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Mokshada mishra
mohabbat ki ahat ko aur ishq ki likhawat ko badal pana aasan nahi hai ae dost ज़रा सी समझ की फेर में अर्थ का अनर्थ कर देती हैं । कलम with mishraji ©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ #Morning
संदीप धाकड़ तिनस्याई
दिल लगी का कसूरवां हमे ठहरा दिया। इश्क आपने किया दिवाना हमें बता दिया। वेशक तेरे मौज में मस्त हैं हम भी । दूर आपने किया गुनेहगार हमें बता दिया कसूरवार
N M
अपने कर्मों की किसी को क्या दोष देना जब स्वयं का वक्त खराब हो| मैं ही गुनाहगार हूँ! मैं ही क़ुसूरवार हूँ... #क़ुसूरवार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi# कसूरवार
N M
अपने कर्मों की किसी को क्या दोष देना जब स्वयं का वक्त खराब हो| मैं ही गुनाहगार हूँ! मैं ही क़ुसूरवार हूँ... #क़ुसूरवार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi# कसूरवार
राज दीक्षित
"कसूरवार" तेरे अल्फ़ाज़ों से शुरू हुई थी जो मोहब्बत। मगर उसके कसूरवार सिर्फ हम ही क्यों थे।। कितनी बार मुझे अपने नाम से पुकारा था। मग़र उसमें भी दागदार सिर्फ हम ही क्यों थे।। हमने तो सुना था मोहब्बत भी खुदा का रूप है। मग़र उस रूप के गुनहगार,सिर्फ हम ही क्यों थे।। भरी महफ़िल में जाम तो तुमने भी पिया था। मग़र उसमें भी बदनाम सिर्फ़ हम ही क्यों थे।। मोहब्बत तो हमारी आब-ऐ-आईने से ना कम थी। मग़र उसमे भी बदसूरत सिर्फ़ हम ही क्यों थे।। सुना था मोहब्बत नसीब वालों को मिलती है। मग़र उसमें भी बदनसीब सिर्फ़ हम ही क्यों थे।। मेरी इल्तिफ़ात में कमी तो बिल्कुल ना थी। मग़र उसके भी शत्रु सिर्फ़ हम ही क्यों थे।। हमारी मोहब्बत सरेआम तोड़ी भी तुमने थी। मग़र उसमें भी उदास सिर्फ हम ही क्यों थे।। ***** #कसूरवार
ganesh suryavanshi
उम्मीदों ने जगाया था कही अरमान... पर हर अरमान बेवफा हो कर हम से बिछ़डते गए... वफाई मे कोई कसर नही छोडी थी.. फिर भी हम कसूरवार बन गए थे.. ©ganesh suryavanshi कसूरवार.. #WritersSpecial
Shyam Gaur
I never said, but जिसकी गलती नहीं वो कसूरवार हो गया जिसने करी गलती वो एक नामदार हो गया कोई आए कोई जाए अब फर्क नहीं पड़ता मतलब पड़ा तो निठल्ला भी कामदार हो गया कच्चे धागे के लोग पक्के रिश्ते कैसे निभाते और वो टूटा एक दिन ऐसे की जंजीर हो गया #कसूरवार #नामदार
Arsh Deep(੧੩ਸਾਇਰ)
एक लम्हे से दीवार बना रहे थे हम के कोई हमरे बीच ना आए।। दीवार मुकमल हुई तो पता चला ये दीवार ही हमारे बीच आ गई।। १३शायर दीप हम खुद कसूरवार