार नहीं मिलते हैं अब उनकों , अपने ही खुद के शासन में । अब सुधार जरूरी है , भारत के हर प्रशासन में । अब सुधार जरूरी है,भारत देश के शासन में । भारत की शासन व्यवस्था ।

भारत की शासन व्यवस्था । #विचार

11 Love

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Ravi Aftab

मानव  ख़ातिर  मानव ने  बनायी व्यवस्था!

छल-कपट, स्वार्थ सबमें है लायी व्यवस्था!

प्रेम-भाईचारा-स्नेह  को मिटाकर;

लड़ाती है भाई से भाई व्यवस्था! #system #fightingwithbrothers #Needness  #व्यवस्था
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Geeta Sharma

Good night

©Geeta Sharma ## # कोरोना काल की व्यवस्था।

## # कोरोना काल की व्यवस्था।

41 Love

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shubh Mohan suman

हिन्दू समाज की सबसे 
अव्यवस्थित व्यवस्था
"वर्ण व्यवस्था" है.

©shubh Mohan suman हिन्दू समाज की सबसे 
अव्यवस्थित व्यवस्था
"वर्ण व्यवस्था" है.

-शुभ मोहन सुमन.

हिन्दू समाज की सबसे अव्यवस्थित व्यवस्था "वर्ण व्यवस्था" है. -शुभ मोहन सुमन.

9 Love

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gudiya

हम भी पीड़ित है बहुत
कुछ व्यवस्थाओं के शिकार है हम भी है बहुत

इन्तज़ार का हुनर हमको नही आता
धन्य है वो जिन्होंने वर्ष लम्बा है अबतक काटा

आहे दिल से हर आवाज़ पर  निकलती हैं
हर बात पर अब पलकें सकुचाती है

सुन सुन कर दुनिया जमाने का ताना
अब भूल जाने लगे हैं हम रिवायते निभाना

नज़रे सबकी हमसे बस एक ही सवाल करती हैं
कब शुरु करोगे ज़माने के साथ साथ चलना

छुट गई पीछे कई हसीन राहे
रास्ता मेरा अब भी मंज़िल मंज़िल 
महज़ ही को पुकारे ।

©gudiya #पीड़ित
#व्यवस्था
#ज़माना
#Nojoto 
#WorldBloodDonorDay
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Ek villain

बंगाल के बीरभूम में 8 लोगों को जिंदा जलाकर मारने की घटना बेहद नंदिनी है इस कृति की जितनी भरत सेन की जाए वह कम है बंगाल में लेफ्ट के शासनकाल से अब तक ऐसी हिंसक घटनाएं होती रही है परंतु लेफ्ट के शासन के बाद बंगाल की जनता ने पूर्ण बहुमत से ममता बनर्जी को जनादेश इस उम्मीद के साथ दिया कि अब राज्य में हिंसा शांति और कानून-व्यवस्था कायम रहेगी हालांकि लोगों की अपेक्षा पर सरकार अभी भी तक खरी नहीं उतरी है बंगाल में हुई इस ताजा घटना का पूरे देश में विरोध हो रहा है इंटरनेट मीडिया पर देश के नागरिक बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगने की मांग करने लगे हैं जिम्मेदारी राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना है लोगों के मन में कानून का कोई डर नहीं है इसलिए जरा सी बात के फैसले करने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं यह कानून व्यवस्था का स्पष्ट प्रमाण

©Ek villain #कानून व्यवस्था दुरुस्त करें

#Hope

#कानून व्यवस्था दुरुस्त करें #Hope #Society

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