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Shilpi Singh

#मुक्तक बताना चाहूँ जब प्रियतम, अधर कंपित हो जाते। कटुक शब्द ये तुम्हारे ,हृदय पर अंकित हो जाते। निश्छल प्रीत ही मेरी...... मुझको बाध्य कर #Gif #truelove #nojotohindi #lovepoetry

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#मुक्तक

बताना चाहूँ जब प्रियतम, अधर कंपित हो जाते।
कटुक शब्द ये तुम्हारे ,हृदय पर अंकित हो जाते।
निश्छल प्रीत ही मेरी...... मुझको बाध्य कर देती,,
ये मेरी चाह, मेरे ख़्वाब, पथ विचलित कर जाते।।
                 ....... ✒#शिल्पीसिंह❤ #gif #मुक्तक

बताना चाहूँ जब प्रियतम, अधर कंपित हो जाते।
कटुक शब्द ये तुम्हारे ,हृदय पर अंकित हो जाते।
निश्छल प्रीत ही मेरी...... मुझको बाध्य कर

HINDI SAHITYA SAGAR

#Khayaal आज सुबह वो घर से निकले, पहन के हाँथों में दस्ताने, दस्तानों में भी ठण्डे थे, कंपित हस्त हिमानी पाले। कोहरा छाया था सड़कों पर, पथ भ #Poetry

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Sarita Shreyasi

आँखों में अनल मुसकाया, उर में अम्बुधि समाए, सुधि किसे पावस या पतझड़, बिन मौसम ही मोती बरसाये। गिन-गिन कर एक-एक स्पंदण, जाने कितने बरस बीताये #hindipoetry #yqdidi

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आँखों में अनल मुसकाया,
उर में अम्बुधि समाए,
सुधि किसे पावस या पतझड़,
बिन मौसम ही मोती बरसाये।
                              गिन-गिन कर एक-एक स्पंदण,
                              जाने कितने बरस बीताये,
                              कच्ची उमर और कल्पना ने,
                              कैसै- कैसै स्वपन दिखाये।
अंजाने एक सूत टूटा,
बाकी सारे रस्म निभाये,
होठों पर कंपित हँसी रख दी,
निमेषकों में नीर छुपाये। आँखों में अनल मुसकाया,
उर में अम्बुधि समाए,
सुधि किसे पावस या पतझड़,
बिन मौसम ही मोती बरसाये।
गिन-गिन कर एक-एक स्पंदण,
जाने कितने बरस बीताये

हरीश वर्मा हरी बेचैन

यैसा दीप जलाओ जग में! मन उजियारा हो जाये!! नैनो में हो प्यार भरा... मधुर मिलन हो जाये!! कंपित हो हर एक रूहें! नयन नीर भर जाये!! घर घर में हो

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आओ दीप जलायें 
यैसा दीप जलाओ जग में!
मन उजियारा हो जाये!!
नैनो में हो प्यार भरा...
मधुर मिलन हो जाये!!
कंपित हो हर एक रूहें!
नयन नीर भर जाये!!
घर घर में हो सुख शांति!
राग द्वैष मिट मिट जाये!!
सिया राम हो हर हृदय में!
व्याधि सभी हट जाये!!
गणपति लक्ष्मी की हो पूजा!
जीवन भक्ती से भर जाये!!
गले मिलें सब एक दूजे से!
जीवन धन्य हो मुस्काये!!
इस दीपावली में घर घर!
स्नेह प्यार की लौ जल जाये!!
मंगलमय हो एक एक पल!
सुख संमरिद्ध जग में आये!!
🙏🙏🙏🙏💦✍️
हरीश वर्मा हरी बेचैन
8840812718 यैसा दीप जलाओ जग में!
मन उजियारा हो जाये!!
नैनो में हो प्यार भरा...
मधुर मिलन हो जाये!!
कंपित हो हर एक रूहें!
नयन नीर भर जाये!!
घर घर में हो

विष्णुप्रिया

अदम्य अतुल साहस है जिनका, और प्रचंड सिंह सी हुँकार, रक्त रक्त में रोपित  जिनके, मातृ भूमि का प्रेम अनुराग, जिनकी शौर्य गाथा से अब तक गूँज र #army #yqdidi #देशभक्ति #विष्णुप्रिया

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अदम्य अतुल साहस है जिनका,
और प्रचंड सिंह सी हुँकार,
रक्त रक्त में रोपित  जिनके,
मातृ भूमि का प्रेम अनुराग, अदम्य अतुल साहस है जिनका,
और प्रचंड सिंह सी हुँकार,
रक्त रक्त में रोपित  जिनके,
मातृ भूमि का प्रेम अनुराग,

जिनकी शौर्य गाथा से अब तक
गूँज र

kavi manish mann

आओ कुछ बातें करें, क्यों धरा रोती है? कुटिल मानव का बोझ सर अपने ढोती है! हुई कुपित आज धरती, प्रकृति की क्षति से, वीभत्स हुए मानव से, इसके मू #yqdidi #YourQuoteAndMine #hkkhindipoetry #मौर्यवंशी_मनीष_मन #बातेंकरें

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आओ कुछ बातें करें, क्यों धरा रोती है?
कुटिल मानव का बोझ सर अपने ढोती है!
हुई कुपित आज धरती, प्रकृति की क्षति से,
वीभत्स हुए मानव से, इसके मूढ़मति से।
भरी आज हुंकार धरा, नभमंडल डोले।
अणु, परमाणु के निर्माता सभी दिग्गज डोले।
अपने घाव कुरेदती कपकपाती स्वयं को,
कर रही तांडव बन काली, लगा लगा भस्म को।
भूतल कंपित, नभ गरजे, और कड़के बिजली।
महामरी है छाई,  मनुज हुआ है ढपली।
"मन" देख परिदृश्य ऐसा, मन में सोच रहा है।
है दोषी इसका मानव, मानव भोग रहा है। आओ कुछ बातें करें, क्यों धरा रोती है?
कुटिल मानव का बोझ सर अपने ढोती है!
हुई कुपित आज धरती, प्रकृति की क्षति से,
वीभत्स हुए मानव से, इसके मू
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