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Ek villain
बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हुई हिंसा की सीबीआई जांच का आदेश कोलकाता हाईकोर्ट ने बीते वर्ष 1919 अगस्त को दिया था जांच शुरू हुई 5 माह से अधिक वक्त बीत चुका है 50 से अधिक लोग मुकदमा दर्ज किए जा चुके हैं लेकिन हिंसा के मामले में नामजद कई आरोपी तब तक सीबीआई की गिरफ्त से दूर हैं स्थिति यही होगी कि फरार आरोपी का सुराग पाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी को इनाम का सहारा लेना पड़ रहा है अब तक 4 मामलों में ₹11 को लिया जारी करने के साथ-साथ ₹50000 का इनाम घोषित किया गया है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर चुनाव बाद हिंसा के गुनाहगार कहां गायब हो गए सीबीआई जैसे उच्च कोटि की जांच एजेंसी के नजरों में से कैसे बच गए अपराधी अपराध को अंजाम देते हैं तो उनके तक पहुंचने में परेशानी होती है लेकिन चुनाव बाद जो हिंसा हुई उनमें यहां तक कि नाम पता और फोटो तक हाथ है फिर भी मैं पकड़े नहीं आ रहे तो क्या इस मामले में सीबीआई को स्थापित पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है यह सवाल है जो आने वाले दिनों में अवश्य की हाईकोर्ट के समक्ष पेश करते समय उठेंगे सबसे आश्चर्य की बात यह है कि दूरदराज जिलों और ग्रामीण इलाकों को छोड़ दें कोलकाता के नई राह इलाके में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में एक महिला समेत पांच आरोपी भी गिरफ्तार नहीं हो सके ©Ek villain #सीबीआई की गिरफ्त से दूर आरोपित #chocolateday
vishnu prabhakar singh
खट्टी मीठी ज़िन्दगी सबरी के चखे हुए वो प्रताप कहाँ गया मीठा फल ही मिला खटास अप्रस्तुत रहा खटास मानव ने लिया! खट्टी मीठी ज़िन्दगी मूल पंथनिरपेक्षता धर्म ग्रन्थ की मिठास धर्म विस्तारवाद फला मानव धर्म कँहा गया ग्रन्थों के खटास में! आप किसे आरोपित करेंगे, स्वीकार करें खट्टी मीठी जिंदगी और जहर को सफल ना होने दें।। सुप्रभात। जीवन का स्वाद निराला है, यह सबका देखा भाला है।
Shree
भोले बन बोले नही, रखें छुपा मन की भाल, सिर पैर रख भागे, कोई पहचान जाये ताल। सत्य निरर्थक घूटे, झूठ आरोपित नित नए। पल्लवित कुसुम कहे, सुवासित हृदय हर्षित रहे। सर्वगुणसंपन्न परमेश्वर मूरत बन पूजित होए रहे। रक्त जलधारा सी बहे, मानव मंडल मूर्छित गिर रहे। दो मुख ......... भोले बन बोले नही, रखें छुपा मन की भाल, सिर पैर रख भागे, कोई पहचान जाये ताल। सत्य निरर्थक घूटे,
Preeti Karn
मैं जनती हूं कविताएं किसी अन्य को जनक के अधिकार के आधिपत्य से मुक्त रखती हूं। सहधर्मिता की नियमावली का अनुपालन नहीं होता इस सृजन में। मैंने अपनी अनुभूतियों की हठधर्मिता के निर्वहन मात्र से अपने हृदय गर्भ में बीज आरोपित किए हैं जो बसंत और घहराते काले मेघ सदृश पुष्पधन्वा की धरोहर हैं। कुसुम कचनार पाटली केतकी से झड़ते रस गन्ध से पोषित स्वाति उत्तराआषाढ नक्षत्रों की बूंदों से अलंकृत मलय पवन के रेशे से बुने गए कौशेय वसन सुसज्जित मैं आसन्नप्रसवा जनती हूं कविताएं! प्रीति #जननी#कविता #गर्भ ##प्रसव #yqhindi #yqhindiquotes पुष्पधन्वा : कामदेव पाटली: गुलाब , केतकी: केवड़ा कौशेय : रेशमी आसन्नप्रसवा : जिसे
Dr Garima tyagi
Aprasil mishra
"नारी अस्मितायें एवं सामाजिक सुरक्षा" एक वीभत्स अपराध के साये में आज हमारा शहर भी जीने को अग्रसर हो रहा है।अशिक्षा एवं बेरोजगारी में उर्ध्वगामी सर
Aprasil mishra
"नारी अस्मितायें एवं सामाजिक सुरक्षा" एक वीभत्स अपराध के साये में आज हमारा शहर भी जीने को अग्रसर हो रहा है।अशिक्षा एवं बेरोजगारी में उर्ध्वगामी सर
Anil Siwach
yogesh atmaram ambawale
आरोप कधी खोटे असतात कधी खरे असतात काही जण चुका बघून आरोप करतात, तर काहींच्या आरोपात चुका दिसतात. आरोप प्रत्यारोप कित्येकांवर होत असतात, जे खरंच आरोपी नसतात ते लढत असतात. काही जण आरोपी नसतानाही आरोपी ठरतात, कारण त्यांच्यावर आरोप करणारे पॉवरफुल असतात. आरोप सिद्ध झाला तरच तो गुन्हेगार अन्यथा आरोपी असूनही बिनदिक्कत पसार. शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे आरोप... #आरोप१ चला तर मग लिहूया. #collab #yqtaai #cinemagraph