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Anjuola Singh (Bhaddoria)
#BestFriend'sDay #justicefortwinkle There is hardly any day when I don't come across the inhuman act of mentally sick people against vulnerable females/kids/infants...So shamef
Sudeep Keshri✍️✍️
बचपन की यारी बचपन की यारी बहुत प्यारी, ना जाने किधर खो गए सारी की सारी, काश! की बचपन फिर से आती, सारी खुशियां फिर से दे जाती। यह तो सब सोचने की बात है, अब कहां बचपन से मुलाकात है। लेकिन मेरी मानो तो..... अपने अंदर थोड़ी सी बचपन छुपा के रखना, ताकि जिंदगी का खूबसूरत अहसास बना रहे। वरना गम से तो कई जिंदगियां हारी। #बचपन की #यारी बहुत #प्यारी, ना जाने किधर खो गए सारी की सारी, काश! की बचपन फिर से आती, सारी #खुशियां फिर से दे जाती। यह तो सब सोचने की ब
लफ्ज़-ए-राज...
प्रिय साथियों, बीते साल व महीनों में मैं अपने निजी व राजनैतिक जीवन में नई-नई चुनौतियों का सामना करते-करते व आप सभी के सहयोग से नई-नई उपलब्धियों को हासिल करने पाया हूँ, इसी बीच कई अच्छे रिश्ते बने और कई पुराने रिश्ते टूटे भी, कभी खुश हुआ तो कभी इतना दुखी कि इच्छा होने लगती थी कि जीवन को खत्म ही कर लूं, लेकिन आप लोगों के साथ ने मुझे एक मजबूत हौसला दिया है, इस बीच कई मित्रों ने मेरे लिए बहुत बड़ी-बड़ी लड़ाईयों का सामना किया और बीते एक से दो साल तो बहुत ही चुनौती पूर्ण रहे हैं जब कई लोगों के द्वारा मुझे निजी तौर पर क्षति पहुंचाने व मेरे हो कुछ लोगों के द्वारा मेरी राजनैतिक हत्या करने की साजिश तक रची गई, लेकिन मैं धन्यवाद करता हूं अपने उन भाइयों का जिन्होंने ऐसी विषम परिस्थितियों में भी मेरा साथ दिया। साथियों कहते हैं जिसकी रक्षा स्वयं वासुदेव श्रीकृष्ण कर रहे हों उसका कोई क्या बिगाड़ लेगा, मैं आप सभी छोटे-बड़े भाईयों-बहनों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। साथियों मेरे लिए यह एक ऐसा भावुक क्षण है जब मैं अपनी जिंदगी के एक नए पड़ाव परआज रात 12 बजे पहुंच जाऊंगा, 10 जनवरी मेरा जन्मदिवस है और यह वो दिन है जब मैं इस दुनिया में आया मेरे आने से कई जिंदगियां बनी और शायद कई बिगड़ी भी। मित्रों आज वह दिन है जब मेरे पास मेरी मां और मेरे पितातुल्य बड़े भाई के आशीर्वाद व अपनी मेहनत से हासिल किया हुआ सबकुछ है लेकिन एक सुखी संसार जिसकी मैं कल्पना करता हूँ वो मेरी पहुँच से अभी थोड़ा परे है,,, साथियों आपका प्यार व स्नेह मेरे साथ है लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूँ, जीवन में सबकुछ ठीक तो है लेकिन कुछ ठीक भी नहीं है, जिंदगी हर पल नई चुनौती के साथ एक नए अध्याय को मेरे जीवन में खोल रही है।।। आज मेरी उम्र छोटी है परंतु इस छोटी उम्र में मुझे बहुत बड़ी-बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।।। आपके साथ-सहयोग-प्रेम-स्नेह व आशीर्वाद का अकांक्षी। आपका अपना, चौधरी अनिल कुमार राज(प्रिंसराज) राष्ट्रीय अध्यक्ष, रुद्र 🔱 सेना... ©Choudhry Anil Kumar Raj प्रिय साथियों, बीते साल व महीनों में मैं अपने निजी व राजनैतिक जीवन में नई-नई चुनौतियों का सामना करते-करते व आप सभी के सहयोग से नई-नई उपलब्धि
Lafz-e-Safar
क्यूं खिसक रही है वो उतना पास जाऊं मैं उसके जितना क्या ग़म है उसे जो छिपा रही है वो क्यूं दव़े लफ़्ज़ों को तंगकर मन में उठ रहे शोर को दबा रह
Shree
कुछ समय पहले की बात है एक बार रास्ते से गुजरते हुए उनको देखा था हमने। अपने एक हाथ से दूसरे हाथ को थामे हुए... अपने एक हाथ से दूसरे हाथ को संभालते हुए... ठिठक से गए थे हम, स्तब्ध निशब्द रह गए थे हम... बुजुर्गों के जैसे थे उनके हाव-भाव, लगता था, कई जिंदगियां गुजार के आए हैं... अनुशीर्षक कुछ समय पहले की बात है एक बार रास्ते से गुजरते हुए उनको देखा था हमने। अपने एक हाथ से दूसरे हाथ को थामे हुए अपने एक हाथ से दूसरे हाथ को सं
Manish sahu
मैं इश़्क उसका, ओ मेरी जान, किसी और का हाथ थाम आबाद हो गई. जहां दो जिंदगियां संवर सकती थीं, वहां तीन जिंदगियां बर्बाद हो गई।। ©M@ दो जिंदगियां संवर सकती थी #Hopeless
Praveen Jain "पल्लव"
Vote पल्लव की डायरी चेहरों की शर्म उतरने लगी है अदाएं उनकी बगावत करने लगी है कत्ल करके खैरियत पूछने चली है नचाते रहे उंगलियों पर बेड़िया कानून की पहनाते रहे है शूल दिल मे जुमलों के धसाते रहे है जब से नजर अंदाज की डाली है आदत धोंसे बीमार करने की दे डाली है रप्ता रप्ता बढ़ता जहर बदहाल जिंदगिया कर डाली है बड़ी लकीर खींचते खींचते ना जाने कब जिंदगी गुमशुम कर डाली है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" बदहाल जिंदगियां कर डाली है #voting
J P Lodhi.
रोशनियां झिलमिला रही अंधेरों में, ज़िंदगियां तिलमिला रही है भय में। मंजर कुछ धुंधला धुंधला सा हुआ, इंसां बहुत उलझा उलझा सा लगा। अंधेरों से आ रही आशा की किरणें, लगे तो है फरिश्तें ज़िंदगियां बचाने। ज़िंदगियां करती खुदा से यही दुआं, मत खेल मौत का खेल बहुत हुआ। रोशनियों से तुम धुंधलापन हटा दो, मौत के घने साएं से मुक्ति दिला दो। जहर के यह प्यालें अधरों से हटा दे, दया की सुधा मानवता को पीला दे। #Nojoto ज़िंदगियां तिलमिला रही