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रुपेन्द्र श्रीवास
मौत को गले लगाने की सोच रहा हूँ अब क्या बताऊ वो गले आती नही उसको गले लगाने की कई कोशिशे नाकाम हुई वो कहती अभी कुछ फर्ज चुकाने बाकी है गले तो मै तेरे लग जाउंगी पर ये मुसाफिर अभी तो तुझे इस जिंदगी के कई कर्ज चुकाने बाकी है अभी तो तुझे फर्ज चुकाने बाकी है उसने हँसकर कहा ये मनचले क्यू मुझे बदनाम करता है तेरी तो मौत की बजह बन गयी है तू तो युही किसी की याद मे मर जायेगा वो चाहते है तेरी मौत पर हँसना इसलिए ये फर्ज निभा रहे है इसलिए ही तो वो तेरी मौत से पहले बेज्जती करा रहे है अब तू मुझे बदनाम करना छोड़ दे तु अपने आप नहीं मर जायेगा बस फ़िक्र करना छोड़ दे फिर मुझे भी हँसी आ गयी फ़िक्र करने से अच्छा जिंदगी याद की जाए मुझे मौत मिल जाए और उनको खुशी मिल जाए। मौत फिर बोली तु क्यू मुझे रुलाना चाहता है तु हँसकर आजा मेरी जिंदगी मे तु भी मौत को आसुओं के साथ गले लगाना चाहता है रुपेन्द्र श्रीवास मेरी जिंदगी का क्या कसूर
Abhishek Rawat
क्या है जिंदगी का । कब कहा जोड़ दे । आज तू पीछे है । कल दुनिया को जोड़ दे ©Abhishek Rawat भरोसा जिंदगी का
Baba Singh
कोई स्वयं में पूर्ण नहीं होता है, एक दूसरे को मिलकर पूर्ण बनाना पड़ता है| ©Baba Singh #essenceoftime भरोसा जिंदगी का
Trilok
क्या भरोसा सांसों का, कब प्राण निकल जाए रे इस नश्वर दुनिया में फिर भी, तेरा मेरा भाये रे खुशियां ही मना रहे थे जन्म की, सब दुआएं दे रहे थे लंबी उम्र की पर जोर चला नहीं दुआओं का, पंछी उड़ चला बीती नहीं रात भी बदल गया आलम, ये क्या हुआ हाय रे क्या भरोसा सांसों का, कब प्राण निकल जाए रे कुंडली में बरसों की उम्र लिख दी, पंडित ने कई भविष्यवाणियां कर दी पर झूठला गया ये काल सब लकीरों को बरसों की जगह घंटों में रवानगी कर दी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र एक दिन का लाये रे क्या भरोसा सांसों का, कब प्राण निकल जाए रे पीढ़ियों की क्यों सोचे, पल का विश्वास नहीं मुसाफिर ही तो हैं, यहां स्थायी वास नहीं जी ले आज को भरपूर, कल किसने देखा है गिनती की मिली हैं, मिलती उधार सांस नहीं अब, आज और अभी में, जिंदगी जीना आये रे क्या भरोसा सांसों का, कब प्राण निकल जाए रे क्या भरोसा सांसों का
Mayur Tiwari
कसमों का क्या भरोसा करु साहब यहाँ तो कम्बख्त जीते जी लोग साथ छोड़ जाते हैं।। कसमों का क्या भरोसा
उज्जवल भंडारी
:::Jmd_Thought ::: क्या भरोसा है जीवन का, एक दिन चले जाना है, आए अकेले जाना अकेले, रिश्ते तो सिर्फ बहाना है...! JMD, JJ, OSR क्या भरोसा जीवन का...
Parasram Arora
ये रोने के क्षण और हंसी के पल वक़्त का क्या भरोसा कब जाए बदल वक़्त का क्या भरोसा . ...