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Anjana
इश्क़ क्या होता है ये कौन बताएगा #ग़ालिब# जब आंखें बेमतलब से बहने लगे जब उसको देखने के लिए आंखें तरस जाएं जब धड़कनें बेचैन हो जाएं उसके दिल से मिलने के लिए जब उससे बातें करने के लिए होंठ बेचैन हो जाएं जब हर तरफ़ वो ही दिखने लगे तो क्या इश्क़ होने की हैं सब निशानियां ये #मेरे लफ़्ज़# ©Anjana #इश्क़ होने की निशानियां
तुषार"आदित्य"
कहा ढूंढने चल दिये तुम,सच्चाई की निशानियां। अब तो समझो झूठी थी वो परियो की कहानियां। कहा ढूंढने चल दिये तुम,सच्चाई की निशानियां। अब तो समझो झूठी थी वो परियो की कहानियां।
❝Ꭰ♅ꂅꂅᏒᕱϳ КuოᕱᏒ❞❎🙂🙂
मेरे ना हो सके तो कुछ ऐसा कर दो♥️ मै जैसा था ! मुझे वैसा कर दो पहली बार की निशानियां
friendship life
क्या सूरज के बिना कभी गुड़हल को खिलते देखा है, क्या चांद के बिना कभी चमेली को चमेली को महकते देखा है, ऐ मोहब्बत से नफरत करने वालों, जरा बताओ मुझे, क्या सारस को कभी अकेले उड़ते देखा है... लोग कहते है कुदरत बनाने वाले ने भी क्या खूब खूबियां बनाई हैं, उस खुदा ने भी मोहब्बत की निशानियां बनाई है...... ©friendship life खुदा ने भी मोहब्बत की निशानियां बनाई है ... ❣️❣️🥀🥀
Monu Kumar Baitha
Pnkj Dixit
😍👰🌷💓 मैं तुम्हारी मुहब्बत में मयकदा हो जाऊं गुलाबी लबों के जाम पिला दो हमें तुम मदहोश कर अपनी अदाओं से अपना दीवाना बना दो हमें तुम हम ना भूल पाए तेरी अदा की निशानियां कुछ इस तरह से मोहब्बत जता दो हमें तुम 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा 'बेधड़क' 😍👰🌷💓 मैं तुम्हारी मुहब्बत में मयकदा हो जाऊं गुलाबी लबों के जाम पिला दो हमें तुम मदहोश कर अपनी अदाओं से अपना दीवाना बना दो हम
Nisheeth pandey
शीर्षक-शज़र 🥦🥦🥦🥦🥦🥦 वो बचपन वो निल गगन वो अज़ीम बरामदा मेरा वो अज़ीम शज़र की साख में रस्सी बंधा वो बचपन की चहचहाट वो शाम का लाड़ वो झूलो की मस्ती वो शज़र का दुलार वो ठंडी छाव वो चिड़ियों के बसेरे वो फल फूलों से मँहकना मुहल्ला का मेरे याद जब आए तो दिल हो जाये मुनव्वुर अब यादें बस यादें आखों में ग़म-गुसार वो बरामदा वो शज़र की निशानियां भी मिटे सारे अब वो चंचलता वो खिलखिलाहट वो खुशियाँ रूठे सारे वो शज़र की छांव जैसे माँ की आँचल की छांव अब वो शज़र नहीं लगता यूँ उठ गया मां का प्यार #निशीथ ©Nisheeth pandey #Shajar वो बचपन वो निल गगन वो अज़ीम बरामदा मेरा वो अज़ीम शज़र की साख में रस्सी बंधा वो बचपन की चहचहाट वो शाम का लाड़ वो झूलो की मस्ती वो श
Anchal Pandey
ऐसे समय में जब परिस्थितियां प्रतिकूल हैं, अपने भीतर बसे मानव को.. भारत को जीवंत रखने के लिए हम सभी अभिनंदन के पात्र हैं। संतोष मिलता है देखकर कि आगे बढ़कर मना रहे हैं हम आरोग्य का उत्सव। अतः मेरी ओर से दो धन्यवाद.... एक आपको और एक खुदको 🙏। एक अदृश्य शत्रु से लड़ते हुए काफी वक्त बिता दिया है हमने। इस बीते समय की निशानियां कुछ सख्त आदतों, हिदायतों, थोड़े अनुशासन और जागरूकता के रू